Advertisement

दिल्ली के सरकारी बंगले है आलीशान, किराया 2200 रुपये और सुविधाएं लाजवाब!

दिल्ली का एक ऐसा इलाका, जिसे न केवल राजधानी का हृदय कहा जाता है, बल्कि यह भारत की सत्ता और ताकत का प्रतीक भी है – लुटियंस दिल्ली। यहां के भव्य सरकारी बंगले, अपनी शानदार वास्तुकला, हरियाली और सुविधाओं के लिए देशभर में मशहूर हैं। देश के सबसे दिग्गज नेता, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, और सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जज तक यहां रहना चाहते हैं।

दिल्ली के सरकारी बंगले है आलीशान, किराया 2200 रुपये और सुविधाएं लाजवाब!
दिल्ली, भारत का दिल, सिर्फ राजनीतिक हलचलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने शानदार सरकारी बंगलों के लिए भी प्रसिद्ध है। इन बंगलों की कहानी जितनी दिलचस्प है, उतनी ही आकर्षक है इनकी लोकेशन, डिज़ाइन और किराए की चर्चा। इन दिनों लुटियंस दिल्ली के सरकारी बंगलों को लेकर राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं हो रही हैं। यहां के बंगलों का किराया जितना चौंकाने वाला है, उससे भी ज्यादा रोचक है इन्हें पाने की प्रक्रिया। आज हम आपको ले चलेगी दिल्ली के सबसे खास इलाके लुटियंस दिल्ली की गलियों में, जहां हर बंगले की अपनी कहानी है।

लुटियंस दिल्ली: इतिहास और वैभव का संगम
लुटियंस दिल्ली, नाम सुनते ही दिमाग में भव्य इमारतें, चौड़ी सड़कें और हरियाली की तस्वीर उभरती है। इस इलाके का नाम ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस के नाम पर रखा गया, जिन्होंने इस क्षेत्र को डिजाइन किया था। इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन जैसे कई प्रतिष्ठित भवन इसी इलाके का हिस्सा हैं। यह इलाका भारत के सबसे प्रभावशाली लोगों के निवास के लिए जाना जाता है। सरकारी अधिकारी, सांसद, जज और देश के बड़े नेता यहां रहते हैं। लुटियंस दिल्ली को न केवल इसकी भव्यता बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है।

लुटियंस दिल्ली में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए 17 अलग-अलग प्रकार के घर हैं। इनमें बंगलों से लेकर फ्लैट्स और हॉस्टल तक शामिल हैं। हालांकि, टाइप-7 और टाइप-8 के बंगले सबसे ज्यादा डिमांड में रहते हैं।
टाइप-7 बंगले: चार बेडरूम, एक बड़ा लॉन, सर्वेंट क्वार्टर और गैराज के साथ आते हैं।
टाइप-8 बंगले: इनमें पांच बेडरूम के साथ अतिरिक्त सुविधाएं होती हैं।

इन बंगलों को विभिन्न कोटों के तहत आवंटित किया जाता है, जैसे जनरल पूल, जज पूल, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जजों का पूल। लुटियंस दिल्ली के इन बंगलों की खास बात यह है कि यहां न केवल बड़े-बड़े लॉन और सर्वेंट क्वार्टर हैं, बल्कि इन घरों का डिज़ाइन भी बेहद क्लासिक है। टाइप-7 और टाइप-8 बंगलों में आधुनिक सुविधाओं के साथ ही पुरानी शाही शैली का स्पर्श भी मिलता है। इसके अलावा, इन बंगलों में रहने वाले अधिकारियों और नेताओं को बिजली और पानी की उपयोग में भी विशेष रियायत मिलती है। यह बंगले भारत की कूटनीतिक और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक माने जाते हैं।

किराया जानकर चौंक जाएंगे!
क्या आप जानते हैं कि इन आलीशान बंगलों का किराया कितना है? अगर आप सोच रहे हैं कि इनकी कीमत लाखों में होगी, तो आपको हैरानी होगी। साल 2021 में आरटीआई के तहत सामने आया कि टाइप-7 और टाइप-8 बंगलों का मासिक किराया केवल 2200 से 4600 रुपये के बीच है। यह किराया इन बंगलों की भव्यता के मुकाबले बेहद कम है। दिलचस्प बात यह है कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी दिल्ली में घर अलॉट किए जाते हैं। उनके लिए भी यह किराया लगभग इतना ही रहता है।

वैसे आपको बताते चले कि इन बंगलों का आवंटन केंद्र सरकार के हाउसिंग मिनिस्ट्री के अधीन आता है। सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय द्वारा घर आवंटित किए जाते हैं। इसके अलावा, जजों और अन्य सरकारी अधिकारियों को उनकी वरिष्ठता और पद के आधार पर घर मिलते हैं। लुटियंस दिल्ली सिर्फ आलीशान बंगलों का इलाका नहीं, बल्कि यह भारत की राजनीतिक धड़कन है। यहां का हर घर सत्ता और ताकत का प्रतीक है। इन बंगलों के आसपास के इलाकों में सरकार की नीतियां और निर्णय लिए जाते हैं।

इन बंगलों की चर्चा इसलिए भी होती है क्योंकि यह देश की सामाजिक असमानता को भी उजागर करते हैं। जहां एक ओर आम आदमी को अपनी छत के लिए संघर्ष करना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर इतने भव्य बंगलों का इतना कम किराया सवाल खड़े करता है। दिल्ली के ये सरकारी बंगले न केवल भारत की राजनीतिक और सामाजिक संरचना का हिस्सा हैं, बल्कि यह उस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक हैं, जो ब्रिटिश युग से जुड़ी है।

यह भी पढ़ें

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें