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पहले कमरे में बंद कर जिंदा जलाया, फिर गोलियों से भूना...नाइजीरिया में बंदूकधारियों ने किया कत्लेआम, 100 की दर्दनाक मौत

नाइजीरिया के येलेवाटा गांव में शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक चले भीषण हमले में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल नाइजीरिया ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि अब भी कई लोग लापता हैं. दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें उचित चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल पा रही है. कई परिवारों को उनके ही कमरों में बंद कर ज़िंदा जला दिया गया.

पहले कमरे में बंद कर जिंदा जलाया, फिर गोलियों से भूना...नाइजीरिया में बंदूकधारियों ने किया कत्लेआम, 100 की दर्दनाक मौत

नाइजीरिया के सेंट्रल बेन्यू राज्य से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. येलेवाटा गांव में शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक चले भीषण हमले में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई है. इस नरसंहार की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल नाइजीरिया ने की है.

एमनेस्टी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस हमले को लेकर जानकारी साझा करते हुए बताया कि हमला सुनियोजित और बेहद क्रूर था. संगठन ने लिखा, “अब भी कई लोग लापता हैं. दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें उचित चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल पा रही है. कई परिवारों को उनके ही कमरों में बंद कर ज़िंदा जला दिया गया.” एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आगे बताया कि बेन्यू राज्य में ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और सशस्त्र हमलावर अब पूरी तरह बेखौफ हो चुके हैं. संगठन ने इस बात पर भी चिंता जताई कि ज्यादातर पीड़ित किसान हैं, जिससे इलाके में खाद्य सुरक्षा पर भी गहरा संकट मंडराने लगा है. हमलावरों ने गांव पर धावा बोलने के बाद घरों को आग के हवाले कर दिया, और अंधाधुंध गोलीबारी की. स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों को घटनास्थल पर भेजा गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ़्तारी की पुष्टि नहीं हुई है. 

जमीन विवाद हिंसा की जड़ 
जानकारी देते चलें कि बेन्यू राज्य, जिसे नाइजीरिया का "मिडिल बेल्ट" कहा जाता है, एक बार फिर सांप्रदायिक और क्षेत्रीय संघर्ष की चपेट में है. यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल उत्तर और ईसाई बहुल दक्षिण के बीच स्थित है, जहां सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के साथ-साथ जमीन को लेकर लंबे समय से टकराव की स्थिति बनी हुई है. मुख्य रूप से चरवाहों और किसानों के बीच जमीन को लेकर विवाद बीते कई वर्षों से गहराता चला गया है. चरवाहे अपने मवेशियों के लिए चरागाह की तलाश में रहते हैं, जबकि दूसरी ओर किसान खेती योग्य भूमि के संरक्षण को लेकर चिंतित हैं. दोनों समुदायों की जीवनशैली में मूलभूत अंतर होने के कारण टकराव समय-समय पर हिंसक झड़पों में बदल जाता है.

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पहले भी हो चुके हैं हमले
नाइजीरिया के बेन्यू राज्य में हुई ताज़ा हिंसा ने क्षेत्र में जातीय और धार्मिक तनाव को और अधिक गहरा कर दिया है. यह कोई पहली घटना नहीं है, बीते माह भी इसी राज्य के ग्वेर वेस्ट जिले में संदिग्ध चरवाहों द्वारा हमला कर कम से कम 42 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इन सिलसिलेवार हत्याओं को लेकर रिसर्च फर्म SBM इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 से अब तक ऐसे हिंसक संघर्षों में 500 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि लगभग 22 लाख लोग अपने घरों से बेघर होकर विस्थापित जीवन जीने को मजबूर हैं.

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