Advertisement

चीन बार्डर पर सेना की तैनाती से बढ़ी हलचल, तस्वीरें देख कांप उठेगा दुश्मन !

10 नवंबर से शुरू हुआ ये पराक्रम अभ्यास…18 नवंबर तक चलेगा….पहाड़ी इलाकों में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों..सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की चीन से सटी सीमा के आसपास अपना दम ख़म दिखा रही हैं

15 Nov, 2024
( Updated: 15 Nov, 2024
02:47 PM )
चीन बार्डर पर सेना की तैनाती से बढ़ी हलचल, तस्वीरें देख कांप उठेगा दुश्मन !
भारतीय सेना। यानि जबाज़ी, शौर्य, और पराक्रम का प्रतीक। किसी भी परिस्थिति में अदम्य साहस का परिचय देने वाले भारतीय जवानों की सेना इस वतन के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है। दुश्मनों के काल भारतीय सेना के जवान भारत की ज़मीन पर बुरी नज़र डालने वालों को ऐसा सबक़ सिखाते हैं कि वो सोच पाना भी मुश्किल है।और इसकी तैयारी कितनी तगड़ी होती है अगर वो ही किसी ने देख ली तो उसकी रूह काँप।


भारतीय सेना वैसे तो हर गंभीर परिस्थिति में हर ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैयार है। लेकिन आज आपकों सेना की कुछ ऐसी तस्वीरें हम दिखाने जा रहे हैं। जिसे देखने के बाद आपको अपनी सेना पर और ज़्यादा गर्व होगा। वहीं भारत के दुश्मनों का हाल बुरा।भारत ने हाल ही में पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के साथ सैन्य तनाव कम करते हुए देपसांग और डेमचोक पॉइंट्स पर सैनिकों की वापसी पूरी की है। उधर भारतीय सेनाओं ने पूर्वी सीमा पर अपनी रणनीतिक तैयारी मजबूत कर दी है। इसी कड़ी में भारत की तीनों सेनाओं ने एक बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास 'पूर्वी प्रहार' शुरू किया है। ये एक्सरसाइज़ चीन के साथ जारी सीमा विवाद और तनाव की स्थिति को देखते हुए किया जा रहा है। साफ है कि इस अभ्यास से भारत अपनी सुरक्षा तैयारियों में कोई ढील नहीं देना चाहता है। 

10 नवंबर से शुरू हुआ ये पराक्रम अभ्यास। 18 नवंबर तक चलेगा। पहाड़ी इलाकों में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों। सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की चीन से सटी सीमा के आसपास अपना दम ख़म दिखा रही हैं। अब तीनों सैनाओं का साथ आना इसे एक 'ट्राई सर्विस मिलिट्री एक्सरसाइज' बनाती है। अत्याधुनिक और ख़तरनाक हथियारों के ज़रिए दुश्मनों को पहाड़ी इलाक़ों में कैसे सबक़ सिखाना है। इसकी ट्रेनिंग या जारी है। इसमें इन्फैंट्री फाइटर यूनिट्स, आर्टिलरी गन, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और यूएवी (ड्रोन) शामिल हैं। अब भारतीय सेना ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में विशेष युद्धाभ्यास के जरिए अपनी क्षमताओं को और धार देने की कोशिश की है। आर्मी की ओर से जारी वीडियो में पहली बार रोबोटिक डॉग को ऑपरेशन का हिस्‍सा बनते हुए दिखाया गया है। जवान माइक्रो ड्रोन भी ऑपरेट करते दिखे हैं।खास बात यह है कि इस बार स्वार्म ड्रोन, फर्स्‍ट पर्सन ड्रोन और लॉयट्रिंग एम्यूनीशन जैसे आधुनिक हथियोरों को भी एक्‍सरसाइज में शामिल किया गया है। ताकि सैनिक इन्हें बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने की क्षमता हासिल कर सकें।

लद्दाख में भले ही भारत और चीन के बीच सहमति बन गई हो। देपसांग और डेमचोक में पेट्रोलिंग शुरू हो गई, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि एलएसी के बाकी हिस्‍सों में भी विवाद खत्‍म हो गया है। सबसे ज्यादा विवाद तो पूर्वोत्तर के इलाके में है। चीन अपने इलाके की परिस्थितियों के हिसाब से भारत से आगे है. वो तिब्बत के पठार की समतल जमीन की वजह से थोड़ा मजबूत है तो भारतीय क्षेत्र में ऊंचे पहाड़ वाले इलाके हैं। लद्दाख में समझौते से सारी चुनौतियाँ ख़त्म हो गई ये कहना ग़लत होगा। इस बात को ख़ुद विदेश मंत्री एस जयशंकर कह चुके हैं। वहीं अरुणाचल में चीन की चालबाज़ी से इनकार नहीं किया जा सकता। चीन को क़ाबू में रखने के लिए। सेना को इसी तरह तैयारी और तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और युद्धकौशल को और मजबूती देने की ऐसी ही कोशिशों की समय समय पर ज़रूरत है।

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें