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महंगी दवाई के खर्चे से परेशान लोगों के लिए संजीवनी बनी PMJY, आम लोगों लिया हाथों हाथ, स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा ऐलान!

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (PMJY) के तहत गरीबों को बड़ी राहत देने की घोषणा की, जिसके माध्यम से अब तक 30,000 करोड़ रुपये की बचत हो चुकी है। इस योजना के तहत 15,000 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध हैं। योजना का उद्देश्य गरीबों और वंचित वर्ग को महंगी दवाइयों से राहत देना है। इसके अलावा, आयुष्मान योजना और प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम के तहत भी लाखों गरीबों को इलाज में मदद मिली है। पीएमजेवाई से लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवा पर वित्तीय दबाव कम हुआ है।

Created By: केशव झा
20 Mar, 2025
( Updated: 20 Mar, 2025
01:47 PM )
महंगी दवाई के खर्चे से परेशान लोगों के लिए संजीवनी बनी PMJY, आम लोगों लिया हाथों हाथ, स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा ऐलान!
महंगाई के इस दौर में जब लोग जीवन-यापन और रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरी करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं और पैसे बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन आम तौर पर देखा गया है कि बचत का ज़्यादातर हिस्सा सेहत और महँगी दवाइयों में चला जाता है। केंद्र सरकार ने इसी को देखते हुए आम लोगों के लिए एक संजीवनी बनती जा रही योजना PMJY का ऐलान किया, जो आज किसी वरदान से कम नहीं है। जन औषधि केंद्रों पर न सिर्फ़ सस्ती, 90% तक कम, और सुगमता से उपलब्ध हैं। इसी की सफलता की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सदन में बड़ी जानकारी दी और बड़ा ऐलान किया। मंत्री के ऐलान से इतर ये जानना ज़रूरी है कि ये योजना क्या है और कैसे ये देश भर में धूम मचा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (PMJY) के तहत गरीबों को बड़ी राहत देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब तक जन औषधि केंद्रों के माध्यम से गरीबों के 30,000 करोड़ रुपये बचाए गए हैं। यह योजना महंगी दवाइयों के खर्च से परेशान आम जनता के लिए एक संजीवनी साबित हुई है।

PMJY योजना से गरीबों को मिली भारी राहत

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (PMJY) के तहत देशभर में 15,000 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों के माध्यम से गरीबों को सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयाँ मिल रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 30,000 करोड़ रुपये बचाए गए हैं। इसके अलावा, आयुष्मान योजना और प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम के जरिए भी लाखों गरीब रोगियों को इलाज में राहत मिली है, जिससे 16,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने किए बड़े सुधार, लाखों लोगों को मिला लाभ

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। उन्होंने कहा, "देशभर में 748 जिलों में प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम चल रहा है, जहां 1,575 केंद्र खोले गए हैं। अब तक 26 लाख 49 हजार रोगियों को लाभ मिल चुका है और 3 करोड़ 17 लाख डायलिसिस सेशन हो चुके हैं।" इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सरकार ने 157 नए मेडिकल कॉलेज खोले हैं और मेडिकल सीटों की संख्या 1.11 लाख हो गई है। आने वाले समय में 75,000 नई सीटों की व्यवस्था की जा रही है, जिससे मेडिकल शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा।


स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में और सुधार होंगे

स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने देश में टीबी की बीमारी में कमी आने की बात भी की। उन्होंने बताया कि टीबी में 17.7 प्रतिशत कमी आई है, जो वैश्विक कमी से दोगुनी है। इसके अलावा, कैंसर के इलाज के लिए विशेष स्क्रीनिंग और उपचार की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के झज्जर में एक विश्व स्तरीय कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया गया है, जो दुनिया के सबसे अच्छे कैंसर संस्थानों में से एक है।

जन औषधि केंद्र या PMJY योजना क्या है?
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (PMJY) एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य आम जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। यह योजना विशेषकर गरीब और वंचित वर्ग के लिए लाभकारी साबित हो रही है। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से लोगों को महंगी दवाइयों के मुकाबले सस्ती और असरदार जेनेरिक दवाइयाँ मिल रही हैं। यह केंद्र प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के तहत खोले जाते हैं।

उद्देश्य:
जन औषधि केंद्रों का प्रमुख उद्देश्य विशेषकर गरीब और वंचित वर्ग के लिए सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों के माध्यम से लोग महंगे इलाज और दवाइयों के खर्च से बच सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य देखभाल में होने वाले खर्चों में काफी कमी आती है। यह योजना देश भर में लोगों की स्वास्थ्य देखभाल पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को कम करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इन केंद्रों पर, खासतौर पर निम्न और मध्यम आय वाले वर्ग के लोग राहत महसूस कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ कम कीमत पर मिलती हैं।

परियोजना का नाम:
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा शुरू की गई एक पहल है। इस परियोजना के तहत, 'प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र' के नाम से दवाइयों की दुकानें खोली जाती हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य आम जनता को सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराना है, ताकि लोगों को उपचार के दौरान आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

दवाइयाँ:
जन औषधि केंद्रों पर जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध होती हैं, जो कम कीमत पर होती हैं लेकिन गुणवत्ता और प्रभावकारिता में महंगी ब्रांडेड दवाओं के बराबर होती हैं। ये दवाइयाँ विभिन्न चिकित्सीय समूहों जैसे:
कार्डियोवैस्कुलर
एंटी-कैंसर
एंटी-डायबिटिक्स
एंटी-इंफेक्टिव्स
एंटी-एलर्जिक
गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल दवाइयाँ
न्यूट्रास्युटिकल्स
इन सभी प्रमुख श्रेणियों की दवाइयाँ इन केंद्रों पर उपलब्ध होती हैं। इन दवाइयों का प्रभाव, गुणवत्ता और चिकित्सा मानक उच्चतम होते हैं, और इनका उपयोग विशेषज्ञों की सलाह के तहत किया जाता है।

अन्य उत्पाद:
इन केंद्रों पर सिर्फ जेनेरिक दवाइयाँ ही नहीं, बल्कि संबंधित स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद भी उपलब्ध होते हैं। इनमें विटामिन्स, मिनरल्स, और अन्य आवश्यक स्वास्थ्य उत्पाद शामिल होते हैं, जो किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हो सकते हैं। इन उत्पादों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाती है, ताकि लोग इनका भरपूर लाभ उठा सकें।

वित्तीय सहायता:
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र संचालकों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। प्रत्येक संचालक को 5.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिल सकती है, जो उनकी मासिक खरीद का 15% होती है। इस सहायता की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रति माह होती है। यह सहायता केंद्रों को प्रोत्साहित करती है ताकि वे अपनी दुकानें संचालित कर सकें और गरीबों को सस्ती दवाइयाँ मुहैया करवा सकें। यह वित्तीय सहायता इस योजना के सफल संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे संचालकों को दवाइयों की उचित आपूर्ति और संचालक का संचालन सुचारु रूप से किया जा सकता है।

इस प्रकार, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (PMJY) गरीबों और वंचित वर्ग के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से लोग सस्ती दवाइयाँ प्राप्त कर पा रहे हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य देखभाल का खर्च कम हो रहा है और उन्हें गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है। कुल मिलाकर कहें तो प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना ने देश के लाखों गरीबों को राहत दी है और अगर इसकी सही निगरानी होती रहे तो आने वाले समय में यह योजना और भी प्रभावी रूप से कार्य करेगी।


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