Advertisement

बिहार सरकार ने पहली बार गुड़ उद्योग को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई

बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने बुधवार को कहा कि राज्य में पहली बार बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन के साथ 81 गुड़ इकाइयों के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं और राज्य के चीनी मिलों में पेराई क्षमता लगभग दोगुनी होने से गन्ना उद्योग में व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं। इससे चीनी उत्पादन में बिहार अभी देश में पांचवें स्थान पर है और जल्द ही तीसरे स्थान पर होगा।

Created By: NMF News
25 Sep, 2024
( Updated: 25 Sep, 2024
06:53 PM )
बिहार सरकार ने पहली बार गुड़ उद्योग को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई

बिहार सरकार ने गुड़ उद्योग को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है। राज्य में पहली बार बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन के साथ 81 गुड़ इकाइयों के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। राज्य के चीनी मिलों में पेराई क्षमता लगभग दोगुनी होने से गन्ना उद्योग में व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं।  

बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने बुधवार को कहा कि राज्य में पहली बार बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन के साथ 81 गुड़ इकाइयों के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं और राज्य के चीनी मिलों में पेराई क्षमता लगभग दोगुनी होने से गन्ना उद्योग में व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं। इससे चीनी उत्पादन में बिहार अभी देश में पांचवें स्थान पर है और जल्द ही तीसरे स्थान पर होगा।

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 81 गुड़ इकाइयों की स्थापना के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों से आवेदन लेने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। इसके लिए विभाग ने केन केयर सॉफ्टवेयर का निर्माण किया है। इस योजना के अंतर्गत पूंजी अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसमें 5-20 टीसीडी (टन पेराई प्रतिदिन) की क्षमता की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 6 लाख रुपये तक, जो भी कम हो देय होगा।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार 21-40 टीसीडी की क्षमता स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रुपये तक जो भी हो, देय होगा। वहीं, 41-60 टीसीडी की क्षमता की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 45 लाख रुपए तक, जबकि 60 टीसीडी से अधिक क्षमता की स्थापना पर लागत का 20 प्रतिशत या 45 लाख रुपये, जो भी अधिक हो तथा अधिकतम एक करोड़ रुपए तक देय होगा।

उन्होंने बताया कि 500 लाख से अधिक के निवेश के लिए इकाइयों द्वारा लिए गए सावधि ऋण पर ब्याज आर्थिक सहायता-सावधि ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज या सावधि ऋण के वास्तविक ब्याज के दर जो भी कम हो, पांच वर्षों की अवधि तक, अधिकतम ब्याज आर्थिक सहायता परियोजना लागत की 50 प्रतिशत तक होगा। ब्याज आर्थिक सहायता उस अवधि की मूलधन राशि के भुगतान करने पर बैंक को अर्द्धवार्षिक, वार्षिक आधार पर दी जाएगी।

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार गन्ना की खेती तथा गन्ना आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए कृषि रोड मैप कार्यक्रम लागू कर रही है। कृषि रोड मैप कार्यक्रम के कार्यान्वयन के फलस्वरूप राज्य में चीनी का उत्पादन वर्ष 2006-07 में 4.51 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 6.87 लाख मीट्रिक टन हो गया है।


यह भी पढ़ें

Source: IANS

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें