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'VIP प्रोटोकॉल पर रोक, शिवलिंग का स्पर्श बैन...', सावन में बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए गाइडलाइन जारी, जानें डिटेल

बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने जा रहा है. खबर है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन से पहले बड़ी तैयारी होने जा रही है जिससे सावन में यहां आने वाले भक्तों को परेशानी ना हो. इसके लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से महत्वपूर्ण गाइडलाइन जारी की गई है.

20 Jun, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
07:38 AM )
'VIP प्रोटोकॉल पर रोक, शिवलिंग का स्पर्श बैन...', सावन में बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए गाइडलाइन जारी, जानें डिटेल

12 ज्योतिर्लिंग में से एक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रावण माह को लेकर मंदिर प्रशासन, वाराणसी जिला प्रशासन, वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से सभी तैयारियों से संबंधित विषयों पर बैठक की जा रही है. मंदिर प्रशासन की तरफ से सावन माह को लेकर श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम के साथ-साथ महत्वपूर्ण गाइडलाइन भी जारी की गई है.

बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के स्पर्श दर्शन पर रोक

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि - प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगवान विश्वनाथ के धाम में श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन और व्यवस्थाओं को लेकर तैयारियां की जा रही है. इसी क्रम में जिगजैग लाइन, पानी की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा, सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाएगा. इसके अलावा सावन माह के दौरान बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह रोक रहेगी.

सुरक्षा के विशेष प्रबंध

इसके अलावा इस अवधि में किसी भी प्रकार के प्रोटोकॉल दर्शन नहीं हो सकेंगे. सावन माह के दौरान सुबह से ही देर रात तक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसको लेकर हर एक पॉइंट पर सीसीटीवी कैमरे और मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों की मदद से नजर रखी जाएगी.

मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से की अपील

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मंदिर प्रशासन की तरफ से काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से एक अपील भी की गई है कि सावन माह के दौरान विशेष तौर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. ऐसे में मंदिर तक पहुंचने के लिए अलग-अलग कतार में 8 से 10 घंटे की अवधि भी लग सकती है. इसलिए श्रद्धालु खाली पेट दर्शन करने के लिए न पहुंचे. वह अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें. इसके अलावा राजनीतिक न्यायिक एवं प्रशासनिक स्तर से प्राप्त होने वाले प्रोटोकॉल के लिए भी सावन माह में कोई सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी, इसको लेकर भी सूचना आने वाले समय में प्रेषित कर दी जाएगी.

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