Advertisement

संसद के मॉनसून सत्र में सरकार 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा को तैयार, सर्वदलीय बैठक में बोले किरेन रिजिजू

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. मानसून सत्र शुरू होने से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, संसद की कार्यवाही अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा.

20 Jul, 2025
( Updated: 21 Jul, 2025
10:45 AM )
संसद के मॉनसून सत्र में सरकार 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा को तैयार, सर्वदलीय बैठक में बोले किरेन रिजिजू

रविवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, संसद की कार्यवाही अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा. राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है.

सर्वदलीय बैठक में बोले किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के फ्लोर नेताओं की एक बैठक हुई. इस सत्र में कुल 51 राजनीतिक दल और निर्दलीय सांसद भाग लेंगे. इन 51 दलों के 54 सदस्य आज बैठक शामिल हुए. 40 लोगों ने अपनी पार्टियों की ओर से अपनी राय रखी. बहुत सकारात्मक बैठक हुई. सभी राजनीतिक नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की स्थिति बताई और इस सत्र में लाने वाले मुद्दे उठाए. हमने सरकार की ओर से सभी प्वाइंट लिखे हैं. हमने कहा है कि सदन अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर अच्छे से काम करना होगा. राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है. यह सरकार के साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है.''

किरेन रिजिजू ने आगे कहा, "'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद विभिन्न दलों के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की बैठकें बहुत अच्छी और प्रभावी रहीं और उन सभी अच्छे अनुभवों को राष्ट्र के सामने शेयर किया जाना चाहिए। हमें इसका स्वागत करना चाहिए."

विपक्षी दलों ने उठाए गंभीर मुद्दे 

विपक्षी दल के नेताओं ने इस सर्वदलीय बैठक में कई गंभीर मुद्दे उठाए. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भारत-पाकिस्तान और चीन सीमा पर दो मोर्चों की चुनौतियों और विदेश नीति पर चर्चा की मांग की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को संसद में आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें

गोगोई ने कहा, "काफी समय बीत चुका है और सरकार को अपनी चूक के ऊपर अपनी बात रखनी होगी. युद्ध के लिए हमने अपनी सेनाओं को पूरा समर्थन दिया. इसके पश्चात जो घटनाक्रम हुआ है, उस पर प्रधानमंत्री मोदी को प्रकाश डालना चाहिए क्योंकि जो बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आ रहे हैं, वे कहीं न कहीं भारत की गरिमा और सेना के शौर्य पर सवाल उठाते हैं. आज चुनाव आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ वार्तालाप करने से भी हिचकिचा रहा है. रक्षा और विदेश नीति पर बात रखना बहुत जरूरी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मणिपुर में कुछ ही महीनों में शांति बहाल हो जाएगी, लेकिन लगभग 2.5 वर्ष हो चुके हैं और वहां अभी तक शांति स्थापित नहीं हुई है."

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें