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MP में Rahul Gandhi की बड़ी Rally, पूर्व कांग्रेस विधायक ने थमा दिया 52 लाख का बिल

मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली की. जिसमें उन्होंने संविधान के सहारे BJP को घेरा. लेकिन रैली से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक ने राहुल से 52 लाख रुपए की मांग कर डाली क्यों जानिए ?

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28 Jan 2025
( Updated: 28 Jan 2025
11:37 AM )
MP में Rahul Gandhi की बड़ी Rally, पूर्व कांग्रेस विधायक ने थमा दिया 52 लाख का बिल
साल 2023 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। एक बार फिर कांग्रेस की जीत की उम्मीद पर पानी फेरते हुए यहां कमल खिला। यूं तो इस बात को एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका लेकिन एमपी में हार की कीमत कांग्रेस अब भी चुका रही है। कभी कार्यकर्ताओं की नाराजगी से।तो कभी नेताओं की बगावत से। चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर BJP में जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ था चुनाव के बाद भी जारी रहा। ऐसे ही एक नेता हैं अंतर सिंह दरबार।जिन्होंने कांग्रेस से वर्षों का नाता तोड़कर BJP का दामन थाम लिया और BJP में जाने के बाद कांग्रेस को मोटा बिल थमा दिया।


27 जनवरी को एमपी के महू में कांग्रेस की बड़ी रैली हुई। इस रैली में राहुल गांधी, तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कई बड़े नेता पहुंचे। रैली को नाम दिया गया जय भीम, जय संविधान, जय बापू। इस रैली से ठीक पहले BJP विधायक अंतर सिंह दरबार ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कांग्रेस को पुराना हिसाब किताब याद दिलाते हुए 52 लाख रुपए की मांग कर डाली। उनका आरोप है कि 2016, 2018 और 2022 में महू में ही राहुल गांधी ने रैलियां की थी। इन तीन रैलियों में करीब 52 लाख का खर्च आया था। जिसका भुगतान अभी तक कांग्रेस ने नहीं किया। अंतर सिंह दरबार ने दावा किया कि, रैलियों का खर्च उन्होंने अपनी जमीन बेचकर चुकाया। उन्होंने बकायदा रैलियों में खर्चे की लिस्ट भी शेयर की. जिसमें एक एक खर्चे के बारे में बताया गया था। साथ ही तारीख और जगह भी मेंशन की गई थी. 

रैली में खर्चे का ब्यौरा

2 जून 2016 में महू के स्वर्ग मंदिर के पास हुई रैली का खर्च - 4 लाख तीन हजार। 
30 अक्टूबर 2018 में महू के दशहरा मैदान में हुई रैली का खर्च- 22 लाख 46 हजार। 
26 नवंबर 2022 में महू में निकली भारत जोड़ो यात्रा का खर्च- 25 लाख 73 हजार ।

अंतर सिंह दरबार ने साल 2018 की रैली की भी एक डिटेल लिस्ट शेयर की। जिसमें टेंट, खाने, बैनर, पोस्टर, ट्रांसपोर्ट समेत अन्य खर्चों की एक एक डिटेल लिखी थी। इस रैली का टोटल खर्चा 27 लाख रुपए आया था जिसमें से 5 लाख ही उन्हें मिला बाकी का भुगतान पेंडिंग था। अब पूरे सात साल बाद महू में राहुल गांधी की रैली से पहले एक एक कर अंतर सिंह दरबार को सारे खर्चे याद आ गए। उन्होंने कांग्रेस से 52 लाख की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर जो बैनर लगाए गए थे। उनमें लिखा था, मध्यप्रदेश कांग्रेस की ओेर से बकाया राशि के भुगतान ना करने का विरोध। अंतर सिंह दरबार की इस मांग में BJP के कई बड़े नेता भी उनके साथ दिखे। 

भले ही अंतर सिंह, राहुल की रैलियों पर खर्चे के लिए अपनी जमीन बेचने का दावा कर रहे हों। लेकिन सवाल उन पर भी उठ रहे हैं कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि अंतर सिंह दरबार को अपने भुगतान BJP में जाने के बाद ही क्यों याद आए ? पुरानी जनसभाओं का हिसाब किताब 9 साल बाद , 7 साल बाद और तीन साल बाद क्यों मांगा जा रहा है ? अंतर सिंह दरबार ने खुद कांग्रेस के टिकट पर तीन बार महू से चुनाव लड़ा है। दो बार वे महू से विधायक भी रहे।

 महू की रैली में राहुल का BJP पर निशाना।

 
महू में हुई कांग्रेस की जय भीम, जय बापू, जय संविधान की रैली में राहुल गांधी ने BJP को फिर संविधान के सहारे घेरा। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने संविधान को रद्द करने की कोशिश की। जिस दिन ये संविधान खत्म हो गया उस दिन देश में गरीबों के लिए कुछ नहीं बचेगा। 

महू में राहुल गांधी की ये रैली 3 साल बाद हुई थी। पिछली रैली में जो अंतर सिंह दरबार राहुल के साथ मंच पर खड़े थे। इस बार वे उनके खिलाफ धरने पर बैठ गए वो भी पुरानी रैली के खर्चे का ब्यौरा लेकर। ऐसे में अंतर सिंह ही नहीं उनके बहाने पूरी BJP को ही बैठे बिठाए कांग्रेस को घेरने का एक बड़ा मौका मिल गया। 

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