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IIT दिल्ली के नए ऐप के साथ पहाड़ों पर घर बनाना होगा सुरक्षित, देगा लैंडस्लाइड की सटीक जानकारी

IIT दिल्ली ने पहाड़ों में भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की सटीक भविष्यवाणी और मैपिंग के लिए एक वेब ऐप Cascade विकसित किया है। यह ऐप 3 से 5 मिनट में किसी क्षेत्र की लैंडस्लाइड हिस्ट्री सैटेलाइट इमेज के जरिए तैयार कर सकता है। इसका उपयोग जोखिम भरे क्षेत्रों की पहचान, इंश्योरेंस क्लेम में मदद, और पुनर्वास कार्यों में होगा।

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17 Oct 2024
( Updated: 17 Oct 2024
10:51 PM )
IIT दिल्ली के नए ऐप के साथ पहाड़ों पर घर बनाना होगा सुरक्षित, देगा लैंडस्लाइड की सटीक जानकारी
IIT दिल्ली ने एक अनोखा वेब ऐप Cascade तैयार किया है, जो पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड (भूस्खलन) की भविष्यवाणी और मैपिंग करने में मदद करेगा। इस ऐप को प्रोफेसर मानाबेंद्र सहारिया और पीएचडी स्कॉलर निर्देश ने विकसित किया है। यह ऐप सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल कर किसी भी स्थान की लैंडस्लाइड हिस्ट्री सिर्फ 3 से 5 मिनट में तैयार कर सकता है। इसका प्रमुख उद्देश्य जोखिम भरे क्षेत्रों की पहचान करना और समय रहते लोगों को चेतावनी देना है ताकि जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।

लैंडस्लाइड मैपिंग का फायदा:

भविष्यवाणी: यह ऐप यह जानने में मदद करेगा कि किस क्षेत्र में पहले लैंडस्लाइड हुए हैं और भविष्य में कहां हो सकते हैं। इससे उन इलाकों में घर बनाने या सड़कें बनाने से पहले सावधानी बरती जा सकेगी।

इंश्योरेंस और रीहैब: लैंडस्लाइड के बाद किसी क्षेत्र में हुए नुकसान की गणना में भी यह ऐप मददगार साबित होगा। इससे इंश्योरेंस क्लेम का डेटा मिल सकेगा।

सुरक्षा: किसी पहाड़ के एक ओर भूस्खलन न होने के बावजूद दूसरी ओर हो सकता है। इस ऐप के माध्यम से दोनों पक्षों की मैपिंग कर संभावित खतरों का आकलन किया जा सकता है।

लैंडस्लाइड क्या है?

लैंडस्लाइड, या भूस्खलन, केवल पहाड़ी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। हिमालय से लेकर केरल तक यह समस्या देखी जाती है। यह तब होता है जब किसी पहाड़ी का बड़ा हिस्सा असंतुलित होकर नीचे की ओर खिसकता है। इसका मुख्य कारण भूमि का प्राकृतिक निर्माण है, जहां बड़े भूभाग का एक से दूसरी जगह खिसकना शामिल होता है।

पिछले 10-15 वर्षों में चरम मौसमी आपदाओं में वृद्धि देखी गई है। अत्यधिक बारिश या भूकंप जैसे कारणों से पहाड़ों की ढलानें अस्थिर हो जाती हैं और भूमि खिसक जाती है। इस तरह की घटना  जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों के कारण ही होती है। वैसे आपको बता दें कि 10 वर्ग मीटर या उससे अधिक भूमि एक साथ खिसक जाए, तब इसे लैंडस्लाइड कहा जाता है। ऐसे क्षेत्रों में मिट्टी ढीली होती है और पेड़-पौधे कम होते हैं। इसके कारण अत्यधिक बारिश होने पर यह भूमि नीचे की ओर खिसक जाती है।

अब तक लैंडस्लाइड की सटीक भविष्यवाणी करना एक चुनौती बना हुआ है। हालांकि, यह ऐप सटीक डेटा प्रदान करके लैंडस्लाइड की संभावनाओं को समझने में मदद करेगा। इससे निर्माण और पर्यटन गतिविधियों को योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया जा सकेगा, खासकर हिमालय, उत्तराखंड, हिमाचल, और केरल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।

IIT दिल्ली का यह ऐप पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और पर्यटकों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है। इससे लैंडस्लाइड की सही जानकारी मिल सकेगी और जोखिमपूर्ण क्षेत्रों में संरचनाओं का निर्माण करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। Cascade जैसे ऐप्स भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, और यही वजह है कि इसे एक गेम-चेंजर के रूप में देखा जा रहा है।

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