साइबर अपराधियों की चक्करघिन्नी में फंसे सांसद महोदय… ठगों ने बंद अकाउंट से उड़ा लिए 56 लाख, हैरान कर देगा तरीका
Cyber Fraud: इस केस के बाद सवाल उठे कि आखिर बंद अकाउंट में लाखों कैश कैसे आया? कैसे ट्रांजेक्शन किया गया? दरअसल, ठग अव्वल दर्जे के शातिर निकले और ठगी का जो तरीका अपनाया उसे देख पुलिस का भी दिमाग घूम गया.
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कॉल, मैसेज, टीवी पर विज्ञापन, साइबर ठगों से लोगों को सावधान करने के लिए सरकार एक तरफ कैंपेन चला रही हैं. दूसरी ओर साइबर ठगी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं. अब साइबर ठग आम ही नहीं खास लोगों को भी निशाना बना रहे हैं. इनका नया-नया शिकार हुए हैं TMC के चर्चित सांसद कल्याण बनर्जी. उनके साथ ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी में 56 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी की गई है.
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के सेरामपुर से सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) के साथ ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी की गई है. साइबर ठग (Cyber Criminal) पहले तो सांसद के SBI के एक बंद अकांउंट तक पहुंचे, फिर अनधिकृत लेनदेन कर बड़ी रकम पर हाथ साफ कर लिया.
कल्याण बनर्जी के बंद अकाउंट से कैसे की ठगी?
ये मामला कोलकाता में SBI की हाईकोर्ट ब्रांच का है. जिसमें कल्याण बनर्जी का अकाउंट था, लेकिन वो कई सालों से बंद पड़ा था. साइबर अपराधियों ने उनके पुराने, बंद पड़े SBI बैंक खाते को दोबारा चालू कर लिया और उसमें फर्जी KYC दस्तावेज लगाकर उनकी जगह खुद को खाते का मालिक दिखा दिया. ठगों ने फोटो और फोन नंबर भी बदल डाले. यानी स्टेप बाय स्टेप ठगों ने खाते का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया. इसके बाद साइबर अपराधियों ने कई अनाधिकृत ट्रांजेक्शन किए और इस तरह कुल 56 लाख रुपये से ज्यादा उड़ा लिए. ये पैसा अलग-अलग खातों में भेजा गया.
ATM से कैश निकाला, गहने खरीदे
बताया जा रहा है ठगों ने ATM के जरिए कुछ कैश भी निकलवाया है. कुछ पैसों से गहनों की खरीदारी भी की गई है. मामला कोलकाता साइबर क्राइम पुलिस तक पहुंच गया है. SBI शाखा ने शिकायत दर्ज करवाई है. इसके बाद पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि, अपराधियों ने बैंक खाते तक पहुंच कैसे बनाई और पैसे कहां ट्रांसफर किए गए.
जानकारी के मुताबिक, कल्याण बनर्जी ने ये खाता तब खुलवाया था जब वे साल 2001 से 2006 तक आसनसोल से TMC के विधायक थे. बताया जा रहा है उस समय उनकी विधायक वाली सैलेरी इसी खाते में आती थी. कार्यकाल खत्म होने के कुछ साल बाद से ही अकाउंट बंद हो गया था. इसमें कोई लेन-देन नहीं हुआ था.
बंद अकाउंट से कैसे हुआ ट्रांजेक्शन?
इस केस में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बंद अकाउंट में लाखों कैश कैसे आया? कैसे ट्रांजेक्शन हो गया? दरअसल, ठग अव्वल दर्जे के शातिर निकले. उन्होंने पहले कल्याण बनर्जी के दूसरे SBI अकाउंट जो काली घाट शाखा में था उससे 55 लाख रुपए हाईकोर्ट शाखा (जिस अकाउंट से ठगी हुई) में ट्रांसफर किए. इसके लिए अपराधियों ने सबसे पहले KYC के जरिए इनएक्टिव अकाउंट को एक्टिव किया.
जब कल्याण बनर्जी को बड़ी रकम के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत SBI शाखा से संपर्क किया और सारी बात बताई. साइबर अपराध की इस बड़ी वारदात के बाद अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूल गए. बैंक ने जांच में पाया कि कल्याण बनर्जी को इस ट्रांजेक्शन की कोई खबर नहीं थी ये ठगी का मामला है. ऐसे में थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई. पुलिस अब खाते की पूरी डिटेल निकालते हुए ट्रांजेक्शन राशि और जिन अकाउंट में इसे ट्रांसफर किया गया है ये पता लगा रही है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही अपराधियों तक पहुंच बना लेगी.
दो साल में दोगुने हुए साइबर क्राइम के मामले
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देश में साइबर अपराधी लगातार अपना साम्राज्य बढ़ा रहे हैं. NCRB की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में ऑनलाइन ठगी और डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों की संख्या 10 लाख 29 हजार थी, जो साल 2024 में बढ़कर 22 लाख 68 हजार तक पहुंच गई.
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