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तालिबान की मार से नहीं बच पाए पाकिस्तानी, चेक पोस्ट छोड़ भागे

तालिबानी लड़ाकों ने अफगान सीमा के पास खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिले में पाकिस्तानी सेना की एक सैन्य चौकी पर कब्जा कर लिया. इतना ही नहीं, इस दौरान हुई गोलाबारी में 15 से ज्यादा लोग भी मारे गए हैं

01 Jan, 2025
( Updated: 01 Jan, 2025
10:28 AM )
तालिबान की मार से नहीं बच पाए पाकिस्तानी, चेक पोस्ट छोड़ भागे
पाकिस्तान की एक गलती ने तालिबान को पूरा मौक़ा दिया कि वो पाकिस्तान को तबाह कर दे।पाकिस्तान की तरफ़ से अफ़ग़ानिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक में 45 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई।जिसमें बच्चों और महिलाओं की जान भी गई।जिसके बाद ग़ुस्से से लाल तालिबान ने पाकिस्तान पर अटैक कर दिया। तब अफ़ग़ानिस्तान ने दावा किया है कि उनकी तरफ से पाकिस्तान के इलाके में कई हवाई हमले किए गए। जिसमें 19 पाक जवानों की मौत हुई। इसके साथ 2 चौकियों पर कब्जे का दावा भी किया। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके बलों ने पिछले हफ्ते देश पर हुए घातक हवाई हमलों के जवाब में पाकिस्तान के अंदर कई स्थानों पर हमला किया। हालांकि तालिबानी रक्षा मंत्रालय ने बाक़ी और कोई जानकारी नहीं दी। यह भी नहीं बताया गया कि हमलों को कैसे अंजाम दिया गया। अब तो ख़बर सामने आ रही है कि तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तान के सैनिकों को खदेड़ा है। दावा किया जा रहा है कि तालिबानी लड़ाकों ने अफगान सीमा के पास खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिले में पाकिस्तानी सेना की एक सैन्य चौकी पर कब्जा कर लिया. इतना ही नहीं, इस दौरान हुई गोलीबारी में 15 से ज्यादा लोग भी मारे गए हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में पाकिस्तानी पोस्ट पर तालिबानी लड़ाकों को हथियारों के साथ जश्न मनाते देखा जा सकता है। उन्होंने आर्मी पोस्ट से पाकिस्तान का झंडा उखाड़कर टीटीपी का झंडा भी लहरा दिया।

दोनों के बीच सबसे बड़ा विवाद डूरंड लाइन का है लेकिन अब किसी भी अफगान सरकार ने इस लाइन को मान्यता नहीं दी। पाकिस्तान इस रेखा पर बाड़ लगा रहा है, लेकिन तालिबान ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। तालिबान लड़ाके कई बार इसके विरोध में हमला भी कर चुके हैं। वहीं तालिबान नेता पाकिस्तान को उसी दांव से चित कर रहे हैं, जो वह दो दशकों तक अपने क्षेत्र में तालिबान की गतिविधियों को रोकने के लिए पहले की अफगान सरकार और अमेरिकी की मांगों को खारिज करने के लिए देता रहा है। पाकिस्तान की तरह ही अब तालिबान तर्क दे रहा है कि टीटीपी एक आंतरिक पाकिस्तानी मुद्दा है और उसे अपने स्तर पर निपटना चाहिए।

अब तालिबान जिस तरीके से पाकिस्तान को मज़ा चखा रहा है उससे ये साफ होता है कि पाकिस्तानी आर्मी पर तालिबानी लड़ाके कितने भारी पड़ रहे हैं। पाकिस्तानियों को अब समझ आ गया होगा कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती अफ़ग़ानिस्तान पर अटैक करके की। वो पछता रहे होंगे। आख़िर उन्होंने ये क्या कर दिया। लेकिन अब जो किया उसका ख़ामियाज़ा तो भुगताना होगा। और भुगतना पड़ भी रहा है।

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