Advertisement

Kesari Veer Movie Review: शिव भक्त बनकर आए सुनील शेट्टी-सूरज पंचोली, लेकिन कमजोर स्क्रीनप्ले ने कर दिया बेड़ा गर्क!

फिल्म केसरी वीर थियेटर्स पर दस्तक दे चुकी है. अगर आप सुनील शेट्टी, सूरज पंचोली और विवेक ओबेरॉय की इस फिल्म को देखने का प्लान कर रहे हैं तो पहले एक बार इसका रिव्यू ज़रूर पढ़ें.

23 May, 2025
( Updated: 07 Dec, 2025
10:29 AM )
Kesari Veer Movie Review: शिव भक्त बनकर आए सुनील शेट्टी-सूरज पंचोली, लेकिन कमजोर स्क्रीनप्ले ने कर दिया बेड़ा गर्क!
केसरी वीर मूवी रिव्यू

कास्ट:  सुनील शेट्टी, सूरज पंचोली और विवेक ओबेरॉय

डायरेक्टर: प्रिंस धीमान और कनुभाई चौहान

रेटिंग्स: 2.5 Stars

सुनील शेट्टी, सूरज पंचोली और विवेक ओबेरॉय की फिल्म केसरी वीर का फैंस बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, अब फाइनली लोगों का इंतजार ख़त्म हो गया है. थियेटर्स पर ये ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म फिल्म रिलीज हो गई है. बॉलीवुड में अब तक कई ऐतिहासिक फिल्में रिलीज हुईं हैं, पद्मावत से लेकर छावा जैसी फिल्मों ने लोगों का दिल जीत लिया था. अब केसरी वीर बॉक्स ऑफिस पर आ गई है. 

फिल्म की रिलीज के बाद हर किसी को इंतजार रहता है, उसके रिव्यू का. हर कोई फिल्म देखने का प्लान करने से पहले इंटरनेट पर मूवी रिव्यू पर नजर ज़रूर डालते हैं, उसके बाद तय करते हैं कि उन्हें ये फिल्म देखनी है या नहीं. अगर आप भी इस वीकेंड केसरी वीर देखने की सोच रहे हैं तो पहले एक बार उसका रिव्यू ज़रूर देख लें. 

कैसी है फिल्म की कहानी? 

ये कहानी है गुजरात में पैदा हुए 16 साल के वीर योद्धा और शिव भक्त हमीर जी गोहिल की, जिन्होंने 14वीं शताब्दी में सोमनाथ मंदिर पर हमला करने वाले ज़फ़र खान जिसे अलाउद्दीन खिलजी का सेनापति कहा जाता था, उसके साथ पूरी बहादुरी से मुकाबला किया था. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह से हमीर जी गोहिल यानि सूरज पंचोली, ज़फ़र खान यानि विवेक ओबेरॉय से मंदिर को  बचाने के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा देते हैं. वहीं शिव भक्त वेगदाजी यानि सुनील शेट्टी इस दौरान सुरज पंचोली की किस तरह से मदद करते हैं, हमीर ने इस संघर्ष में क्या कुछ खोया और पाया यही सब जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी पड़ेगी. 

कमजोर है फिल्म का स्क्रीनप्ले!

फिल्म की कहानी तो अच्छी है, जो एक वीर योद्धा के बारे में हैं, लोगों को भारत के इतिहास के बारे में जानना भी चाहिए, लेकिन फिल्म के स्क्रीनप्ले में बहुत कमियां हैं, फिल्म की कमजोर राइटिंग ने इसे पद्मावत, छावा और बाजी राव मस्तानी के पास तक नहीं पहुंचने दिया है. फिल्म को कानुभाई चौहान और क्षितिज श्रीवास्तव ने साथ मिलकर लिखा है, फिल्म का  स्क्रीनप्ले इतना कमजोर है की कई जगहों पर कहानी भटकती दिखाई देती हैं, जो दमदार इम्पैक्ट पढ़ना चाहिए था, उसपर फिल्म की राइटिंग ने पानी फेर दिया है, एक दमदार कहानी को कमजोर स्क्रीनप्ले  ने ख़राब कर दिया है.

