Cyclone Shakti Alert: 23 से 28 मई के बीच बन सकता है 'चक्रवात शक्ति', IMD की चेतावनी से मचा हड़कंप
बंगाल की खाड़ी में संभावित तूफान 'साइक्लोन शक्ति' को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट पर निगरानी तेज कर दी है. 23 से 28 मई के बीच इसके बनने की संभावना जताई गई है. जानें क्या है इसकी ताकत, असर और तैयारियां.
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देशभर में जहां लोग मानसून की जल्द दस्तक का इंतजार कर रहे हैं, वहीं समंदर के गहराइयों में कुछ और ही हलचल देखने को मिल रही है. मौसम विभाग यानी IMD ने बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के ऊपर एक सक्रिय प्रणाली की पहचान की है, जिसे संभावित रूप से एक चक्रवाती तूफान का रूप लेने का अंदेशा जताया जा रहा है. अगर यह सिस्टम साइक्लोन में तब्दील होता है, तो इसका नाम 'शक्ति' रखा जाएगा.
कब बन सकता है साइक्लोन शक्ति?
IMD की मानें तो 23 से 28 मई के बीच बंगाल की खाड़ी में इस संभावित साइक्लोन के बनने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, फिलहाल मौसम विभाग ने इस पर कोई सटीक अलर्ट जारी नहीं किया है. अभी केवल ऊपरी सतह पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन की पुष्टि हुई है, न कि पूर्ण रूप से विकसित चक्रवात की. लेकिन फिर भी IMD की लगातार निगरानी और अपडेट इस बात की तरफ संकेत कर रही है कि अगले कुछ दिन बेहद अहम होने वाले हैं.
साइक्लोन शक्ति का नाम क्यों पड़ा?
साइक्लोन शक्ति का नाम श्रीलंका की ओर से प्रस्तावित किया गया है. 'शक्ति' शब्द का अर्थ है ताकत और ऊर्जा. यह नाम भी इसी प्रतीक के रूप में चुना गया है, जो इस तूफान की तीव्रता और संभावित प्रभाव का संकेत देता है. उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के इस क्रम में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव जैसे देश बारी-बारी से नाम सुझाते हैं, ताकि हर साइक्लोन को अलग पहचान दी जा सके और जनता में जागरूकता बनी रहे.
कहां-कहां पड़ सकता है असर?
अगर साइक्लोन शक्ति बनता है, तो इसका सीधा असर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर देखा जा सकता है. इसके बाद यह तूफान पूर्वी तटों की ओर बढ़ सकता है, जिसमें तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल प्रमुख रूप से शामिल हैं. साथ ही बिहार और झारखंड तक भी इसके प्रभाव के पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. लैंडफॉल के दौरान 90 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश होने की संभावना है. फिलहाल संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए तटीय इलाकों में प्रशासन अलर्ट मोड में है. यदि चक्रवात बनता है, तो NDRF और SDRF की टीमें अलर्ट पर रहेंगी.
तकनीकी दृष्टिकोण से कैसा है यह सिस्टम?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, फिलहाल जो सिस्टम बंगाल की खाड़ी में देखा जा रहा है, वह ऊपरी सतह पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन है. अगर यह धीरे-धीरे गहराता है और समुद्री सतह से ऊर्जा प्राप्त करता है, तो यह एक लो प्रेशर एरिया बन सकता है और उसके बाद यह डिप्रेशन और फिर साइक्लोन में तब्दील हो सकता है. इस पूरी प्रक्रिया में 48 से 72 घंटे का समय लग सकता है, इसलिए 23 से 28 मई का समय बेहद अहम माना जा रहा है.
साइक्लोन शक्ति अभी एक संभावित प्रणाली है, लेकिन इसके बारे में जागरूकता और तैयारी जरूरी है. IMD की निगरानी लगातार जारी है और अगले कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि 'शक्ति' वाकई तूफान बनेगी या नहीं. फिलहाल के लिए सतर्क रहना ही समझदारी है.
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