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सड़क नहीं फिर भी गाड़ियों की आवाज, चारों तरफ टावर पर मोबाइल नहीं करता काम… रूस का ये गांव वैज्ञानिकों के लिए भी है एक पहेली

रूस का एक गांव जिसे ‘एम-ट्राएंगल’ या ‘मोल्योब्का ट्राएंगल’ के नाम से जाना जाता है, रहस्यमयी और अजीबोगरीब घटनाओं के कारण चर्चित है. ऐसा क्या है इस गांव में जो आज तक वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाएं, चलिए जनते हैं…

13 Jul, 2025
( Updated: 13 Jul, 2025
09:22 PM )
सड़क नहीं फिर भी गाड़ियों की आवाज, चारों तरफ टावर पर मोबाइल नहीं करता काम… रूस का ये गांव वैज्ञानिकों के लिए भी है एक पहेली
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रूस में एक ऐसा रहस्यमयी गांव मौजूद है, जिसे आज तक वैज्ञानिक भी पूरी तरह समझ नहीं पाए हैं. यह गांव ‘एम-ट्राएंगल’ या ‘मोल्योब्का ट्राएंगल’ के नाम से जाना जाता है. रूस की राजधानी मॉस्को से लगभग 600 मील पूर्व में, उराल पर्वतों के पास स्थित यह इलाका कभी स्थानीय लोगों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता था. लेकिन समय के साथ यह जगह अजीबोगरीब और रहस्यमयी घटनाओं के लिए चर्चित हो गई है.

इस रहस्यमयी जगह को 'पर्म विषम ज़ोन' के नाम से भी जाना जाता है, जो लगभग 70 वर्ग मील क्षेत्र में फैला हुआ है. 1980 के दशक में यह स्थान तब अचानक सुर्खियों में आया, जब यहां से रहस्यमयी और अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देने लगीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां गाड़ियों के चलने जैसी ध्वनियां रिकॉर्ड की गईं. जबकि नज़दीकी सड़क करीब 40 किलोमीटर दूर है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर ये आवाजें आती कहां से हैं?

एम-ट्राएंगल को लेकर कई रहस्यमयी और असामान्य घटनाओं की रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं. जैसे—आसमान से आने वाली रहस्यमयी प्रकाश किरणें, घने जंगलों में दिखने वाली पारदर्शी आकृतियां, और आसमान में उभरते अजीबो-गरीब चिन्ह. कुछ लोगों ने तो यहां यूएफओ यानी उड़नतश्तरियों को देखने का भी दावा किया है. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस जगह पर कुछ समय बिताने से व्यक्ति की बुद्धिमत्ता बढ़ती है और कई बार गंभीर रूप से बीमार लोग भी चमत्कारिक रूप से ठीक हो जाते हैं.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस क्षेत्र में लगभग सभी मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के टावर मौजूद हैं, फिर भी मोबाइल फोन काम नहीं करते. लेकिन यहां एक विशेष स्थान है, जिसे 'कॉल बॉक्स' कहा जाता है—यह एक छोटा-सा मिट्टी का टीला है. जैसे ही कोई व्यक्ति इस टीले पर चढ़ता है, वह दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से कॉल कर सकता है. लेकिन टीले से नीचे उतरते ही कॉल अपने आप कट जाती है, मानो वहां कोई अदृश्य ऊर्जा क्षेत्र काम कर रहा हो.

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एम-ट्राएंगल आज भी रहस्य बना हुआ है. वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में कई बार शोध किए, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया. कुछ लोग इसे प्रकृति का अद्भुत करिश्मा मानते हैं, तो कुछ इसे किसी दूसरी दुनिया से जुड़ा रहस्यमय संकेत बताते हैं. यह जगह आज भी रोमांच, रहस्य और विज्ञान के बीच झूलती एक अनसुलझी कहानी की तरह है, जिसका सच शायद समय ही उजागर करेगा.

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