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बिहार चुनाव से पहले राजीव प्रताप रूडी का बढ़ा कद, गृह मंत्री अमित शाह ने सौंपी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी को राणा सांगा कार्यक्रम के जरिए राजपूत समुदाय से जुड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. शाहाबाद इलाके पर खास ध्यान देते हुए भाजपा इस कार्यक्रम को भव्य पैमाने पर आयोजित कर समुदाय को एनडीए के साथ जोड़ने की कोशिश करेगी.

18 Sep, 2025
( Updated: 18 Sep, 2025
12:32 PM )
बिहार चुनाव से पहले राजीव प्रताप रूडी का बढ़ा कद, गृह मंत्री अमित शाह ने सौंपी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
Rajeev Pratap Rudy/ Amit Shah (File Photo)

बिहार चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बड़ा दांव खेला है. पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज नेता राजीव प्रताप रूढ़ी को राजपूत समुदाय को साधने के लिए विशेष तौर पर चुनाव को लेकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. रूढ़ी को 'राणा सांगा' कार्यक्रम के माध्यम से पूरे बिहार में राजपूत समुदाय को भाजपा और एनडीए के साथ जोड़ने का टास्क दिया गया है.

राणा सांगा कार्यक्रम का उद्देश्य

राणा सांगा कार्यक्रम का उद्देश्य राजपूत समुदाय को भाजपा के साथ जोड़ना और पार्टी की स्थिति को मजबूत करना है. इस कार्यक्रम के माध्यम से राजीव प्रताप रूढ़ी बिहार के विभिन्न हिस्सों में जाकर राजपूत नेताओं और समुदाय के लोगों से मिलेंगे और उन्हें भाजपा के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे.

शाहाबाद इलाके पर बीजेपी की नजर 

भाजपा ने शाहाबाद इलाके पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है, जहां पार्टी 2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में कमजोर रही थी. राजीव प्रताप रूढ़ी को इस इलाके में राणा सांगा कार्यक्रम को भव्य पैमाने पर आयोजित करने और राजपूत नेताओं को भाजपा के साथ जोड़ने का टास्क दिया गया है. जानकारों की माने तो बिहार में राजपूत बिरादरी के वोट बैंक और बिरदारी चुनाव में अच्छा खासा प्रभाव डालता है. ऐसे में राजीव प्रताप रूडी को मिली जिम्मेदारी से बीजेपी और एनडीए गठबंधन को लाभ मिल सकता है. क्योंकि राजीव प्रताप रूडी की साफ़-सुथरी राजनीति वाली छवि है और बिरादरी में भी उनका अच्छा प्रभाव है.

नई रणनीति बीजेपी की दूरगामी सोच का नतीजा 

भाजपा की रणनीति है कि वह राजपूत समुदाय को अपने साथ जोड़कर बिहार में अपनी स्थिति को मजबूत करे. पार्टी ने इसके लिए राजीव प्रताप रूढ़ी को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है और उन्हें राणा सांगा कार्यक्रम के माध्यम से राणा सांगा कार्यक्रम को भव्य पैमाने पर आयोजित करने का निर्देश दिया है.

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बहरहाल, बिहार की सियासत में राजपूत समुदाय की अहम भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. भाजपा ने राजीव प्रताप रूढ़ी और राणा सांगा कार्यक्रम के सहारे इस वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत करने का बड़ा दांव खेला है. पवन सिंह जैसे लोकप्रिय चेहरे की संभावित मौजूदगी इसे और भी असरदार बना सकती है. अब देखना होगा कि क्या यह रणनीति भाजपा को अपेक्षित सफलता दिलाती है या फिर बिहार का राजनीतिक समीकरण कोई नया मोड़ लेता है.

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