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'सोने नहीं दिया, आंखों पर पट्टी बांधकर रखी…’, 20 दिन बाद पाकिस्तान की हिरासत से लौटे BSF जवान के साथ हैवानियत की कहानी आई सामने

20 दिन बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने भारत को BSF जवान सौंप दिया. 14 मई को वापसी के बाद अब कॉन्स्टेबल शॉ पर पाकिस्तान में हुई बर्बरता की कहानी सभी के सामने आई है. जानिए कैसे उनके साथ पाकिस्तान में बर्बरता की गई.

nmf-author
15 May 2025
( Updated: 02 Dec 2025
09:30 AM )
'सोने नहीं दिया, आंखों पर पट्टी बांधकर रखी…’, 20 दिन बाद पाकिस्तान की हिरासत से लौटे BSF जवान के साथ हैवानियत की कहानी आई सामने

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए टेरर अटैक के एक दिन बाद यानी की 23 अप्रैल को BSF के जवान पूर्णम कुमार शॉ गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तान पहुंच गए थे. हालांकि अब 20 दिन बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने भारत को BSF जवान सौंप दिया. 14 मई को वापसी के बाद अब कॉन्स्टेबल शॉ पर पाकिस्तान में हुई बर्बरता की कहानी सभी के सामने आई है, जिसने सबका दिल दहला दिया है. 


BSF जवान के साथ पाकिस्तान में बर्बरता

सूत्रों का कहना है कि BSF जवान के साथ पाकिस्तान की कस्टडी में काफी बर्बरता हुई. उन्हें ब्रश नहीं करने दिया गया, सोने नहीं दिया गया. जवान ने बताया कि उन्हें शारीरिक तौर पर प्रताड़ना नहीं दी गई पर मानसिक तौर पर उन्हें यातनाओं का सामना करना पड़ा. उन्हें कस्टडी में रहने के दौरान तीन जगह ले जाया गया. इनमें से एक एयरबेस था, उन्हें यहाँ इसलिए ले जाया गया ताकि वह विमानों के उड़ने की आवाज सुन सके. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारी जब पूर्णम कुमार से पूछताछ करने आते थे तो वे अधिकतर सिविलियन कपड़े पहनते थे. उनसे IB पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में भी पूछताछ की गई. जवान ने ये भी बताया कि अधिकतर समय उनकी आंख पर पट्टी बांधकर अलग-अलग जगह ले जाया जाता था. एक जगह उन्हें जेल में भी रखा गया. पाकिस्तान में उनके साथ गाली-गलौच और अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया गया. प्रोटोकॉल के मुताबिक, BSF ने तलाशी के बाद उनके कपड़े नष्ट कर दिए.


14 मई को BSF जवान की वापसी

बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ को 14 मई को भारत को सौंप दिया. पाकिस्तानी रेंजर्स ने अटारी वाघा सीमा के रास्ते BSF कॉन्स्टेबल को वापस भेजा. पूर्णम कुमार करीब 20 दिनों से पाकिस्तान के कब्जे में थे. कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार 14 मई की सुबह 10:30 बजे वतन वापस लौटे थे. जानकारी देते चलें कि पूर्णम कुमार BSF में 16 साल से हैं. उनकी पोस्टिंग हाल ही में फिरोजपुर में हुई थी. 


पूर्णम कुमार कैसे पहुंच गए थे पाकिस्तान?

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दरअसल पूर्णम कुमार गलती से इंटरनेशनल अटारी बॉर्डर पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे. जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. बता दें कि पूर्णम कुमार पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे. भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, जिससे तनाव बढ़ गया. ऐसे में पूर्णम कुमार के परिवार के साथ-साथ पूरे देशवासियों की चिंता और भी बढ़ गई थी.

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