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राहुल गांधी जनता से जुड़े मुद्दे उठाते हैं, इसलिए उन्हें बोलने से हमेशा रोका जाता है : रॉबर्ट वाड्रा

राहुल गांधी ने स्पीकर पर उनको बोलने का मौक़ा न देने का आरोप जैसे ही लगाया वैसे ही तमाम विपक्षी दल राहुल गांधी की बात के समर्थन में खड़े हो गए। इस बीच कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

राहुल गांधी जनता से जुड़े मुद्दे उठाते हैं, इसलिए उन्हें बोलने से हमेशा रोका जाता है : रॉबर्ट वाड्रा
संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने स्पीकर पर उनको बोलने का मौक़ा न देने का आरोप जैसे ही लगाया वैसे ही तमाम विपक्षी दल राहुल गांधी की बात के समर्थन में खड़े हो गए। इस बीच कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा 'लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ‘मुझे सदन में नहीं बोलने दिया जाता है’ वाले बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि स्पीकर की तरफ से राहुल गांधी का पक्ष सुने बिना सदन को स्थगित करना सही नहीं है।' 


राहुल की मिलना चाहिए मौका

रॉबर्ट वाड्रा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "राहुल गांधी जब सदन में बोलते हैं, तो वे विपक्ष और जनता से जुड़े असल मुद्दों को उठाते हैं। भाजपा इस पर बात नहीं करना चाहती है इसलिए उनको रोक दिया जाता है।" वहीं बुधवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की ओर से सांसद राहुल गांधी को पढ़ाए गए मर्यादा के पाठ पर भी वाड्रा बोले। उन्होंने कहा, "दोनों भाई-बहन ने अपने परिवार से यही सीखा है कि आदर और प्रेम से रहें। वे जब मिलते हैं, तो खुशी से मिलते हैं और यही हमें सिखाया गया है। हम भाजपा की तरह नहीं हैं, जो रिश्ते तोड़ती है और अपनी शादी जैसे रिश्तों को भी बनाए नहीं रखती।उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है राहुल गांधी को अपनी बात रखनी चाहिए और उनको संसद में बोलने से रोका नहीं जाना चाहिए।"


संभल पर दी प्रतिक्रिया 

संभल प्रशासन द्वारा सड़कों या छतों पर नमाज़ पढ़ने पर रोक लगाने पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "जब भी कोई शख्स मुश्किल में होता है, तो वह अपने भगवान को याद करता है, न कि किसी मंत्री के बारे में, क्योंकि उस समय कोई मंत्री नहीं आने वाला है। जो लोग मंदिर या मस्जिद जाते हैं, वे मुश्किल समय को याद कर प्रार्थना करते हैं, ताकि उनकी परेशानी टल जाए। अगर भाजपा धर्म की राजनीति करती है या फिर धर्म के आधार पर बांटती है, कहती है कि यहां नमाज नहीं पढ़ी जा सकती है और मीट की दुकानों को बंद किया जाए या फिर औरंगजेब के नाम पर मौजूद स्थानों के नाम बदले जाएं, तो इस तरीके की राजनीति हानिकारक है। इससे प्रगति नहीं आएगी और सभी लोग बंट जाएंगे। जिस तरह से सीएम योगी ने कहा, ‘बंटोगे तो कटोगे’, ऐसी सोच कोई मुख्यमंत्री रखेगा, तो हम लोग कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे।उन्होंने आगे कहा, "यह हानिकारक है और नई पीढ़ी निश्चित रूप से इससे खुश नहीं होगी। इस तरह की हरकतों से हम देश में क्या हासिल करेंगे? असली मुद्दे, चाहे वे किसानों से जुड़े हों या महंगाई से, कभी चर्चा नहीं होती। देश में भेदभाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए और लोगों को अपनी आस्था के अनुसार प्रार्थना करने की अनुमति होनी चाहिए। मुझे लगता है कि देश में भेदभाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए।"


दिखावे की राजनीति नही होनी चाहिए 

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "मैं पूरे देश में धार्मिक दौरा करता हूं और हर धर्म के लोगों से सीखता हूं कि उनकी प्रार्थनाएं क्या हैं या फिर उनकी सोच क्या कहती है। उस समय मेरा हमेशा फोकस यह नहीं रहता है कि हमें मीडिया के सामने दिखना चाहिए और यही सोच राहुल गांधी की भी है। हम नहीं चाहते कि कुंभ मेले में जाएं, तो वहां हमारे लिए वीआईपी इंतजाम किए जाएं, जिससे लोगों को असुविधा हो या उन पर किसी भी तरह की कोई रोक लगाई जाए। मेरी सोच में दिखावे की राजनीति नहीं होनी चाहिए और ऐसी जगह पर बेरोक-टोक आया-जाया जाना चाहिए।"

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