भारत का आतंकवाद पर कड़ा रुख, पाकिस्तान को UN में सुनाई खरी-खोटी
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया की शांति के लिए बड़ा खतरा है और सीमा पार आतंकवाद से भारत दशकों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, 9/11 के हमले के बाद दुनिया ने आतंकवाद को गंभीरता से लिया, लेकिन भारत पहले से ही इस संकट का सामना कर रहा है।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत ने फिर एक बार आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर सुनाया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और टेक्नोलॉजी ने आतंकियों की ताकत बढ़ा दी है। ड्रोन का उपयोग कर आतंकवादी अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक मतभेद और सहयोग की कमी इसे और भ्रामक बना रही है।
आतंकवाद पर दुनिया का उदासीन रुख
भारत ने दुनिया को याद दिलाया कि 9/11 के हमलों के बाद ही आतंकवाद के मुद्दे पर ध्यान दिया गया। 1996 में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के मसौदे को प्रसारित करने की पहल की थी, लेकिन अब तक इस पर कोई सहमति नहीं बन सकी है। इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत पर भारत ने बल दिया।
सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान का किरदार
भारत ने सीमा पार से हो रहे आतंकवाद का सीधा जिक्र करते हुए पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि 2008 का मुंबई हमला, 2016 का पठानकोट हमला, और 2019 का पुलवामा हमला जैसी घटनाएं पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकवाद का ही परिणाम हैं। भारत तीन दशकों से इस आतंकवाद का सामना कर रहा है और इस लड़ाई में भारत ने हजारों लोगों को खोया है।
पाकिस्तान की दोहरी भूमिका
भारत ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि कुछ देश अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे के कारण आतंकवाद को उचित ठहराने की कोशिश करते हैं। ऐसे देश खुद को पीड़ित दिखाते हैं, जबकि वे आतंकवाद को अपनी सरकारी नीतियों का हिस्सा बना चुके हैं। ये देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं और आतंकियों को सरकारी सुविधाएं मुहैया कराते हैं।
आतंकी संगठनों को समर्थन
भारत ने स्पष्ट रूप से बताया कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद लगातार भारत पर हमले कर रहे हैं। इन संगठनों को पाकिस्तान में पनाह मिलती है और उनकी गतिविधियों को खुला समर्थन मिलता है। इससे न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया की शांति खतरे में पड़ गई है।
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत और ठोस कानूनी ढांचा स्थापित किया जाए। भारत ने अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति का समर्थन करते हुए कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ हर कदम उठाएगा।
India hits out at Pakistan on terror issue at UN
— Sidhant Sibal (@sidhant) October 4, 2024
"Some amongst, motivated by narrow political gains, look to justify terrorism"
"UN proscribed terror org like LET, JEM have been perpetrating terror attacks on Indian soil" pic.twitter.com/Jf2QCGBCuO
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए दुनिया को चेताया कि आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट होना जरूरी है। पाकिस्तान जैसे देशों के संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों को उजागर करते हुए भारत ने विश्व से आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठाने का आह्वान किया। इस समय पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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