फिल्म का फर्स्ट हाफ बोरिंग है और दर्शकों को निराश करता है, लेकिन दूसरे हाफ में फिल्म की कहानी दिलचस्प मोड़ के साथ आगे बढ़ती है, फिल्म के कुछ क्लाइमेंक्स सीन दमदार हैं, लेकिन फर्स्ट हाफ में कुछ सीन बहुत ही कमजोर लगते हैं. वहीं फिल्म की सिनेमैटोग्राफी ठीक ठाक है. फिल्म में ज़रूरत से ज्यादा स्लो मो सीन लिए गए हैं, जो फिल्म पर बुरा इमपैक्ट डालते हैं. 


एक्टिंग

फिल्म में सभी कलाकारों ने अच्छा काम किया है, सूरज पंचोली ने इस फिल्म के ज़रिए काफी टाइम बाद वापसी की है. एक्शन सीन में सूरज पंचोली काफी जमे हैं, उनकी एक्टिंग में भी पहले से काफी सुधार आया है, एक्टर ने अपने किरदार के लिए जो मेहनत की है वो दिखाई भी देती है. वो हमीर गोहिल के किरदार में खूब जचे हैं. हमीर के लिए उनका ट्रांसफॉरमेशन कमाल का है. लेकिन कुछ इमोशनल सीन्स में वो थोड़े कमजोर लगे हैं. शिव भक्त वेगदाजी के किरदार में  सुनील शेट्टी भी एक दम फ़िट बैठते हैं, उनकी दमदार एक्टिंग फिल्म में थोड़ी जान डालती है.

वहीं विवेक ओबेरॉय विलेन के रोल में कमाल के लगे हैं. एक्टर की जानदार एक्टिंग फिल्म के लिए मज़बूत कड़ी बनती है, वहीं फिल्म में आकांक्षा शर्मा ने इस फिल्म के ज़रिए बॉलीवुड में डेब्यू किया है, उनके पास फिल्म में कुछ ख़ास करने को नहीं था, वो सूरज पंचोली के लव इंटरेस्ट के रोल में नज़र आई हैं, फ़िलहाल उन्हें अपनी एक्टिंग पर काम करने की थोड़ी और ज़रूरत है. 

म्यूजिक

फिल्म का म्यूजिक मोंटी शर्मा ने दिया है, फिल्म का म्यूजिक अच्छा है, हर हर शंभु गाना आपकी रूह को छूने में कामयाब होता है, वहीं गरबा सांग में सूरज और आकांक्षा शर्मा की जोड़ी काफी अच्छी लगती है. लेकिन फिल्म में बेवजह गाने भर दिए गए हैं जो फिल्म की कहानी को बोर करने पर मजबूर कर देते हैं. 

डायरेक्शन

फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी इसका डायरेक्शन है, प्रिंस धीमान और कनुभाई चौहान ने फिल्म को डायरेक्ट किया है. कनुभाई ने फिल्म को क्षितिज श्रीवास्तव के साथ मिलकर लिखा  है, फिल्म के डायरेक्शन और राइटिंग पर और मेहनत करने की ज़रूरत थी. जिससे वो फिल्म के एक्टर्स को और अच्छे से दिखा सकते थे. फिल्म का ना सिर्फ डायरेक्शन काफी कमजोर है, बल्कि VFX भी एवरेज है, जिसपर और अच्छे से काम करना चाहिए था. 

बता दें कि केसरी वीर पद्मावत, छावा और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों की लीग में खड़ी नही होती है. लेकिन वीर योद्धा के लिए आप इस फिल्म को एक बार तो ज़रूर देख सकते हैं. 

यह भी पढ़ें

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें