Advertisement

कौन हैं Captain Anshuman जिनकी पत्नी Kirti Chakra लेने पहुंची तो हर कोई उदास हो गया

देश की रक्षा के लिए खुद को झोंक देने वाले कई वीर जवानों को उनकी बहादुरी के लिए शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया गया जिसमें एक नाम कैप्टन अंशुमान सिंह का भी था जिन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया जिसे लेने उनकी पत्नी जब राष्ट्रपति भवन पहुंचीं तो हर कोई उदास हो गया

07 Jul, 2024
( Updated: 07 Jul, 2024
12:20 PM )
कौन हैं Captain Anshuman जिनकी पत्नी Kirti Chakra लेने पहुंची तो हर कोई उदास हो गया

देश की रक्षा के लिए खुद को झोंक देने वाले कई वीर जवानों को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति भवन में सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया जिनमें एक नाम कैप्टन अंशुमान सिंह का भी था। जिन्होंने सियाचिन ग्लेशियर पर अपने जवानों की जान बचाने के लिए खुद को शहीद कर दिया था।इस बहादुरी के लिए उन्हें शांति कालीन द्वितीय सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया।जिसे लेने के लिए शहीद अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति जब आगे बढ़ीं तो मानो हर किसी की आंखें नम हो गईं क्योंकि कैप्टन अंशुमान सिंह देश के जवान के साथ साथ स्मृति सिंह के पति भी थे।

देश के लिए शहीद हो गये जवान अंशुमान

जिनके साथ उन्हें पूरी जिंदगी बितानी थी लेकिन शादी के कुछ ही महीनों बाद कैप्टन अंशुमान सिंह देश के लिए शहीद हो गये।उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह दि पंजाब रेजिमेंट 26वीं बटालियन की सेना चिकित्सा कोर में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। 19 जुलाई साल 2023 में जब उनकी तैनाती हजारों फीट ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर पर थी। उसी दौरान सेना के बंकर में अचानक भीषण आग लग गई थी। जिसमें कई जवान फंस गये थे।अपने जवानों को इस मुश्किल हालात में फंसा देख कर कैप्टन अंशुमान सिंह से रहा नहीं गया और अपनी जान की परवाह किये बिना ही भीषण आग में कूद गये और चार जवानों की जान बचा ली।

इतना ही नहीं जवानों के साथ साथ कैप्टन अंशुमान ने आग की चपेट में आईं जीवन रक्षक दवाओं और उपकरणों को बचाने की पूरी कोशिश की क्योंकि सेना के जवान के साथ साथ वो एक मेडिकल ऑफिसर भी थे। लेकिन हजारों फीट ऊपर बड़ी ही मुश्किल से पहुंचाई गई दवाओं को बचाने की कोशिश में कैप्टन अंशुमान सिंह इस कदर झुलस गये कि उन्हें बचाया नहीं जा सका ऐसे बहादुर जवान के सर्वोच्च बलिदान के बारे में जब राष्ट्रपति भवन में बताया जा रहा था तो उनकी पत्नी स्मृति सिंह की आंखों से आंसू छलक रहे थे तो वहीं पास में ही बैठे पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी भावुक नजर आए।

कैप्टन अंशुमान सिंह उस परिवार से थे जिनके पिता रवि प्रताप सिंह खुद भारतीय सेना में सूबेदार पद पर थे। यही वजह है कि अंशुमान भी भारतीय सेना में जाने का फैसला किया और 27 साल की उम्र में ही AFMC के तहत पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन में बतौर मेडिकल ऑफिसर तैनात हुए। सेना में शामिल होने के बाद कैप्टन अंशुमान ने साल 2023 के फरवरी महीने में ही नोएडा की रहने वालीं स्मृति से शादी की थी। लेकिन स्मृति और अंशुमान का साथ ज्यादा दिन तक नहीं चला शादी को छ महीने भी नहीं हुए थे कि जुलाई में कैप्टन अंशुमान शहीद हो गये उनकी शहादत पर पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा था।

कैप्टन अंशुमान परमधाम को जा चुके हैं, जाना तो इस दुनिया से सबको है लेकिन जिन कर्मों के साथ वह गए हैं, जिस बहादुरी के साथ वह देश की सेवा करके गए हैं, वह पीढ़ियां याद रखेंगी, वह हमारे परिवार के साथ-साथ हमारे क्षेत्र, जिले का भी नाम रोशन करके गए हैं।इसलिए उनके पिता होने पर बहुत ही गर्व महसूस करता हूं, साथ ही जिस तरीके से भारत सरकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और उत्तर प्रदेश सरकार से योगी आदित्यनाथ जी और जिलाधिकारी का सहयोग मिला है उसके लिए कृतज्ञ रहूंगा।

कैप्टन अंशुमान सिंह देवरिया जिले के पहले ऐसे जवान हैं जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है तो वहीं उनके सम्मान में योगी सरकार ने उनके गांव की सड़क का नाम शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह मार्ग रख दिया है। इतना ही नहीं साल 2023 में जब मुहर्रम का जुलूस निकाला गया था तो उस दौरान मुस्लिमों ने कैप्टन अंशुमान की शहादत के सम्मान में उनकी तस्वीर के साथ ताजिया निकाली थी। ऐसे जाबांज जवान के बारे में आपका क्या कहना है अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं। साथ ही आइये आपको दिखाते हैं देश के और किन जवानों को राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित किया गया।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें