J-10C की फर्जी शान के पीछे HQ-9 की नाकामी छुपा रहा चीन, डॉक्युमेंट्री बनाकर लगा रहा पाक को चुना
चीन ने अपने J-10C फाइटर जेट की झूठी शान दिखाने के लिए डॉक्युमेंट्री बनाई है, लेकिन पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के मिसाइल अटैक से फेल हुए HQ-9 डिफेंस सिस्टम पर चुप्पी साधे बैठा है.
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भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है, लेकिन अब इस जंग में एक और खिलाड़ी कूद चुका है—चीन। चीन ने अपने फाइटर जेट J-10C पर डॉक्युमेंट्री बनाकर इसे एक महान उपलब्धि के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है। सरकारी मीडिया CCTV ने 'The Legend of the J-10' नामक डॉक्युमेंट्री जारी की है जिसमें इस विमान को चीन के युवाओं में देशभक्ति जगाने का जरिया बताया गया है। पर असलियत यह है कि इस डॉक्युमेंट्री के पीछे चीन का असली मकसद वैश्विक हथियार बाजार में J-10C को बेचना और ताइवान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अपनी सैन्य ताकत का दिखावा करना है।
पाकिस्तान के झूठे दावे और सबूतों की कमी
चीन की तरह पाकिस्तान भी झूठी शेखी बघारने में पीछे नहीं है. पाक ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसने भारत के लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया, लेकिन न तो कोई वीडियो फुटेज है, न कोई रडार रिकॉर्डिंग, और न ही किसी विमान के मलबे की तस्वीर. केवल पाकिस्तानी रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय के मौखिक बयान सामने आए हैं. भारत ने इन दावों को पूरी तरह नकारा है और इंडियन एयरफोर्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की सीमा में कोई भारतीय विमान नहीं गिरा और भारतीय हमले सफल और सटीक थे.
भारत के हमलों में नाकाम रहा HQ-9 सिस्टम
चीन और पाकिस्तान की साजिश सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं रही. पाकिस्तान ने अपने प्रमुख एयरबेसों की सुरक्षा के लिए चीन निर्मित HQ-9 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किए थे. लेकिन ये सिस्टम भारत के ब्रह्मोस और हारोप मिसाइलों के आगे पूरी तरह फेल हो गए. भारतीय वायुसेना ने महज 23 मिनट में पाकिस्तान के 11 एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचाया, जिनमें रहीम यार खान, रफीकी और नूर खान जैसे रणनीतिक ठिकाने शामिल थे. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि रहीम यार खान एयरबेस ICU में चला गया है.
जहां चीन J-10C की तारीफों के पुल बांध रहा है, वहीं HQ-9 की विफलता पर उसने चुप्पी साध रखी है. न ही ग्लोबल टाइम्स और न ही किसी रक्षा विश्लेषक ने HQ-9 की हार पर कोई टिप्पणी की है. यह चुप्पी चीन के रक्षा उद्योग की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. हालांकि कई पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञों और पत्रकारों ने भी HQ-9 की असफलता पर चिंता जताई है.
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में सटीक रणनीति, अत्याधुनिक हथियारों और साहसिक नेतृत्व का परिचय दिया. जबकि पाकिस्तान और चीन फर्जी प्रचार, झूठे दावों और हथियारों की विफलताओं में उलझे हैं. J-10C की मार्केटिंग और HQ-9 की खामोशी इस बात का प्रतीक है कि युद्ध के मैदान में पराक्रम की गूंज होती है, न कि प्रचार की. चीन और पाकिस्तान को यह समझना होगा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मान हथियार बेचने से नहीं, बल्कि सच्चाई और विश्वसनीयता से मिलता है.
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