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असीम मुनीर को भारत का तगड़ा जवाब, मुंह बंद हो गया !

इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाकिस्तान के आर्मी चीफ के संबोधन के बाद साफ हो गया है कि पाकिस्तानी आर्मी का भारत के साथ शांति का कोई इरादा नहीं है। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने तो हालांकि सम्मेलन के दौरान करीब 20 मिनट तक प्रवासी पाकिस्तानियों को संबोधित किया, लेकिन इस दौरान उन्होंने कई ऐसी बातें की हैं, जो पाकिस्तान की सोच और आने वाले वक्त में उसकी पॉलिसी को दिखाता है

19 Apr, 2025
( Updated: 19 Apr, 2025
10:28 AM )
असीम मुनीर को भारत का तगड़ा जवाब, मुंह बंद हो गया !

जिन्नाहलैंड को कंगाल, बदहाल, भुखमरी तक की कगार पर पहुंचाने वाली पाकिस्तान की हुकूमत भले ही अपने लोगों को दो वक्त की रोटी भी न दे पाए. लेकिन अपनी जनता को धर्म और नफ़रत का चूर्ण वक्त-वक्त पर चटा देती है. जिससे वो सारी दिक्कतों को भूलकर पाकिस्तान को दुनिया का नंबर एक देश समझते रहें.सरकार को अपने इशारे पर चलाने वाली पाकिस्तान की सेना भी पर्दे के पीछे और कभी-कभी सामने से भी यही काम करती है. लेकिन अब पाक आर्मी के प्रमुख जनरल असीम मुनीर... नहीं-नहीं, मौलाना जनरल मुनीर, पाकिस्तान की अवाम और जो पाकिस्तानी देश से बाहर रहते हैं उन्हें लुभाने और अपने आकाओं को खुश करने के लिए खुलकर हिन्दू धर्म, भारत के कश्मीर, सालों से सेना की प्रताड़ना झेल रहे बलूच समुदाय के लोग और पाकिस्तान के बनने पर झूठ फैलाकर ज़हर उगल रहे हैं.

पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में बोलते हुए असीम मुनीर ने ऐसी-ऐसी बातें कहीं जिन्हें जानने के बाद आपका भी खून खौल उठेगा. असीम मुनीर ने अपने संबोधन में मुसलमानों को हिंदुओं से अलग बताकर 'दो राष्ट्र सिद्धांत' को सही ठहराने की कोशिश की और कश्मीर को लेकर कहा कि “पाकिस्तानी सेना भारतीय कब्जे के खिलाफ लड़ रही है.”

असीम मुनीर ने अपने भाषण में कहा:“हमारे पूर्वजों ने माना कि हम हिंदुओं से हर तरह से अलग हैं. हमारा धर्म, रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और सपने अलग हैं. यही दो-राष्ट्र सिद्धांत की बुनियाद है. हम दो अलग देश हैं, एक नहीं. इसी सोच के चलते हमारे पूर्वजों ने पाकिस्तान बनाया और इसके लिए बहुत कुर्बानियां दीं.”

अब ये तो मुनीर बोल गए लेकिन 1971 के उस ज़ख़्म का ज़िक्र नहीं किया जिसकी टीस, अगर भविष्य में पाकिस्तान रहा, तो उसे हमेशा रहेगी. बांग्लादेश के बनने की बात को बड़ी चालाकी से असीम मुनीर नज़रअंदाज़ करते रहे. पाकिस्तानियों को दो-राष्ट्र थ्योरी की याद दिलाकर बच्चों को इसके बारे में बताने के लिए कहते रहे. लेकिन असल में अगर वो ये बताते कि आज पाकिस्तान उसी थ्योरी के मलबे पर खड़ा बर्बाद होता हुआ देश है जहां सब कुछ लुट चुका है, तो शायद सच्चाई सामने आ जाती.

असीम मुनीर को पाकिस्तानियों को ये भी बताना चाहिए था कि कट्टरपंथ और आतंकवाद रूपी कैंसर में जकड़ा पाकिस्तान आज उस भारत से कितना पिछड़ चुका है, जिससे वो अलग हुआ था. असल में पाकिस्तान की आने वाली नस्लें अगर पाकिस्तान के बारे में जानेंगी, तो वो समझेंगी कि जिस भारत से वो अलग हुए, वही भारत आज क्यों फल-फूल रहा है. क्या भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और पाकिस्तान क्यों एक असफल प्रयोग साबित हुआ है.

असीम मुनीर ने आगे कहा:“पाकिस्तान की कहानी को कभी न भूलें. इसे अपनी अगली पीढ़ियों को बताएं, ताकि तीसरी, चौथी या पांचवीं पीढ़ी भी पाकिस्तान से जुड़ी रहे. पाकिस्तान कलमे की बुनियाद पर बना है और इतिहास में सिर्फ दो रियासतें ऐसी हैं.”

कंधे पर सितारे लेकर बंटवारे के पीछे हुई हिंसा और कत्लेआम को छुपाने की नाकाम कोशिश करते असीम मुनीर पाकिस्तान को महान बताने में लगे रहे. लेकिन ये नहीं बताया कि आज की पीढ़ी उनकी सेना की हिंसा और आतंक की वजह से लंबे समय से प्रताड़ित हो रही है. वो अपने अपनों की लाशें भी न पा सकने के दर्द को भुला नहीं पा रही. उनके गुस्से की आग अब इतनी भड़क चुकी है कि उसी आग में पूरा पाकिस्तान जल रहा है. सेना में अफसरों की पुरानी पीढ़ी ने जो ज़ख़्म बलूचिस्तान के लोगों को दिए थे, वही ज़ख़्म अब खुद सेना की नई पीढ़ी को झेलने पड़ रहे हैं.

और मुनीर ने जो अपनी आदत से बाज़ न आते हुए एक बार फिर रटी-रटाई बातें कश्मीर पर कीं, उसका सटीक जवाब भारत ने भी दे दिया है. दरअसल, कश्मीर को पाकिस्तान की "गले की नस" बताने वाले मुनीर ये सब कुछ बाहर बैठे पाकिस्तानियों से ख़ैरात जुटाने के लिए कह रहे थे. कश्मीर पर बोलकर उनके चेहरे पर जो पीओके को लेकर खौफ़ नजर आ रहा था, वो खौफ़ भारत के बयान के बाद और भी ज्यादा बढ़ गया है. जिसमें भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए पीओके खाली करने को कह दिया.

असीम मुनीर ने जो कुछ भी कहा, वो सिर्फ़ पाकिस्तानी मीडिया और उसके कथित एक्सपर्ट्स को कुछ दिन के लिए चिल्लाने का कंटेंट दे सकता है. लेकिन असीम मुनीर न तो अपने ही सैनिकों की नाराज़गी का ज़िक्र कर पाए, और न ही ये बता पाए कि अमेरिका भी उन पर सेक्शन लगाने की तैयारी कर रहा है.


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