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जानिए कौन हैं वकील नरेंद्र मान ? जिन्हें तहव्वुर राणा मामले में सरकार ने बनाया वकील

तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद सरकार ने बड़ी तैयारी कर ली है और विशेष सरकारी वकील (स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) नियुक्त कर दिया है और जिन्हें ये ज़िम्मेदारी दी गई है उनका नाम है नरेंद्र मान, जानिए कौन है ?

11 Apr, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
08:35 PM )
जानिए कौन हैं वकील नरेंद्र मान ? जिन्हें तहव्वुर राणा मामले में सरकार ने बनाया वकील

तारीख थी 26, महीना था 11वां, साल था 2008…मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमला किया। रेलवे स्टेशन, होटल ताज, एक कैफे और अस्पताल में धमाके हुए। इस हमले में कुल 150 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और 300 से ज़्यादा लोग घायल हुए। आतंकियों की इस करतूत ने भारत को ऐसा ज़ख़्म दिया जो कभी नहीं भर सकता।लेकिन जिन्होंने 26/11 करने की जुर्रत की थी, उन्हें अब जहन्नुम ज़रूर पहुंचाया जाएगा। ऐसा ही एक आतंकी 26/11 में शामिल था, जिसका नाम तहव्वुर राणा है। यह आतंकी 26/11 हमले से पहले भारत आया था और फिर उसके बाद ऐसा ग़ायब हुआ कि भारत की तत्कालीन सरकारें उसे खोज नहीं सकीं। लेकिन अब वर्तमान सरकार ने न सिर्फ उसकी खोजबीन की, बल्कि अमेरिका से उसे भारत भी ले आई।

मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत आ चुका है। मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला राणा, कनाडा का नागरिक है। साल 2008 में हुए हमले में तहव्वुर राणा का नाम 2011 में डेविड हेडली के सहयोगी के तौर पर सामने आया था। लेकिन तब की सरकार तहव्वुर राणा के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी।

हालांकि अब उसे भारत लाने के बाद उसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है। सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है और एक विशेष सरकारी वकील (स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) भी नियुक्त कर दिया गया है। जिनके कंधों पर अब इस केस की ज़िम्मेदारी है, उनका नाम है नरेंद्र मान।

कौन हैं नरेंद्र मान?

नरेंद्र मान एक जाने-माने वकील हैं। कानूनी अनुभव और आपराधिक मामलों में उनकी दक्षता के आधार पर उन्हें 26/11 मुंबई आतंकी हमला केस में चुना गया है। आपराधिक कानून में अच्छी पकड़ रखने वाले वकील नरेंद्र मान को तीन वर्षों के लिए विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया है।

बता दें कि NIA ने 11 नवंबर 2009 को तहव्वुर राणा और अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।राणा के भारत आने के बाद पाकिस्तान की भी हालत खराब हो गई है। उसने खुद को इससे अलग करने की साजिश शुरू कर दी है। पाकिस्तान की ओर से पहले बयान में कहा गया:

"तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है। उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बहुत स्पष्ट है।"

अब देखना ये है कि तहव्वुर राणा किन-किन राज़ों से पर्दा उठाता है और किसके लिए गले की फांस बनता है। फिलहाल तो उसके भारत आने पर देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और सबको यही उम्मीद है कि अब तहव्वुर का हिसाब ज़रूर होगा।

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