देश की शान पर नहीं आने देंगे आंच, चिनाब-अंजी ब्रिज की सुरक्षा को लेकर रेलवे चौकस
भारतीय रेलवे द्वारा बनाए गए चिनाब और अंजी ब्रिज, साथ ही श्रीनगर-कटरा रेललाइन की सुरक्षा को और भी कड़ा कर दिया गया है. रेलवे, आरपीएफ और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर इन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को ‘फुलप्रूफ’ बनाने के लिए कई खास कदम उठाए हैं.
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Pahlgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हालिया आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है. खासकर उन इलाकों में, जो रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम हैं. इसी कड़ी में भारतीय रेलवे द्वारा बनाए गए चिनाब और अंजी ब्रिज, साथ ही श्रीनगर-कटरा रेललाइन की सुरक्षा को और भी कड़ा कर दिया गया है. रेलवे, आरपीएफ और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर इन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को ‘फुलप्रूफ’ बनाने के लिए कई खास कदम उठाए हैं.
श्रीनगर-कटरा रेल लाइन की खासियत
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर के अनुसार, श्रीनगर-कटरा रेल लाइन ना सिर्फ कश्मीर को बाकी भारत से जोड़ती है, बल्कि यह तकनीकी और निर्माण के लिहाज़ से भी अद्भुत मानी जाती है.इस लाइन पर बना चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, और अंजी ब्रिज केबल-स्टे (Cable-stayed) तकनीक से बना भारत का पहला रेलवे पुल है. ऐसे में इन दोनों ब्रिजों की सुरक्षा सर्वोपरि है.
आरपीएफ की तैनाती बढ़ाई गई
पहलगाम हमले के बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की संख्या में भारी इजाफा किया गया है.पहले से मौजूद सुरक्षा बलों के अलावा अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी गई है, विशेषकर टनल्स, ब्रिज, और अन्य संवेदनशील स्थानों पर. रेल लाइन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
कोऑर्डिनेशन से सुरक्षा को मजबूती
सिर्फ RPF ही नहीं, बल्कि स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. चिनाब और अंजी ब्रिज के आस-पास की ऊंची पहाड़ियों पर भी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.
कुछ क्षेत्रों पर रखी जा रही है विशेष नजर
रेलवे ने कुछ खास स्थानों पर अत्यधिक निगरानी शुरू कर दी है, जिनमें वे इलाके शामिल हैं जहां महत्वपूर्ण रेलवे उपकरण या संचार प्रणाली लगी हुई है. ये स्थान अक्सर पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में होते हैं, जहां से ट्रेन संचालन को नियंत्रित किया जाता ह.इसके अलावा, दिल्ली स्थित उत्तर रेलवे मुख्यालय से भी पूरे नेटवर्क पर डिजिटल निगरानी की जा रही है.
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चिनाब और अंजी ब्रिज की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम ये साबित करते हैं कि भारतीय रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क और तैयार हैं. ऐसी परिस्थितियों में रेलवे द्वारा की जा रही तैयारी न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि देश की सामरिक और संरचनात्मक संपत्तियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इन सुरक्षा इंतज़ामों को और किस तरह से बेहतर किया जाता है.
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