Advertisement

क्या है Trump का "मास डिपोर्टेशन" प्लान? 226 साल पुराने कानून से Indians पर भी पड़ेगा बड़ा असर

CNN के एग्जिट पोल के मुताबिक 87% ट्रंप समर्थकों का मानना है कि अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करना चाहिए। ट्रंप 1798 के एलियन एनेमी एक्ट को लागू करेंगे। ट्रंप ने इस कानून को लागू करने के लिए कई बार वादा किया है। उनका यह भी कहना है कि यह कानून उनके अधिकारियों को ज्यादा अधिकार देगा।

15 Nov, 2024
( Updated: 15 Nov, 2024
02:45 PM )
क्या है Trump का "मास डिपोर्टेशन" प्लान? 226 साल पुराने कानून से Indians पर भी पड़ेगा बड़ा असर

अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान देशवासियों से कई बड़े वादे किए थे। ट्रंप को जीत के बाद अपने सभी वादों को पूरा करना एक बड़ा चैलेंज है। 4 नवंबर को अमेरिका में हुई एक रैली में ट्रंप ने कहा था कि अमेरिकी जमीन पर रह रहे। हर एक अवैध प्रवासियों को हटाने के लिए 226 साल पुराने कानून को लागू करेंगे। मतलब अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। 

1798 के एलियन एक्ट को लागू करेंगे ट्रंप 

CNN के एग्जिट पोल के मुताबिक 87% ट्रंप समर्थकों का मानना है कि अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करना चाहिए। ट्रंप 1798 के एलियन एनेमी एक्ट को लागू करेंगे। ट्रंप ने इस कानून को लागू करने के लिए कई बार वादा किया है। उनका यह भी कहना है कि यह कानून उनके अधिकारियों को ज्यादा अधिकार देगा। इस कानून से अमेरिका में बसे संदिग्ध प्रवासियों और ड्रग डीलरों को खदेड़ने में कामयाबी मिलेगी। बता दें कि ट्रंप का कार्यकाल 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद शुरू होगा। 

"डिपोर्टेशन" प्लान के लिए टॉम होमन को किया नियुक्त 

ट्रंप ने डिपोर्टेशन प्लान को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्लान के लिए उन्होंने टॉम होमन को नियुक्त किया है। जिसे "मास डिपोर्टेशन" नाम दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि साल 1798 में यह कानून लागू हुआ था। उस दौरान जॉन एडम्स अमेरिका के राष्ट्रपति थे। 

कब और कैसे लागू हो सकता है यह कानून 

दरअसल, इस कानून को 2 परिस्थितियों में लागू किया जा सकता है। पहला तो तब जब अमेरिका और किसी दूसरे देश के बीच युद्ध छिड़ जाए। दूसरा जब अमेरिका में कोई घुसपैठ करने या आक्रमण करने की कोशिश करें या फिर ऐसा करने की धमकी दे। इन  हालातो में साल 1798 का एलियन ऐनेमी एक्ट कानून लागू किया जा सकता है। 

आखिर इस कानून का इस्तेमाल क्यों करना चाहते हैं ट्रंप? 

अमेरिका के नागरिक बनकर बगैर दस्तावेज या अवैध तरीके से रह रहे लोगों को इस कानून के तहत "विदेशी दुश्मन" करार दिया जाएगा। इस कानून के तहत प्रवासियों को हिरासत में लेकर उन्हें डिपोर्ट किया जा सकता है। यह कानून पहले सिर्फ पुरुषों के लिए लागू होता था। लेकिन साल 1918 में इसमें संशोधन किया गया और विदेशी महिलाओं के लिए भी लागू हुआ। इस कानून के तहत 14 साल से ऊपर के सभी विदेशी पुरुष या महिला नागरिक आते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि कानून के तहत डिपोर्ट किए जा रहे विदेशी नागरिकों को किसी भी तरीके से अपील का कोई अधिकार नहीं होता। हालांकि कुछ लोग अपील कर सकते हैं। लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी मुश्किल है। ऐसे मामलों पर कोर्ट भी अपना फैसला नहीं देती है। वह इस तरह के केसेस राष्ट्रपति पर डाल देती है। कोविड के बाद बॉर्डर खुलने से बिना दस्तावेज कई भारतीय अमेरिका में प्रवेश किए थे। लेकिन जून 2024 तक 1,60,000 प्रवासियों को वापस भेज दिया गया था। 

अमेरिका में कितने प्रवासी रह रहे? 

अमेरिका में 90 के दशक में कुल 35 लाख अवैध प्रवासियों की संख्या थी। लेकिन 2022 तक इनका आंकड़ा 1 करोड़ के पार चला गया। अमेरिका में कई हजार भारतीय हैं। एक आंकड़े के मुताबिक अक्टूबर 2022 से लेकर सितंबर 2023 के बीच 96,000 से ज्यादा भारतीयों को बगैर दस्तावेज के प्रवेश करते पकड़ा गया था। इनमें कुछ की कंट्री हो गई। कुछ को वापस भेज दिया गया। 

आखिर कब-कब लागू हुआ यह काम? 

यह भी पढ़ें

आपको बता दें कि यह कानून अक्सर युद्ध के समय ही लागू किया गया है। अब तक कुल तीन बार यह कानून लागू किया गया है। पहली बार 1812 को दूसरी बार पहले विश्व युद्ध में और तीसरी बार दूसरे विश्व युद्ध में लागू किया गया था। बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लाखों नागरिकों को हिरासत में लिया गया था।

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें