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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इंद्रप्रस्थ के अपोलो अस्पताल में भर्ती, स्वास्थ्य स्थिर

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (97) को देर रात इलाज के लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।

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14 Dec 2024
( Updated: 14 Dec 2024
03:37 PM )
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इंद्रप्रस्थ के अपोलो अस्पताल में भर्ती, स्वास्थ्य स्थिर
भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पितामह लालकृष्ण आडवाणी (97) को हाल ही में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। उनके स्वास्थ्य की देखरेख न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. विनीत सूरी कर रहे हैं। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई गई है। यह खबर आते ही राजनीति और जनता के बीच चिंता का माहौल छा गया।  

आडवाणी जी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं। यह चौथी बार है जब उन्हें बीते चार-पांच महीनों के भीतर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अगस्त में भी उन्हें अस्पताल लाया गया था, जहां जरूरी उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।  

लालकृष्ण आडवाणी न केवल भाजपा के बल्कि भारतीय राजनीति के उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने देश के राजनीतिक ढांचे को एक नई दिशा दी। 97 वर्ष की आयु में भी उनकी मौजूदगी और विचारधारा का प्रभाव भारतीय राजनीति पर गहराई से महसूस किया जाता है। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ उनके स्वास्थ्य में आई गिरावट पार्टी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।  
अस्पताल में भर्ती होने की वजह  
जानकारी के अनुसार, आडवाणी जी को इस बार रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, उनकी लगातार बिगड़ती तबीयत को देखते हुए डॉक्टरों ने आईसीयू में रखने का फैसला लिया। विशेषज्ञों का कहना है कि उम्र बढ़ने के कारण उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है, जिसकी वजह से उन्हें बार-बार चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ रही है।  
राजनीतिक सफर और अद्वितीय योगदान  
लालकृष्ण आडवाणी का नाम भारतीय राजनीति में एक युग का प्रतीक है। उनका योगदान भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सबसे अहम रहा है। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदृष्टि के कारण भाजपा ने 90 के दशक में नई ऊंचाइयों को छुआ। राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका और 'रथ यात्रा' ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई।  2024 में, उन्हें उनके अतुलनीय योगदान के लिए 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से वह राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके और उन्हें यह सम्मान उनके निवास पर ही दिया गया।  

वैसे आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी को हमेशा अपना गुरु और प्रेरणास्रोत माना है। हाल ही में, 8 नवंबर को उनके जन्मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने उनके आवास पर जाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, "लालकृष्ण आडवाणी जी हमारे देश के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक हैं। उनका जीवन देश के विकास और जनसेवा के लिए समर्पित रहा है।"  

लालकृष्ण आडवाणी का जीवन उनके अनुयायियों और देशवासियों के लिए एक प्रेरणा है। उनकी जीवनशैली, विचारधारा और सेवा भावना ने न केवल भाजपा बल्कि पूरे देश को मार्गदर्शन प्रदान किया। लेकिन उनका बार-बार बीमार होना हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि जीवन में स्वास्थ्य का ध्यान रखना कितना जरूरी है।  

फिलहाल आडवाणी जी की हालत स्थिर बताई जा रही है। लेकिन जनता और पार्टी कार्यकर्ता उनकी बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। यह समय उनकी राजनीति और योगदान को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने का है।  

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