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Kadak Baat : डिप्टी सीएम के 25 हजार करोड़ के घोटाले पर मच गया बवाल, पुलिस से भिड़ गई ED

25 हजार करोड़ के बैंक घोटाले में एक बार फिर अजित पवार की मुश्किलें बढ़ गई है।

Created By: शबनम
29 Jun, 2024
( Updated: 06 Dec, 2025
05:17 AM )
Kadak Baat : डिप्टी सीएम के 25 हजार करोड़ के घोटाले पर मच गया बवाल, पुलिस से भिड़ गई ED

महाराष्ट्र की सियासत में इस वक्त उथल पुथल मची हुई है, बीजेपी नेताओं को अजीत पवार भा नहीं रहे हैं।उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बवाल पर आ रहे हैं क्योंकि बीजेपी ही नहीं,आरएसएस के नेताओं ने भी मान लिया है।अजीत पवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप गठबंधन के लिए भारी है। बीजेपी में अजित पवार का विरोध शुरू ही हुआ था, इसी बीच पवार को एक और ऐसा झटका लगा।महाराष्ट्र में हड़कंप ही मच गया क्योंकि एक बार फिर अजित पवार के घोटाले का जिन्न जो बाहर आ गया। राज्य सहकारी बैंक में हुए कथित 25 हजार करोड़ के घोटाले को लेकर ED और मुंबई पुलिस आमने सामने आ गई है।कोर्ट में कई घंटों तक तीखी बहस चली क्या कुछ हुआ कोर्ट में सुनवाई के दौरान चलिए बताते हैं। दरअसल

  • EOW ने राज्य सहकारी बैंक में हुए कथित 25 हजार करोड़ के घोटाले की क्लोजर रिपोर्ट फाइल की 
  • ED ने इसका विरोध किया और हस्तक्षेप अर्जी फाइल कर दी है

ईडी के एक्शन से साफ हो रहा है कि अजिर पवार की मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल EOW ने पहले जब केस दर्ज किया था तो डिप्टी सीएम अजित पवार को बतौर आरोपी नामजद किया था।लेकिन बाद में EOW पलट गया और कहा कि शीर्ष सहकारी बैंक में कथित घोटाले से कोई नुकसान नहीं हुआ। EOW ने कोर्ट में दाखिल लिखित जवाब में कहा कि-ईडी द्वारा इसी तरह की हस्तक्षेप अर्जी पूर्व में सांसदों और विधायकों के मामले में दाखिल की गई थी जिसे विशेष अदालत खारिज कर चुकी है। केंद्रीय एजेंसी ने उन्हीं बिंदुओं के आधार पर नए सिरे से अर्जी दाखिल की है। 

खैर EOW की तरफ से मामले की जांच बंद करने की सिफारिश की जा रही है। लेकिन  ED चाहती है कि निष्पक्ष तरीके से जांच शुरू हो, ताकी दूध का दूध पानी का पानी हो पाए। बता दें की कथित घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू ने सबसे पहले मामले को बंद करने की अर्जी सितंबर 2020 में दाखिल की थी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। फिलहाल ईडी इस केस की जांच को बंद करने नहीं देना चाहती यही वजह है कि ईडी ने EOW की दाखिल रिपोर्ट में दखल देने का अनुरोध किया है।  बता दें की FIR में अजित पवार के अलावा 70 और नाम थे, तो ऐसे में ईडी का एक्शन अजित पवार की सियासी राह भी मुश्किल कर रहा है।क्योंकि मामला RSS के उठाने के कुछ दिन बाद ही चर्चा में आ गया है।दरअसल महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों में BJP के खराब प्रदर्शन कर लिए RSS ने अजित पवार से गठबंधन को जिम्मेदार बताया था। कहा था कि अजित पवार पर घोटाले के दाग है,इसलिए जनता इस गठबंधन से नाराज है।जैसे ही RSS ने नाराजगी दिखाई.. वैसे ही बीजेपी के कुछ नेता भी खुलकर सामने आ गए। एक मीटिंग में बीजेपी के पदाधिकारी सुदर्शन चौधरी ने छुटते ही अजित पवार और उनकी NCP को बाहर  का रास्ता दिखाने की बात कह डाली. चौधरी कहते नजर आए कि आपके लिए यह सुझाव है. पार्टी कार्यकर्ता क्या सोच रहे हैं उसे समझिये. अगर आप कोई फैसला लेना चाहते हैं तो महायुति (सत्तारूढ़ गठबंधन) से अजित पवार को बाहर करिये।

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इस बयान से सियासी हलकों में कोहराम मचा दिया। अजीत पवार गुट तुरंत विरोध प्रदर्शन पर उतर आया,लेकिन अजित पवार कितना भी शोर मचा लें एक बात तय हो गई है कि उनका राजनीति भविष्य गर्क में जा चुका है।

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