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अब ट्रैफिक नियम तोड़ना पड़ेगा महंगा, बच्चों के साथ पकड़े गए तो भरना होगा डबल जुर्माना

सरकार का यह प्रयास एक जरूरी कदम है ताकि हर नागरिक ड्राइविंग को सिर्फ वाहन चलाना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में समझे. बच्चों की सुरक्षा सिर्फ सीट पर बिठा देने से नहीं होती, बल्कि ट्रैफिक नियमों का पालन करके ही उनकी हिफाजत सुनिश्चित की जा सकती है.

अब ट्रैफिक नियम तोड़ना पड़ेगा महंगा, बच्चों के साथ पकड़े गए तो भरना होगा डबल जुर्माना

New Traffic Rules: भारत में हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं और इनमें से बड़ी संख्या में लोगों की जान चली जाती है. इन दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह है वाहन चालकों की लापरवाही और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी. खासतौर पर जब गाड़ी में बच्चे सवार हों, तब भी लोग बिना जिम्मेदारी के वाहन चलाते हैं. इस गंभीर समस्या को देखते हुए सरकार अब सख्त कदम उठाने जा रही है.

बच्चों के साथ ट्रैफिक रूल तोड़ा तो लगेगा दोगुना जुर्माना

सड़क परिवहन मंत्रालय एक नया नियम लाने जा रहा है, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति बच्चों को साथ लेकर गाड़ी चला रहा है और ट्रैफिक नियम तोड़ता है, तो उस पर दोगुना जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर ज्यादा जिम्मेदारी की ज़रूरत है, इसलिए ये नियम उन्हें ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है.

सभी वाहनों पर लागू होगा नया नियम

ये नियम सिर्फ कार या बाइक चलाने वालों के लिए ही नहीं बल्कि प्राइवेट और कमर्शियल दोनों तरह के वाहनों पर लागू होगा. यानी जो लोग स्कूल वैन, ऑटो, टैक्सी या किराए पर वाहन चलाते हैं, वे भी इसके दायरे में आएंगे. अगर कोई ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो केवल चालक ही नहीं, बल्कि वाहन मालिक को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा.

अभी कितने जुर्माने लगते हैं?

फिलहाल जो नियम लागू हैं, उनके तहत ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माने की राशि इस तरह है:

बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर: ₹1000
बिना सीट बेल्ट के कार चलाने पर: ₹1000
बाइक पर तीन सवार मिलने पर: ₹1000
ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने पर: ₹5000
बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर: ₹5000

लेकिन जैसे ही नया नियम लागू होगा, अगर आप बच्चों के साथ इन नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो ये जुर्माने दोगुने हो जाएंगे.

 क्या है मेरिट-डीमेरिट सिस्टम?

सरकार सिर्फ जुर्माना बढ़ाकर ही नहीं रुक रही, बल्कि एक नया प्वाइंट सिस्टम भी लागू करने जा रही है जिसे कहा जाएगा – मेरिट और डिमेरिट प्वाइंट सिस्टम। इस सिस्टम के तहत:

1.अच्छा और नियमों का पालन करने वाला ड्राइवर पायेगा मेरिट प्वाइंट

2. गलती या ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले ड्राइवर के खाते में जुड़ेंगे डिमेरिट प्वाइंट

3. अगर किसी व्यक्ति के डिमेरिट अंक तय सीमा से ज्यादा हो जाते हैं, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस अस्थायी या स्थायी रूप से रद्द किया जा सकता है.

 इंश्योरेंस से भी जुड़ सकता है ये सिस्टम

सरकार इस सिस्टम को वाहन बीमा यानी इंश्योरेंस से जोड़ने की तैयारी भी कर रही है. अगर कोई व्यक्ति जिम्मेदारी से गाड़ी चलाता है और उसके खाते में मेरिट प्वाइंट हैं, तो उसे इंश्योरेंस प्रीमियम में छूट मिल सकती है. वहीं जिनके डिमेरिट अंक अधिक हैं, उन्हें बीमा का प्रीमियम ज्यादा देना पड़ सकता है. इतना ही नहीं, जब ऐसे ड्राइवर अपना लाइसेंस रिन्यू कराने जाएंगे, तो उन्हें फिर से ड्राइविंग टेस्ट देना होगा.

 बच्चों की सुरक्षा और ड्राइविंग में ज़िम्मेदारी

सरकार का इस नए नियम और सिस्टम का सीधा मकसद है, सड़क पर सुरक्षा बढ़ाना और खासकर बच्चों के साथ सफर करते समय लोगों को जिम्मेदार बनाना। आज भी कई लोग बिना हेलमेट, सीट बेल्ट या नियमों को नजरअंदाज करके गाड़ी चलाते हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है. जब नियम तोड़ने पर जुर्माना दोगुना होगा, तो लोग शायद ज़्यादा सतर्क होंगे और बच्चों की जान की कीमत समझेंगे.

सरकार का यह प्रयास एक जरूरी कदम है ताकि हर नागरिक ड्राइविंग को सिर्फ वाहन चलाना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में समझे. बच्चों की सुरक्षा सिर्फ सीट पर बिठा देने से नहीं होती, बल्कि ट्रैफिक नियमों का पालन करके ही उनकी हिफाजत सुनिश्चित की जा सकती है.

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