महादेव की नगरी काशी के बारे में तो आप सब ही जानते होंगे लेकिन क्या आप महादेव की पहली पसंद बिहार के भागलपुर जिले में बसे कहलगाँव के बारे में जानते हैं जिसे देवशिल्पी विश्वकर्मा और वास्तु पुरुष ने महादेव के निवास के लिए चुना गया था. लेकिन आखिर क्या कारण था कि ये पवित्र जगह महादेव की काशी नहीं बन पाई? आइए विस्तार से जानते हैं…
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धर्म ज्ञान11 Nov, 202503:58 AMबिहार की 'गुप्त काशी' बटेश्वर धाम, जौ भर कमी ने छीना महादेव का निवास!
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धर्म ज्ञान09 Nov, 202507:47 AMइटली ने पाकिस्तान में खोजा सनातन का प्रमाण, खुदाई में मिला 1200 साल पुराना विष्णु मंदिर
इस्लामिक देश की चादर ओढ़ने वाले इसी मुल्क में अनगिनत हिंदू मंदिर रहे, लेकिन समय के साथ कट्टरपंथी ताक़तों ने उन्हें या तो ध्वस्त कर दिया या फिर खंडहर में तब्दील कर दिया. बंटवारे से लेकर अब तक मंदिरों की तादाद बढ़ने की बजाए घटती गई, लेकिन कहते हैं ख़ुद की जड़ो को काट पाना इतना आसान नहीं है. तभी तो इटली जैसी क्रिश्चियन कंट्री ने पाकिस्तान को खोदकर 1200 साल पुराना विष्णु मंदिर ढूँढ निकाला है. पाकिस्तान की इस्लामिक ज़मीन से एक बार फिर सनातन के जीवित निशान मिले हैं.
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धर्म ज्ञान09 Nov, 202504:32 AMश्री बुग्गा रामलिंगेश्वर मंदिर के दर्शन मात्र से मिलता है 12 ज्योतिर्लिंगों का फल, चमत्कारी झरने से होता है शिवलिंग का जलाभिषेक!
देवों के देव महादेव के भक्तों की इच्छा होती है कि वो जिंदगी में एक बार तो 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन जरूर करें. लेकिन ऐसा हर किसी भक्त के लिए संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में आज हम आपके लिए एक ऐसे मंदिर से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं जिसमें जानें मात्र से आप 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का फल प्राप्त कर सकते हैं.
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धर्म ज्ञान08 Nov, 202510:55 AMद्वारिका के अस्तित्व से जुड़ा द्वारिकाधीश मंदिर का 52 गज का ध्वज
अनगिनत वर्षों से ढाल बनकर जो 52 गज का ध्वज अभी तक मंदिर शिखर पर लहरा रहा है, उसके पीछे की जीवित भविष्यवाणी क्या कहती है? किस प्रकार ख़ुद पर बिजली का संकट लेकर 52 गज के ध्वज ने आने वाली तबाही के संकेत दिये और 52 गज के इस ध्वज को दिन रात 5 दफ़ा बदलने की परंपरा क्या भगवान के घर से चली आ रही है? जानने के लिए देखिये धर्म ज्ञान.
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धर्म ज्ञान07 Nov, 202501:05 PM'वैश्यों की काशी' नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में विराजती हैं देवी पार्वती! जानें पौराणिक कथा
दक्षिण भारत के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपनी वास्तुकला और मान्यताओं की वजह से जाने जाते हैं. ऐसा ही एक मंदिर आंध्र प्रदेश के पेनुगोंडा में है. इस मंदिर का नाम श्री वासवी कन्याका परमेश्वरी देवी मंदिर है, जो वैश्य समुदाय के लिए एक पवित्र स्थान है. चलिए विस्तार से जानते हैं इस अद्भुत मंदिर के बारें में.
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धर्म ज्ञान07 Nov, 202512:03 PMकलियुग का वैकुंठ वास है द्वारका तिरुमला मंदिर, कड़ी तपस्या के बाद स्वयं प्रकट हुए थे भगवान वेंकटेश्वर!
आंध्र प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहां कई पौराणिक मंदिर हैं. भगवान विष्णु से लेकर भगवान शिव के अलग-अलग अवतारों की पूजा भी यहां की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं इसी राज्य में बसा एक ऐसा प्राचीन मंदिर भी है जो अपनी वास्तुकला और एरिया को लेकर जाना जाता है. मंदिर में मौजूद भगवान वेंकटेश्वर की अद्भुत मूर्ति भी है जिसे लेकर मान्यता है कि ये घोर तपस्या के बाद स्वयं प्रकट हुई थी.
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धर्म ज्ञान07 Nov, 202510:51 AMकौन से हैं जगन्नाथ पुरी मंदिर के वो चार दरवाजे, जिनमें छिपा है कलयुग का गहरा रहस्य!
