Advertisement

सर्दियों में बारिश क्यों हो रही है? जानें इसके कारण, फायदे और नुकसान

सर्दियों के मौसम में बारिश होना एक दुर्लभ और दिलचस्प प्राकृतिक घटना है, लेकिन जब ऐसा होता है, तो इसके पीछे वैज्ञानिक कारण और पर्यावरणीय प्रभाव होते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानें कि सर्दियों में बारिश क्यों हो रही है, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं।

27 Dec, 2024
( Updated: 27 Dec, 2024
10:58 PM )
सर्दियों में बारिश क्यों हो रही है? जानें इसके कारण, फायदे और नुकसान
इन दिनों दिल्ली-NCR समेत भारत के कई हिस्सों में सर्दियों के मौसम में बारिश हो रही है। आमतौर पर मानसून के दौरान या गर्मियों में बारिश की आदत से परिचित देशवासियों के लिए यह असामान्य लगता है। लेकिन सर्दियों में बारिश का कारण एक खास मौसमी घटना है जिसे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) कहा जाता है।

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) में बनने वाले लो प्रेशर सिस्टम से जुड़ा है। यह सिस्टम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता है और हिमालय क्षेत्र से टकराता है। जब यह हवा भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करती है, तो यह बारिश और बर्फबारी का कारण बनती है। इसके साथ ठंडी हवाओं का मेल मैदानी इलाकों में तापमान गिरा देता है। पिछले कुछ वर्षों में, जलवायु परिवर्तन ने इन घटनाओं को और अधिक अनियमित और तीव्र बना दिया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
सर्दी की बारिश का प्रभाव
ठंड में इजाफा: बारिश के बाद ठंडी हवाएं और तापमान में गिरावट ठंड को और बढ़ा देती है। नमी के कारण शरीर में ठंड का अहसास और अधिक होता है।
कोहरे का बढ़ना: बारिश के बाद हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे घना कोहरा बनता है। खासकर उत्तरी भारत में यह दृश्यता को कम कर देता है, जिससे ट्रांसपोर्टेशन में बाधा होती है।
फसलें और पर्यावरण पर प्रभाव: बारिश रबी की फसलों जैसे गेहूं, जौ, और सरसों के लिए लाभकारी होती है। यह मिट्टी में नमी बनाए रखती है और फसल के पोषण में मदद करती है। इसके साथ ही बारिश वायु प्रदूषण के कणों को धोकर हवा को साफ करती है।
सर्दियों की बारिश के फायदे और नुकसान
फसलों के लिए वरदान: रबी की फसलें इस समय पोषण के लिए बारिश पर निर्भर होती हैं। यह बारिश मिट्टी को समृद्ध बनाती है और पानी की जरूरत को पूरा करती है।
वायु प्रदूषण कम होता है: दिल्ली-NCR जैसे प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में बारिश वायु गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है। यह प्रदूषण के कणों को जमीन पर गिराती है।
जल स्रोतों में वृद्धि: मानसून के बाद सूखते जल स्रोतों में पानी का स्तर बढ़ता है। हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं के लिए यह बारिश सहायक साबित होती है।

नुकसान
लैंडस्लाइड का खतरा: पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। इससे जान-माल की हानि हो सकती है।
सड़क और रेल यातायात बाधित: घने कोहरे और बारिश के कारण सड़क और रेल यातायात धीमा हो जाता है। दृश्यता कम होने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
शहरी क्षेत्रों में जलभराव: यदि बारिश अधिक हो जाती है, तो शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या हो सकती है।

हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई हिस्सों में बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही, यह सलाह दी है कि लोग ठंड और कोहरे से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें। दरअसल बारिश के साथ ठंड बढ़ने से सर्दी-जुकाम और फ्लू के मामले बढ़ सकते हैं। बुजुर्गों और बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
घना कोहरा और गीली सड़कों के कारण यात्रा में दिक्कतें होती हैं। हवाई और रेल सेवाओं में देरी आम बात हो जाती है।

सर्दियों की बारिश प्रकृति का अद्भुत खेल है। यह जहां कृषि और पर्यावरण के लिए वरदान है, वहीं आम जीवन के लिए चुनौती भी बन सकती है। पश्चिमी विक्षोभ जैसे प्राकृतिक घटनाएं हमें प्रकृति के अनुकूल जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं। जरूरत है कि हम इस मौसम का फायदा उठाएं और नुकसान से बचने के लिए तैयार रहें।

यह भी पढ़ें

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें