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केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने संभाली मोकामा में 'छोटे सरकार' के प्रचार की कमान, दुलारचंद मर्डर केस में जेल में हैं बाहुबली अनंत सिंह

Bihar Chunav 2025: मोकामा विधानसभा सीट पर दुलारचंद हत्याकांड के बाद जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी से चुनावी माहौल गर्मा गया है. अब उनके प्रचार की कमान केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने संभाल ली है. उन्होंने कहा कि मोकामा का हर कार्यकर्ता ‘अनंत सिंह’ बनकर चुनाव लड़ेगा.

Lalan Singh/ Anant Singh

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार पटना की मोकामा विधानसभा सीट सबसे ज़्यादा सुर्खियों में है. यहां की सियासी जंग अब पूरी तरह दिलचस्प और टकराव भरी होती जा रही है. इस सीट की लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं रही, बल्कि अब यह एक प्रतिष्ठा की जंग में बदल चुकी है.

ललन सिंह कर रहे प्रचार

दरअसल, दुलारचंद हत्याकांड के बाद इस सीट पर माहौल और भी गरमा गया. इस मामले में जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह पर सीधा आरोप लगा, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनके  चुनाव प्रचार में एक पल के लिए सन्नाटा छा गया, लेकिन अब पार्टी ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है. अनंत सिंह की गैरहाज़िरी के बाद जेडीयू के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने खुद मोकामा का मोर्चा संभाल लिया है. उन्होंने कहा कि अब मोकामा का हर कार्यकर्ता 'अनंत सिंह' बनकर चुनाव लड़ेगा. ललन सिंह ने कई जनसभाओं को संबोधित करते हुए जेडीयू प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगा. उन्होंने कहा, 'जब अनंत बाबू यहां थे, तब मेरी जिम्मेदारी कम थी. लेकिन अब जब वो यहां नहीं हैं, तो यह जिम्मेदारी और बढ़ गई है. मैंने मोकामा के प्रचार की पूरी कमान अपने हाथ में ले ली है.'

जनता से जुड़ा है अनंत सिंह का नाम

ललन सिंह ने मंच से साफ कहा कि मोकामा की जनता का भावनात्मक रिश्ता अनंत सिंह से है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता के बीच जाएं और अनंत सिंह की तरह मेहनत करें. “यह अब हर जेडीयू कार्यकर्ता का दायित्व है कि वह अनंत सिंह के अधूरे अभियान को आगे बढ़ाए.' उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच ललन सिंह के पहुंचने से चुनावी माहौल फिर से जोश से भर गया है. पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि ललन सिंह के नेतृत्व में अब जेडीयू का प्रचार दोबारा गति पकड़ चुका है और मोकामा की लड़ाई में पार्टी मजबूती से उतर चुकी है.

गिरफ्तारी पर उठे सियासी सवाल

ललन सिंह ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, 'मोकामा में जो घटना घटी, वह कोई सामान्य घटना नहीं लगती. इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है. ऐसा लगता है कि जानबूझकर यह सब कराया गया है.' उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. विपक्ष जहां इसे जेडीयू का बचाव बता रहा है, वहीं जेडीयू नेताओं का कहना है कि सच्चाई सामने आने पर सब कुछ साफ हो जाएगा.

हमेशा से संवेदनशील रही है मोकामा की यह सीट

मोकामा विधानसभा सीट का अपना एक अलग राजनीतिक इतिहास रहा है. यह इलाका हमेशा से संवेदनशील और बाहुबली नेताओं के प्रभाव वाला क्षेत्र रहा है. यहां अनंत सिंह का वर्षों से गहरा प्रभाव रहा है, और उनकी लोकप्रियता आज भी कायम है. अब जब वे जेल में हैं, तो जेडीयू के लिए यह चुनाव सिर्फ एक सीट की नहीं, बल्कि पार्टी की साख और एकता की परीक्षा बन गया है.

ललन सिंह की एंट्री से बढ़ा जोश

जेडीयू नेताओं का मानना है कि ललन सिंह की अगुवाई में पार्टी का अभियान फिर से धार पकड़ चुका है. कार्यकर्ताओं के बीच जोश लौट आया है और लोगों में यह संदेश जा रहा है कि जेडीयू किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं, बल्कि एक विचारधारा है. ललन सिंह का यह बयान भी पार्टी के आत्मविश्वास को दिखाता है. 'मोकामा की जनता विकास चाहती है, और जेडीयू उसी राह पर डटी है.'

बता दें कि अब देखना यह है कि क्या ललन सिंह की रणनीति अनंत सिंह की गैरहाज़िरी में मोकामा की ये मुश्किल जंग जेडीयू के पक्ष में मोड़ पाएगी या नहीं. लेकिन इतना तय है कि मोकामा की लड़ाई इस बार बिहार चुनाव की सबसे चर्चित कहानी बन चुकी है.

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