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दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज के पास हुआ योग, इतिहास में दर्ज हो गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025, देखें VIDEO

11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विश्व के सबसे उंचे आर्क ब्रिज चिनाब ब्रिज के पास योगाभ्यास हुआ. इसमें रेलवे के अधिकारी और कर्मचारियों ने भाग लिया. इस ब्रिज का उद्धाटन 6 जून 2025 को हुआ था, इस लिहाज से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 इतिहास में दर्ज हो गया.

Created By: केशव झा
21 Jun, 2025
( Updated: 02 Dec, 2025
02:32 AM )
दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज के पास हुआ योग, इतिहास में दर्ज हो गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025, देखें VIDEO

पूरे भारत सहित पूरी दुनिया में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरे हर्षोल्लाष के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक, किबिथू से कच्छ तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोग योगाभ्यास कर रहे हैं.

इसी बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 इतिहास रचने में कामयाब रहा. दरअसल दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, चेनाब रेल ब्रिज के पास भारी संख्या में रेलवे, सीआरपीएफ, सरकारी अधिकारियों सहित आम लोगों ने योगासन किया. चेनाब घाटी के शांत और मनोरम वातावरण में योग करते हुए योग उत्साही लोगों ने अनुलोम-विलोम, प्राणायाम सहित अन्य अभ्यास किए. अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

पीएम मोदी ने विशाखापत्तनम में किया योगाभ्यास
पीएम मोदी ने विशाखापत्तनम में करीब 3 लाख लोगों के साथ योग दिवस कार्यक्रम में भाग लिया. पीएम ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि मैं भारत और दुनिया के लोगों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं. योग ने दुनिया को एक साथ ला दिया है. 175 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया, यह कोई साधारण उपलब्धि नहीं है.


भारतीय सेना का सियाचिन से पोर्ट ब्लेयर तक, किबिथू से कच्छ तक योगाभ्यास

इसके अला भारतीय सेना ने देश के अलग-अलग हिस्सों में योगाभ्यास किया. उत्तर में सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर तक में सेना के जवान विभिन्न आसन करते दिखे. उत्तर में सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों और पैंगोंग त्सो लेक के तटों से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर के शांत तटों तक और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश के किबिथू से लेकर पश्चिम में कच्छ के रण तक भारतीय सेना के सैनिकों ने योग किया. सैनिकों ने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तन्यकता (कठिन परिस्थितियों से उबरने की क्षमता) के साधन के रूप में प्राचीन भारतीय अभ्यास को अपनाया. अलग-अलग योगाभ्यास के कई वीडियो भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं.

सीआरपीएफ की भी रही योग दिवस पर सहभागिता

इसी तरह अर्धसैनिक बल सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने शनिवार को देशभर में अपनी 430 से अधिक यूनिट्स और फॉर्मेशन्स में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का समापन किया. पूरे जून महीने के दौरान सीआईएसएफ की यूनिट्स में नियमित योग अभ्यास किए गए. प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने सीआईएसएफ जवानों, उनके परिवारजनों, स्कूली छात्रों और आसपास के आम नागरिकों के लिए विशेष योग सत्रों का आयोजन किया.

दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीआईएसएफ मुख्यालय में 100 से अधिक कर्मियों ने सामूहिक योगाभ्यास किया. इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का नेतृत्व अतिरिक्त महानिदेशक (मुख्यालय) पद्माकर रणपिसे ने किया.

CISF ने भी "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" के संदेश को आगे बढ़ाया
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम, "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" को गहराई से अपनाया, जैसा प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान घोषित किया था. सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा कि योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम से कहीं अधिक है. ये एक गहन विज्ञान है जो अनुशासन विकसित करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है और एक शांत और केंद्रित मानसिकता को बढ़ावा देता है.

BSF के जवानों ने  भारत-पाकिस्तान सीमा पर किया योग

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने भी पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर योगाभ्यास किया. अटारी-वाघा बॉर्डर और हुसैनीवाला बॉर्डर पर भव्य योग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी अतुल फुलजले ने नेतृत्व किया. इस दौरान सैकड़ों बीएसएफ जवानों, सीमावर्ती गांवों के नागरिकों, स्कूली बच्चों, खेल जगत की हस्तियों और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने योगाभ्यास किया.

इंजीनियरिंग मार्बल है चिनाब ब्रिज

चिनाब रेल ब्रिजको इंजीनियरिंग का एक आधुनिक चमत्कार कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जम्मू और कश्मीर में स्थित यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है. यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली की मशहूर कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ऊंचा है.

चिनाब रेल ब्रिजनदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 272 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग में 1315 मीटर का यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. साथ ही यह ब्रिज भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है. इसके अलावा, ‘चिनाब रेल ब्रिजकी वजह से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर 3 घंटे और कम हो जाएगा. चिनाब ब्रिज पर पहला ट्रायल रन जून 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ था. इसके बाद जनवरी 2025 में वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल किया गया था.

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2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज कई मायनों में खास है. इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है. यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं. इसके ढांचे में 333 पाइल हैं. इसमें एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, उन्नत स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा. इस ब्रिज के निर्माण ने भारत की डिजाइन और सर्टिफिकेशन में तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया है.

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