'मुझे वंदे मातरम् पर गर्व है... ये सबको बोलना चाहिए', एक मुस्लिम ने कट्टरपंथियों को पढ़ाया इस्लाम का 'पाठ'!
Vande Matram Controversy: 'वंदे मातरम्' को लेकर हमेशा से मुस्लिम समाज में इसका विरोध देखा गया है. इसी बीच एक मुस्लिम ने 'वंदे मातरम्' पर कहा कि, 'मुझे इस पर गर्व है... ये सबको बोलना चाहिए', सुनिए उन्होंने क्या कुछ कहा.
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‘मुझे वंदे मातरम् पर गर्व है… इसे बोलने में कोई दिक्कत नहीं, ये सबको बोलना चाहिए… और ऐसे ही चलते रहना चाहिए’. ये शब्द हैं एक मुसलमान के. जी हां, उस मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति ने ऐसा कहा है, जिस समाज के लोग वंदे मातरम् बोलने से परहेज करते हैं. यहां तक कि मुस्लिम धर्मगुरू इस पर फतवा भी जारी कर देते हैं और कह दिया जाता है कि वंदे मातरम् बोलना इस्लाम धर्म के सख्त खिलाफ है. बहुत तो ऐसे हैं जो इसे हराम तक करार दे देते हैं.
'मुझे वंदे मातरम् पर गर्व है...इसे बोलने में कोई दिक्कत नहीं, ये चलते रहना चाहिए...'
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) November 11, 2025
एक अफगानी मुसलमान ने डंके की चोट पर कहा वंदे मातरम. बड़ा सवाल ये है कि भारत में कुछ लोगों को क्यों इस से परेशानी हो रही है?#VandeMatram #India #Afghanistan | @thesumittewari | @AshwiniUpadhyay pic.twitter.com/JX1qGNobrW
ये वही लोग हैं जो ‘आई लव मोहम्मद’ का नारा तो देते हैं लेकिन मोहम्मद साहब के बताए हुए रास्ते पर नहीं चलते. अगर इनसे पूछा जाए कि मोहम्मद साहब के माता-पिता का क्या नाम था? मोहम्मद साहब कब पैदा हुए? मोहम्मद साहब ने क्या उपदेश दिए?
यहां तक की मोहम्मद साहब की जिंदगी से जुड़ी कुछ भी सवाल करेंगे तो ऐसे लोगों को पता नहीं होगा, लेकिन ये लोग ‘आई लव मोहम्मद’ की तख्ती लेकर घूमते फिरेंगे. इनके हिसाब से मोहम्मद साहब से ‘प्यार’ का पैमाना उनके उपदेशों को मानना नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित होकर ‘आई लव मोहम्मद’ की तख्ती लेकर घूमना है.
और इन्हीं लोगों को वंदे मातरम् से भी दिक्कत है. ऐसे ही सोच रखने वालो को एक मुसलमान ने ही आईना दिखाते जो कुछ भी कहा है, उसे जरूर सुनना चाहिए.
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अब बड़ा सवाल ये है कि इस अफगानी मुसलमान की बात सुनकर क्या बोलेंगे भारतीय मुसलमान.
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