ओडिशा का जगन्नाथ पुरी मंदिर हिंदुओं के चारों धामों में से एक है. ये मंदिर देखने में जितना अद्भुत है उतना ही रहस्यमयी भी है. मंदिर में रोजाना ऐसे चमत्कार होते हैं जो शायद ही आपको कहीं और देखने को मिल सकते हैं. लेकिन आज इस आर्टिकल में आपको मंदिर के 4 रहस्यमयी दरवाजों के बारे में बताया गया है जो चारों युगों को दर्शाते हैं.
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धर्म ज्ञान06 Nov, 202504:08 PMउत्तराखंड के इस गांव में माता पार्वती ने दिया भगवान शिव को विवाह का प्रस्ताव, इस मंदिर के बिना अधूरे हैं केदारनाथ के दर्शन! जानें पौराणिक कथा
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग की पवित्र घाटी में बसा गुप्तकाशी वो रहस्यमयी धाम है जहां भक्ति और लोगों की अटूट आस्था एक साथ सांस लेती हैं. माना जाता है कि महाभारत के बाद भगवान शिव पांडवों से रुष्ट होकर यहीं गुप्त रूप में छिप गए थे, तभी से यह स्थान “गुप्तकाशी” कहलाया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहीं मां पार्वती ने शिव को विवाह का प्रस्ताव दिया था, साथ ही उनका दिव्य प्रेम भी यहीं से आरंभ हुआ. इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा जानें…
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धर्म ज्ञान06 Nov, 202501:29 PMआखिर क्यों कैलाश छोड़कर माता पार्वती के साथ काशी में बसे महादेव? जानें पौराणिक कथा!
भारत के उत्तर प्रदेश में वसा एक शहर जो अपने रहस्यों के लिए जाना जाता है. नाम है काशी यानि मोक्ष की नगरी. मान्यता है कि यही वो स्थान है जहां दाह संस्कार करने के बाद आत्मा पारमात्मा से जाकर मिलती है. इतना ही नहीं देवों के देव महादेव भी माता पार्वती के साथ यहीं विराजते हैं और अपने भक्तों को मोक्ष प्रदान करते हैं. लेकिन एक सवाल मन में उठता है कि आखिर क्यों भगवान शिव कैलाश छोड़कर माता पार्वती के साथ यहां रहने के लिए आए? आइये विस्तार से जानते हैं…
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धर्म ज्ञान06 Nov, 202512:07 PMजगन्नाथ पुरी मंदिर की रहस्यमयी रसोई, जहां रोजाना बनता है लाखों लोगों के लिए महाप्रसाद, ग्रहण करने का भी है अनोखा नियम!
जगन्नाथ मंदिर देखने में जितना अद्भुत प्रतीत होता है उतना ही रहस्यमयी भी है. भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्तियां, नील चक्र, झंडे का हवा के विपरीत दिशा में लहराना, ये सब कुछ इस मंदिर को दूसरे मंदिरों से अलग बनाता है. ऐसा ही रहस्य मंदिर की रसोई से भी जुड़ा है. जिसे जानकर आप भी हैरान हो जायेंगे.
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धर्म ज्ञान06 Nov, 202510:54 AMउच्छिष्ट गणपति मंदिर: तमिलनाडु के इस मंदिर में अघोरी रूप में विराजमान हैं भगवान गणेश, संतान संबंधी परेशानियां होती हैं दूर!
हर शुभ कार्य में सबसे पहले पूजने वाले देवता भगवान गणेश सनातन में बहुत महत्व रखते हैं. भक्त इन्हें विनायक, गजानन, एकदंत, लंबोदर, सिद्धिविनायक और विघ्नहर्ता जैसे नामों से बुलाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बप्पा को एक और नाम यानी उच्छिष्ट गणपति के नाम से भी जाना जाता है और वो नाम है उच्छिष्ट गणपति. उच्छिष्ट गणपति का ये मंदिर तमिलनाडु में स्थित है जहां भक्तों को भगवान गणेश का अघोरी रूप देखने को मिलता है.
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धर्म ज्ञान06 Nov, 202509:15 AMआखिर क्यों पूरी सृष्टि में है ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती है? पौराणिक कथा से जानिए रहस्य
हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु, महेश को सृष्टि का निर्माता और पालनकर्ता माना जाता है. ऐसे में हर हिंदू घर में विष्णु जी और भगवान शिव को पूजा भी जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन तीनों देवताओं में से ब्रह्मा जी को किसी पूजा में शामिल नहीं किया जाता है. ऐसा क्यों है चलिए पौराणिक कथा से समझते हैं…
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न्यूज05 Nov, 202511:22 AMगुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर देशभर में भक्ति और उत्साह, पंजाब CM मान ने हरमंदिर साहिब में टेका माथा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत की और बताया, "सबसे पहले मैं गुरु नानक देव जी के गुरु पर्व पर बधाई देता हूं. मैं उनकी, दुनिया भर में पूजी जाने वाली नानक लेवा संगत को और उनकी पवित्र शिक्षाओं को नमन करता हूँ. कुछ संगत ननकाना साहिब भी गई हैं, मैं प्रार्थना करता हूँ कि जहाँ कहीं भी गुरु नानक देव हैं, वहां दुनिया शांति और सद्भाव से रहे."