Boycott Turkey: 140 करोड़ भारतीयों ने दिखाया अपना दम, 18 महीनों में बिना किसी लड़ाई-झगड़े के घुटनों पर आए 3 मुस्लिम देश
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत से बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मदद कर तुर्की और अजरबैजान ने बड़ी गलती कर दी है. ऐसे में 140 करोड़ भारतीयों ने उन्हें सबक सिखाने की तैयारी कर ली है. बता दें कि भारत के साथ बिगड़े हालातों में पाकिस्तान की मदद करने वाले इन दोनों देशों के खिलाफ बायकॉट की मुहिम चलाई जा रही है. जिसके बाद देश की कई बड़ी ट्रैवल एजेंसियों ने इन दोनों देशों की यात्रा की बुकिंग पर रोक लगा दी है.
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140 करोड़ भारतीयों ने 3 मुस्लिम देशों को उसकी औकात याद दिला दी है. इन तीनों देशों से न कोई बातचीत हुई और न ही गोली,बारूद या लड़ाई झगड़े की जरूरत पड़ी. भारत ने साइलेंट होकर इनका काम तमाम कर दिया. तीनों ही देश भारतीयों की ताकत देख घुटने टेकने पर मजबूर हो गए हैं. कमाल कि बात यह है कि यह सब कुछ सिर्फ 18 महीनों में हुआ है. इन तीन देशों में दो ने तो पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के दौरान ही अपना असली रंग दिखा दिया था. यह दोनों ही देश भारत के इस मुश्किल हालात में दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के साथ नजर आए. एक ने तो हथियारों का जत्था और सेना की फौज भी भेजी, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी वह पड़ोसी मुल्क को बर्बाद होने से बचा नहीं पाए.
इन मुस्लिम देशों की यात्रा का बायकॉट
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत से बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मदद कर तुर्की और अजरबैजान ने बड़ी गलती कर दी है. हालांकि, भारत के साथ पूरी दुनिया को यह पता है कि यह दोनों देश हमेशा से पाकिस्तान के अच्छे दोस्त रहे हैं, लेकिन तनाव भरे माहौल में इन्होंने जो कुछ किया, ऐसे में 140 करोड़ भारतीयों ने उन्हें सबक सिखाने की तैयारी कर ली है. बता दें कि भारत के साथ बिगड़े हालातों में पाकिस्तान की मदद करने वाले इन दोनों देशों के खिलाफ बायकॉट की मुहिम चलाई जा रही है. जिसके बाद देश की कई बड़ी ट्रैवल एजेंसियों ने इन दोनों देशों की यात्रा की बुकिंग पर रोक लगा दी है.
तुर्की को भारतीयों ने सिखाया सबक
देश की एक नामी ट्रैवल कंपनी ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि 'वह तुर्की और अजरबैजान की यात्रा केवल इमरजेंसी हालातों में ही करें, सामान्य स्थिति में किसी भी यात्रा पर बुकिंग उपलब्ध नहीं है.' वहीं एक और कंपनी ने दोनों देशों के लिए उड़ान और होटल की बुकिंग निलंबित कर दी है. इसके एक और कंपनी से जारी बयान में कहा गया है कि 'हमने तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी नए यात्रा के प्रस्तावों को रोकने का फैसला किया है. हम भारतीय यात्रियों को सलाह देते हैं कि वह अपने विवेक का प्रयोग करें और किसी भी गैर-जरूरी यात्रा से बचें.' तुर्की के पर्यटन विभाग ने जो आंकड़ा जारी किया है, उसके मुताबिक, पिछले साल 3 लाख 30 हजार भारतीयों ने तुर्की की यात्रा की है. वहीं 2014 में यह आंकड़ा सिर्फ 1 लाख 19 हजार 503 थी. साल 2024 में तुर्की का प्रयटन राजस्व 61.1 बिलियन डॉलर का रहा है. जिसमें 2023 के मुकाबले 8.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. तुर्की में पर्यटकों का औसतन खर्च 82 हजार 922 रुपए रहा है.
अजरबैजान और मालदीव ने भी टेके घुटने
बता दें कि तुर्की के अलावा अजरबैजान और मालदीव ने भी 140 करोड़ भारतीयों के आगे घुटने टेक दिए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अजरबैजान और मालदीव भी पर्यटन के लिहाज से भारतीयों की पहली पसंद है. अजरबैजान पर्यटन बोर्ड के हवाले से जारी आंकड़ों ने बताया है कि 2014 में सिर्फ 4,853 भारतीय अजरबैजान आए थे, लेकिन 2024 में इसकी संख्या बढ़कर 243,589 हो गई. वहीं 2023 में भी लगभग 1.17 लाख भारतीय आए थे. मतलब सिर्फ 1 साल के अंदर दो गुना भारतीयों ने इस देश की यात्रा की. इसके अलावा मालदीव को भी भारतीयों ने तगड़ा सबक सिखाया है. दरअसल, पीएम मोदी ने सभी भारतीयों को लक्षद्वीप की यात्रा का सुझाव दिया था. उन्होंने एक पोस्ट के जरिए ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को वहां जाने की अपील की थी. इस पोस्ट के बाद मालदीव सरकार के कई मंत्री भड़क उठे थे. उन्होंने भारतीयों के लिए कई विवादित बयान दिए थे. जिसके बाद भड़के भारतीयों ने मालदीव को कड़ा सबक सिखाते हुए, बॉयकॉट मालदीव का ट्रेंड चलाया था. इस कैंपेन के कुछ ही दिन मालदीव को अपनी औकात पता चल गई थी. जब वहां के पर्यटन को बड़ा नुकसान हुआ, तो वह अपनी गलती पर पछतावा कर भारत के सामने गिड़गिड़ाने लगा. उसने सभी भारतीय लोगों से यात्रा करने की अपील की. जानकारी के लिए बता दें कि मालदीव पूरी तरीके से पर्यटन पर ही निर्भर है. उसकी अर्थव्यवस्था का एक तिहाई हिस्सा सिर्फ इसी से आता है. यहां छुट्टियों के दिनों में लाखों भारतीय घूमने जाते हैं.
तुर्की ने पाकिस्तान को पहुंचाई ड्रोन और सैन्य मदद
बता दें पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच तुर्की ने अपनी खास दोस्त पाकिस्तान की बड़ी मदद की थी. खबरों के मुताबिक, चार दिवसीय संघर्ष में इस्लामाबाद को 350 से अधिक ड्रोन की आपूर्ति की थी. हालांकि, इसका खुलासा पाकिस्तान द्वारा नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की के सलाहकारों ने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को बायरकटर टीबी2 और वाईआईएचए ड्रोन भेजें थे. इसके अलावा तुर्की के सैन्यकर्मियों को भी भेजा गया था. इसमें भारतीय हमले में दो जवान मारे गए थे.
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