Advertisement

राजधानी लखनऊ में शुभांशु शुक्ला का नवाबी स्वागत, अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव किया साझा, कहा- यह अद्भुत, कल्पना करना परे

अंतरिक्ष यात्रा से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सोमवार को अपने गृह जनपद लखनऊ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा बहुत शानदार थी, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. उस दौरान शरीर को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.

nmf-author
25 Aug 2025
( Updated: 25 Aug 2025
05:35 PM )
राजधानी लखनऊ में शुभांशु शुक्ला का नवाबी स्वागत, अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव किया साझा, कहा- यह अद्भुत, कल्पना करना परे
Subhanshu Shukla

अंतरिक्ष यात्रा से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सोमवार को अपने गृह जनपद पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से अपनी यात्रा के अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा बहुत शानदार थी, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. उस दौरान शरीर को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. अंतरिक्ष में बिताए गए समय के बारे में उन्होंने कहा कि यह काफी चुनौतीपूर्ण होता है. शुरू में ज्यादा दिक्कत होती है, फिर आपका शरीर वहां के माहौल के अनुसार ढल जाता है.

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान से भारत को देखना एक भावुक पल होता है, कि जहां से आप आए हैं और अब आप वहां से इतनी दूर हैं. अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव बहुत खास है. अंतरिक्ष से भारत बहुत सुंदर नजर आता है. उन्होंने कहा कि रोमांचकारी यात्रा पर जाने के पीछे अकेले वह नहीं है. इसमें पूरी टीम शामिल होती है, जो लगातार काम करती है. इतनी बड़ी सफलता में सभी का योगदान होता है.

‘पहली बार भारतीय एक्सपेरिमेंट अंतरिक्ष पर जाकर किए हैं…’

ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने कहा, "मुझे लगता है कि पहली बार भारतीय एक्सपेरिमेंट अंतरिक्ष पर जाकर किए हैं. बदलते भारत और विकसित भारत का जो 2047 का सपना है, वह किसी एक चीज से हासिल नहीं होगा, बल्कि उसके लिए विभिन्न पहलुओं के जरिये रोड मैप मिलेगा कि जहां जाना चाहते हैं वहां हम कैसे पहुंचे."

उन्होंने कहा कि इस यात्रा को सफल बनाने में उनका अपनी टीम पर विश्वास और टीम का उन पर विश्वास अहम रहा. उन्होंने कहा कि माइक्रोग्रैविटी भारत के लिए नए द्वार खोलती है. सिर्फ अंतरिक्ष विज्ञान में ही नहीं, बल्कि चिकित्सा, सामग्री अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में भी. जब हम यह समझते हैं कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में मानव शरीर और वस्तुएं कैसे व्यवहार करती हैं, तो हमें ऐसे नवाचार मिलते हैं जो धरती पर जीवन को बदल सकते हैं. भारत के लिए यह केवल अन्वेषण नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सशक्त बनाने वाले समाधान खोजने का अवसर है.

‘अंतरिक्ष में जाने का मिशन अपने आप में चैलेंज…’

मीडिया से मुखातिब शुभांशु ने कहा कि अंतरिक्ष में जाने का मिशन अपने आप में चैलेंज है. एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि एस्ट्रोनॉट तो सामने देखते हैं लेकिन उनके पीछे बहुत बड़ी टीम होती है. उन्होंने कहा कि यह बहुत चुनौती भरा होता है. आप बहुत सारी प्रॉब्लम सॉल्व करते हैं, जिनके बारे में आपको मालूम नहीं था कि आप कर सकते हैं. मुझे लगता है कि अगर हम हर पहलू को देखेंगे तो उससे हमें एक रोड मैप मिलेगा.

यह भी पढ़ें

उन्होंने कहा कि मैं कुछ समय पहले दिल्ली आया था. वहां पर काफी लोगों से मुलाकात हुई और वहां पर भी सम्मान हुआ. मैं जब से लखनऊ वापस आया हूं, मुझे जिस तरीके का सपोर्ट मिल रहा है, मैंने कल्पना नहीं की थी. उन्होंने कहा कि हमें आगे जो काम करना है, उसके लिए आज मुझे काफी साहस मिला है.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें