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पाकिस्तान को फिर मिला दर्द, भारत के बड़े खेल से सदमें में शहबाज़ !

दुनिया भर के मुस्लिम देशों के क़रीब रहने की बात कहने वाला और मुस्लिमों का हितैशी होने का दावा करने वाला पाकिस्तान अब तो अपना होश खो बैठा है..जब उसे पता चला कि जिस ग्रुप में वो शामिल होने के लिए कब से गुहार लगा रहा है।उसमें सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया शामिल हो चुका है।इंडोनेशिया का ब्रिक्स में आना पाकिस्तान के लिए झटके की तरह है।

पाकिस्तान को फिर मिला दर्द, भारत के बड़े खेल से सदमें में शहबाज़ !

BRICS दुनिया की पांच सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं का ग्रुप है, जिसमें B से ब्राजील, R से रूस, I से इंडिया, C से चीन और S से साउथ अफ्रीका शामिल हैं। इसके अलावा अब सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटिना, मिस्र, ईरान और इथियोपिया भी इस समूह में शामिल हो गए हैं। एक हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है, जो ना जाने कबसे इस ग्रुप का सदस्य बनना चाहता है। उसे हर बार उम्मीद होती है कि उसकी सदस्यता को मंजूरी मिल जाएगी, लेकिन उसे केवल निराशा ही हाथ लगती है। दुनिया भर के मुस्लिम देशों के करीब रहने की बात कहने वाला और मुस्लिमों का हितैशी होने का दावा करने वाला पाकिस्तान अब तो अपना होश खो बैठा है, जब उसे यह पता चला कि जिस ग्रुप में वह शामिल होने के लिए कब से गुहार लगा रहा था, उसमें सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया शामिल हो चुका है।

इंडोनेशिया का BRICS में आना पाकिस्तान के लिए एक झटका है। दरअसल, पाकिस्तान नहीं चाहता था कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इस ग्रुप में शामिल हो। इसके उलट पाकिस्तान खुद BRICS में शामिल होने की कोशिशों में लगा था, और इसके लिए वह चीन के पीछे भी लगा था। लेकिन BRICS का दरवाजा उसके लिए नहीं खुला और इंडोनेशिया को एंट्री मिल गई। ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि अगस्त 2023 में इस ग्रुप के नेताओं ने इंडोनेशिया की सदस्यता को मंजूरी दी थी। हालांकि, इंडोनेशिया ने समूह में औपचारिक रूप से शामिल होने का फैसला तब किया जब वहां नई सरकार बनी। बयान में कहा गया, “ब्राजील सरकार इंडोनेशिया के BRICS में शामिल होने का स्वागत करती है।”

BRICS में शामिल होने के लिए सभी सदस्यों की आम सहमति चाहिए। यदि सभी सदस्य न चाहें, तो कोई भी देश BRICS में शामिल नहीं हो सकता। जाहिर तौर पर भारत ने इंडोनेशिया की सदस्यता का समर्थन किया, जो पाकिस्तान के लिए हमेशा चिंता का विषय रहा है। यही एक बड़ी वजह हो सकती है कि पाकिस्तान को BRICS में एंट्री नहीं मिली।

BRICS का गठन 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर किया था। 2010 में दक्षिण अफ्रीका इस ग्रुप में शामिल हुआ। पिछले साल इस समूह में मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई को शामिल किया गया था। सऊदी अरब को भी इसमें शामिल होने के लिए बुलाया गया, लेकिन अभी तक वह इसमें शामिल नहीं हुआ है। तुर्की, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्यता के लिए आवेदन किया है और कुछ अन्य देश भी इस समूह में शामिल होने की इच्छा दिखा रहे हैं।

इस साल BRICS की अध्यक्षता ब्राजील के पास है और जुलाई में रियो डी जनेरियो में इसका आयोजन होगा। अपनी अध्यक्षता के दौरान ब्राजील का लक्ष्य ग्लोबल साउथ देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार करना है।

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