Advertisement

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बिगड़े हालात... इंटरनेट सेवा ठप होने से हाहाकार, शिक्षा, व्यवसाय और मीडिया रिपोर्टिंग सब प्रभावित

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सुरक्षा कारणों से इंटरनेट सेवाएं कई दिनों से बंद हैं. प्रांतीय सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान तनाव बढ़ने के चलते यह कदम उठाया है. पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी ने 31 अगस्त तक इंटरनेट निलंबित रहने की घोषणा की है.

10 Aug, 2025
( Updated: 13 Aug, 2025
03:31 PM )
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बिगड़े हालात... इंटरनेट सेवा ठप होने से हाहाकार, शिक्षा, व्यवसाय और मीडिया रिपोर्टिंग सब प्रभावित

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पिछले कई दिनों से इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के कारण शिक्षा, ऑनलाइन व्यवसाय और मीडिया रिपोर्टिंग गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है. प्रांतीय सरकार ने यह कदम सशस्त्र समूहों के बीच संचार को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की सलाह पर उठाया है.

अगस्त के राष्ट्रीय दिवस समारोह के मद्देनजर सुरक्षा कारण

अधिकारियों ने बताया कि अगस्त माह में बढ़ते तनाव और पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया. पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी (पीटीए) ने आधिकारिक अधिसूचना जारी कर बताया कि 31 अगस्त तक बलूचिस्तान में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. 'द बलूचिस्तान पोस्ट' के अनुसार, छात्रों ने ऑनलाइन क्लास में भाग लेने में असमर्थता जताई है. वे न केवल लेक्चर में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि अपने असाइनमेंट भी जमा नहीं कर पा रहे. ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी गंभीर बताई जा रही है, जहां पहले से संसाधनों की कमी है. क्वेटा, तुर्बत, खुजदार और पंजगुर के फ्रीलांसरों व उद्यमियों ने बताया कि इंटरनेट बंद होने से उनकी आजीविका ठप हो गई है. एक व्यवसायी ने कहा, "हमारा पूरा काम इंटरनेट पर निर्भर है. सेवाएं बंद होने से आर्थिक नुकसान हो रहा है."

मीडिया की आवाज पर भी लग गई पाबंदी 


इंटरनेट बंद होने से मीडिया संस्थान भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. पत्रकारों का कहना है कि वे क्षेत्र से रिपोर्ट साझा नहीं कर पा रहे हैं और इसे ‘इन्फॉर्मेशन ब्लैकआउट’ कहा जा रहा है. मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले को नागरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है.  उनका मानना है कि इंटरनेट बंद करना शिक्षा, आर्थिक गतिविधियों और सूचना तक पहुंच के मौलिक अधिकारों पर प्रहार है.

पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद की कड़ी निंदा

क्षेत्रीय राजनीतिक और सामाजिक संगठन सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह सुरक्षा बढ़ाने के बजाय जनता पर सामूहिक दंड थोप रही है. क्षेत्र में कई अन्य प्रतिबंध भी लगाए गए हैं, जिनमें 15 अगस्त तक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने पर रोक और धार्मिक यात्रा प्रतिबंध शामिल हैं. पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद (एचआरसी) ने भी बलूचिस्तान में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं के निलंबन की निंदा की है. परिषद ने इसे मौलिक मानवाधिकारों का ‘घोर उल्लंघन’ करार दिया. एचआरसी के बयान में कहा गया, "सरकार का 6 अगस्त से 3जी और 4जी मोबाइल इंटरनेट बंद करने का कदम निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाता है. यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मौलिक अधिकारों का हनन है."

सवाल उठाया गया इंटरनेट बंद करने की वैधता पर

यह भी पढ़ें

एचआरसी ने सवाल किया कि क्या पूरे प्रांत को संचार से वंचित कर देना और शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार पर बुरा प्रभाव डालना एक वैध रणनीति हो सकती है. उन्होंने कहा, "इंटरनेट बंद करने से आतंकवादियों को नहीं, बल्कि आम जनता को नुकसान होता है. यह सामूहिक दंड की नीतियों से ज्यादा कुछ नहीं."

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें