अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ दर पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का बयान सामने आया है. भारत की तरफ से जारी बयान में ट्रंप के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है.
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न्यूज06 Aug, 202509:50 PM'अपने हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगे...', ट्रंप द्वारा 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ दर पर भारत का करारा जवाब, कहा - हमारा उद्देश्य 140 करोड़ भारतीयों की रक्षा करना
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न्यूज04 Aug, 202511:58 PM'ट्रंप की धमकियों से नहीं डरने वाले...', रूसी कंपनियों से तेल खरीद पर अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत का करारा जवाब
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रूस से तेल खरीदारी जारी रखने पर सोमवार को दी गई धमकी का करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 'देश की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा में जो कुछ भी होगा वह किया जाएगा. हम धमकियों से डरने वाले नहीं हैं.'
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न्यूज07 Jul, 202508:46 PMपीएम मोदी ने दलाई लामा को दी जन्मदिन की बधाई तो बिलबिलाया चीन, भारत के रुख से बार-बार लग रही मिर्ची... जानें क्या कहा
पीएम मोदी द्वारा तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर बधाई संदेश देने पर चीन को बड़ी मिर्ची लगी है. चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 'भारत को तिब्बत से जुड़ी संवेदनशीलता को पूरी तरह से समझना चाहिए. अलगाववादी प्रकृति को पहचानना चाहिए.'
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न्यूज06 Jul, 202507:52 PMतोपों की आवाज, मौत का डर, 23 की उम्र और शरीर पर सेना की वर्दी... आखिर कैसे 1959 में भारत पहुंचे दलाई लामा? जानिए उनकी यात्रा की पूरी कहानी
तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के भारत में बसने की कहानी कई वजहों से काफी खास है. 60 साल पहले जब कड़कड़ाती ठंड का मौसम था. चारों तरफ सिर्फ तोपों की आवाज सुनाई दे रही थी. चीनी सेना ने तिब्बत को घेर रखा था, लेकिन उसी जंग के बीच चुपचाप 23 साल का एक लड़का भिक्षु की वेशभूषा में खुद की जान बचाते हुए आजादी की ओर कदम बढ़ाया. इस दौरान उन्होंने हिमालय में दो हफ्ते तक कड़ी साहसिक यात्रा की. उसके बाद 31 मार्च 1959 को वह भारत की सीमा पर पहुंचे, जहां भारतीय सैनिकों ने उनका स्वागत किया. इस स्टोरी में जानते हैं कि दलाई लामा कैसे चीन और तिब्बत के बीच चल रही जंग के दौरान भारत पहुंचे और कैसे वह भारत में बसें? इस दौरान उन्हें किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
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न्यूज05 Jul, 202506:08 PMदलाई लामा मामले में चीन की दखलंदाजी से भड़का तिब्बत, कहा - पहले खुद का पुनर्जन्म खोजें....
तिब्बत के निर्वासित सरकार के प्रमुख पेन्पा त्सेरिंग ने दलाई लामा के पुनर्जन्म मामले पर चीन द्वारा हस्तक्षेप करने की प्रक्रिया का कड़ा विरोध जताया है. उनका कहना है कि चीन बिना मतलब का दखलंदाजी कर रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पुनर्जन्म एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है. ऐसे में चीन कैसे तय कर सकता है कि अगला दलाई लामा कहां पैदा होगा? आध्यात्मिक गुरु इसका चयन खुद से करते हैं कि उन्हें कहां पैदा होना है? बता दें कि यह बयान धर्मगुरु दलाई लामा की 90वीं वर्षगांठ से पहले आया है. पेन्पा धर्मशाला के मैकलियोडगंज से निर्वासित तिब्बती सरकार का नेतृत्व करते हैं.
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न्यूज04 Jul, 202511:09 PM'किसी और को बोलने की कोई जरूरत नहीं...', दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर भारत ने खारिज की चीन की आपत्ति, इशारों में दिया दखल न देने का संदेश
दलाई लामा के उत्तराधिकारी चयन मामले को लेकर चल रहे विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि 'आस्था और धर्म से जुड़ी मान्यताओं और प्रथाओं पर भारत किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करता है.'
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न्यूज30 May, 202507:28 AM'पहले कुख्यात आतंकियों को सौंपे, तभी बातचीत पर विचार किया जाएगा', सिंधु जल संधि समझौते पर भारत की पाकिस्तान को दो टूक
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में भारत के साथ आतंकवाद सहित कई अन्य मुद्दे पर बातचीत की खुली पेशकश की थी. जिसके बाद भारत ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि 'आतंकवाद के मुद्दे पर तभी बातचीत होगी, जब भारत द्वारा सौंपी गई सूची के आधार पर आतंकवादियों को हमारे हवाले किया जाए. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से उसके अवैध कब्जे वाला हिस्सा खाली करने के बारे में ही बात की जाएगी.
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कड़क बात16 Apr, 202506:14 PMवक्फ कानून पर पाकिस्तान की टिप्पणी से भड़का भारत, विदेश मंत्रालय ने कहा- अपने गिरेबान में झांके पाक
भारत में जबसे वक्फ बोर्ड संशोधित बिल पास हुआ है, पाकिस्तानियों के सीने पर सांप लोट रहा है पाकिस्तान विरोध करते हुए भारत को आंख दिखा रहा है. अब भारत ने इन मामलों में पाकिस्तान के पैर अड़ाने पर तगड़ा बयान दिया है. भारत ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर पाकिस्तान की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि उसे दूसरों को उपदेश देने के बजाय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के अपने ‘‘बेहद खराब'' रिकॉर्ड को देखना चाहिए.