Advertisement

मोदी सरकार के 'जल प्रहार' से प्यासा मर जाएगा पाकिस्तान! जानिए कैसे मचेगा हाहाकार

मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर जल स्ट्राइक भी किया है. भारत ने सिंधु जल संधि को भी फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है. इस कदम का पाकिस्तान पर काफी प्रतिकूल असर होगा.

24 Apr, 2025
( Updated: 25 Apr, 2025
11:19 AM )
मोदी सरकार के 'जल प्रहार' से प्यासा मर जाएगा पाकिस्तान! जानिए कैसे मचेगा हाहाकार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इसके तहत मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर जल स्ट्राइक भी किया है. भारत ने सिंधु जल संधि को भी फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है. इस कदम का पाकिस्तान पर काफी प्रतिकूल असर होगा.

कब हुआ था सिंधु जल समझौता 

दरअसल, सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक समझौता है. यह 1960 में हुआ था. इस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें विश्व बैंक ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी. संधि का उद्देश्य दोनों देशों के बीच नदियों के जल बंटवारे की शर्तें तय कर विवाद को समाप्त करना था.

पाक पर भारत का जल प्रहार 

सिंधु नदी प्रणाली में कुल छह नदियां शामिल हैं, जिनमें तीन पूर्वी नदियां रावी, ब्यास, सतलुज और तीन पश्चिमी नदियां सिंधु, झेलम, चिनाब हैं. इस समझौते के तहत भारत को पूर्वी नदियों का नियंत्रण और उपयोग का अधिकार मिला है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों का नियंत्रण मिला है. पाकिस्तान की लगभग 80 प्रतिशत कृषि सिंचाई सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है. सिंधु जल समझौते पर भारत के रोक लगाने से पाकिस्तान में सिंधु नदी में पानी नहीं पहुंच पाएगा, जिससे जल संकट पैदा होगा और इसका सीधा असर वहां की खेती पर पड़ेगा. इसके अलावा, सिंधु नदी से जुड़े कई हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पाकिस्तान में हैं. पानी की कमी से इनका उत्पादन प्रभावित होगा, जिससे ऊर्जा संकट गहराएगा. पाकिस्तान में पहले से ही ऊर्जा संकट बड़ी समस्या बनी हुई है. वहीं, पाकिस्तान के पंजाब और सिंध क्षेत्रों के निवासी इस नदी प्रणाली पर पीने के पानी के लिए निर्भर हैं. रोक लगने से पीने के पानी की किल्लत भी हो जाएगी.

ग़ौरतलब है कि मंगलवार को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों को अपनी गोली का निशाना बनाते हुए 28 लोगों की ले लीं। आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के TRF संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ़ कर दिया कि इस बार पाकिस्तान को छोड़ा नहीं जाएगा. आतंक के खिलाफ लड़ाई में विश्वभर के बड़े देशों और उनके नेताओं ने भारत का साथ देने का आश्वासन भी दिया है. वही बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर डिप्लोमेटिक स्ट्राइक करते हुए कई अहम फैसले लिए है. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई शीर्ष अधिकारी शामिल थे.

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें