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हेमंत सोरेन ने ईडी के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में चल रही कार्यवाही को हाईकोर्ट में दी चुनौती

कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल शिकायतवाद पर सुनवाई के बाद 4 मार्च, 2024 को संज्ञान लिया था। बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। हेमंत सोरेन ने कोर्ट की ओर से इस मामले में संज्ञान लिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा है कि ईडी के जिन समन पर वह हाजिर नहीं हुए थे, उसका जवाब उन्होंने लिखित तौर पर दे दिया था। ये समन लैप्स होने के बाद नए समन पर वह ईडी के समक्ष हाजिर हुए थे और इसका अनुपालन किया था। ईडी ने उन्हें दुर्भावना से प्रेरित होकर बार-बार समन भेजा। इसी कारण शिकायतवाद को निरस्त किया जाए।

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03 Jan 2025
( Updated: 04 Jan 2025
08:31 AM )
हेमंत सोरेन ने ईडी के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में चल रही कार्यवाही को हाईकोर्ट में दी चुनौती
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में उनके खिलाफ रांची के एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही कार्यवाही को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट में शुक्रवार को सोरेन की याचिका पर सुनवाई हुई।  

उन्होंने इस केस में ईडी की ओर से दाखिल जवाब पर प्रतिउत्तर के लिए समय देने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने सोरेन को चार हफ्ते में प्रतिउत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है।

ईडी की ओर से सीजेएम कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ दर्ज कराई गई थी शिकायतवाद


ईडी की ओर से सीजेएम कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ 19 फरवरी, 2024 को शिकायतवाद दर्ज कराई गई थी। इसमें एजेंसी ने बताया है कि रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले को लेकर हेमंत सोरेन को पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था। इसके बाद इसी वर्ष उन्हें 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर और 2024 में 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी को भी समन भेजे गए थे। इस तरह उन्हें कुल दस समन भेजे गए, लेकिन इनमें से मात्र दो समन पर वह उपस्थित हुए। यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 एवं आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है।

कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल शिकायतवाद पर सुनवाई के बाद 4 मार्च, 2024 को संज्ञान लिया था। बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। हेमंत सोरेन ने कोर्ट की ओर से इस मामले में संज्ञान लिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा है कि ईडी के जिन समन पर वह हाजिर नहीं हुए थे, उसका जवाब उन्होंने लिखित तौर पर दे दिया था। ये समन लैप्स होने के बाद नए समन पर वह ईडी के समक्ष हाजिर हुए थे और इसका अनुपालन किया था। ईडी ने उन्हें दुर्भावना से प्रेरित होकर बार-बार समन भेजा। इसी कारण शिकायतवाद को निरस्त किया जाए।

Input: IANS

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