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प्यार पाने के लिए हाइट कम करवा रहीं महिलाएं, लिंब-शॉर्टनिंग सर्जरी पर खर्च कर रहीं लाखों रुपये, क्या बोले एक्सपर्ट्स

दुनिया के ज्यादातर लोग लंबा होने की ख्वाहिश रखते हैं, और इसके लिए लाखों पैसे भी खर्च करते हैं. लेकिन इस देश की महिलाएं अपने हाइट को लिंब-शॉर्टनिंग सर्जरी के जरिए कम करा रही है, आखिर क्या है वजह जानिए इस खबर के जरिए…

प्यार पाने के लिए हाइट कम करवा रहीं महिलाएं, लिंब-शॉर्टनिंग सर्जरी पर खर्च कर रहीं लाखों रुपये, क्या बोले एक्सपर्ट्स
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प्यार और अपने रिश्तों के लिए लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं. कभी-कभी तो लोग ऐसा कदम उठा लेते है जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता और ऐसा ही अकल्पनीय काम कर रही हैं तुर्की की महिलाएं. प्यार और रिश्तें में वैलिडेशन पाने के लिए यहां की महिलाएं लिंब-शॉर्टनिंग सर्जरी करवा रही हैं. तुर्की में इन दिनों चल रहा ट्रेंड जितना चौंकाने वाला है, उतना ही खतरनाक भी है.

दुनिया के ज्यादातर लोग लंबा होने की ख्वाहिश रखते हैं, और इसके लिए लाखों पैसे भी खर्च करते हैं. लेग-लेंथनिंग सर्जरी के सहारे लोग लंबे हो रहे हैं, लेकिन तुर्की की ज्यादातर महिलाएं इसके ठीक उलट अपनी लंबाई कम करने का रास्ता अपना रही है. ऐसे में सवाल उठा है कि आखिर ये ऐसा कर क्यों रही हैं? अपनी हाइट को कम कर महिलाओं को क्या हासिल करना है? 

क्या कहती है रिपोर्ट?

इस्तांबुल की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसे 'हाइट पॉलिटिक्स' कहा जा रहा है. आम धारणा है कि ज्यादातर पुरुष छोटी कद वाली महिलाओं को पसंद करते हैं, जबकि महिलाएं लंबे पुरुषों को प्राथमिकता देती हैं. इसी वजह से कई लंबी महिलाएं अपने कद को लेकर असहज महसूस करती हैं. इस असहजता को दूर करने और डेटिंग गैप को खत्म करने के लिए कुछ महिलाएं बेहद दर्दनाक और जटिल सर्जरी का सहारा ले रही हैं.

कैसे होती है यह दर्दनाक सर्जरी?  

इस सर्जरी को लिंब-शॉर्टनिंग सर्जरी कहा जाता है. इसमें सर्जन जांघ (फीमर) या पिंडली (टिबिया) की हड्डी का एक हिस्सा निकालते हैं और बची हुई हड्डियों को स्टील रॉड या प्लेट की मदद से जोड़ देते हैं. इस प्रक्रिया से जांघ की लंबाई लगभग 5–5.5 सेंटीमीटर और पिंडली की लंबाई 3 सेंटीमीटर तक घटाई जा सकती है. यह एक लंबा, दर्दनाक और महीनों तक चलने वाला रिकवरी-प्रक्रिया है. तुर्की की एक महिला ने अपनी हाइट सिर्फ इसलिए कम करा ली ताकी उसे पार्टनर कबूल कर ले.  उसने अपनी हाइट 172 सेमी (5 फीट 7.7 इंच) से घटाकर 167.9 सेमी (5 फीट 6 इंच) करवा ली. 

सर्जरी के बाद रिकवरी में लग जाते है महीनों…

इस्तांबुल की कई हाई-प्रोफाइल क्लीनिक इस सर्जरी को मानो किसी लक्ज़री पैकेज की तरह पेश कर रही हैं. पैकेज में सिर्फ ऑपरेशन ही नहीं, बल्कि अस्पताल में ठहरने की सुविधा, शहर घूमने का टूर, फाइव-स्टार रेस्टोरेंट में डिनर और यहां तक कि बोस्फोरस पर बोट राइड भी शामिल होती है. सुनने में यह सब बेहद ग्लैमरस लगता है मानो छुट्टियां मनाने आए हों लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है.
रिकवरी का सफर महीनों तक चलता है. कई मरीजों को हफ्तों तक व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है. हर हफ्ते 4–5 बार तक फिजियोथेरेपी करनी पड़ती है और नसों को स्थायी नुकसान, गंभीर इंफेक्शन, हड्डियों का न जुड़ पाना और जीवनभर के लिए कमजोरी या लंगड़ापन सबसे बड़ा खतरा है 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? 

कुछ शोध यह संकेत देते हैं कि लंबी महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा अपेक्षाकृत अधिक हो सकता है. लेकिन डॉक्टर साफ कहते हैं कि इन स्वास्थ्य जोखिमों का कद घटाने की सर्जरी से कोई संबंध नहीं है. यह पूरी तरह सामाजिक दबाव और आत्म-स्वीकृति की कमी का नतीजा है.
मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सर्जरी केवल कॉस्मेटिक कारणों से कराई जाती है और इसमें गंभीर जोखिम शामिल हैं — जैसे संक्रमण, नसों को नुकसान और हड्डियों के न जुड़ने की आशंका. मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, यह बढ़ता ट्रेंड समाज में खूबसूरती और रिश्तों को लेकर मौजूद पुराने लैंगिक मानकों और "आदर्श कद" की धारणाओं से प्रेरित है.

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