छत्तीसगढ़: 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर बोले CM विष्णु देव साय- बस्तर में शांति की नई बयार
आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं, जो केशकाल डिवीजन की कुएमारी/किसकोडो एरिया कमेटी से जुड़े थे. इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश जैसे बड़े नाम भी हैं. सुरक्षा बलों ने 18 हथियार बरामद किए, जिनमें तीन एके-47, दो इंसास राइफलें और चार एसएलआर शामिल हैं. आत्मसमर्पित नक्सलियों का पुनर्वास 'आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025' के तहत किया जा रहा है, जिसमें कौशल विकास और आर्थिक सहायता पर जोर है.
Follow Us:
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम को रविवार को बड़ी सफलता मिली, जब कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे 'पूना मारगेम-पुनर्वास से पुनर्जीवन' पहल और 'नियद नेल्ला नार योजना' की सफलता बताया.
21 नक्सलियों के किया आत्मसमर्पण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "माओवाद की झूठी विचारधारा से भटके युवा अब समझ रहे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य है. बस्तर में शांति की स्थापना हो रही है."
पूना मारगेम, बस्तर में बदलाव और शांति की नई राह।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) October 27, 2025
सुशासन के संकल्प और जनता के विश्वास के साथ हो रहा नक्सलवाद का अंत। pic.twitter.com/hLckNcnjSG
आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं, जो केशकाल डिवीजन की कुएमारी/किसकोडो एरिया कमेटी से जुड़े थे. इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश जैसे बड़े नाम भी हैं. सुरक्षा बलों ने 18 हथियार बरामद किए, जिनमें तीन एके-47, दो इंसास राइफलें और चार एसएलआर शामिल हैं. आत्मसमर्पित नक्सलियों का पुनर्वास 'आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025' के तहत किया जा रहा है, जिसमें कौशल विकास और आर्थिक सहायता पर जोर है.
छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन पड़ रहे है कमजोर
मुख्यमंत्री साय ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है. नक्सल संगठन कमजोर हो रहे हैं और बस्तर विकास की ओर बढ़ रहा है." उन्होंने दावा किया कि डबल इंजन सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए संकल्पबद्ध है.
साय ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, "हम उनके पुनरुत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं. बस्तर में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है."
इससे पहले 208 नक्सलियों ने किया था आत्मसमर्पण
यह भी पढ़ें
यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में हाल के महीनों में हुई घटनाओं की कड़ी में है. अक्टूबर में ही बस्तर में 208 नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था. सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी की संयुक्त कार्रवाइयों ने नक्सलियों पर दबाव बढ़ाया है. सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, सड़क, बिजली और जल जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देकर आदिवासी समुदाय का विश्वास जीता है, जिससे नक्सलियों का जनाधार कमजोर हुआ.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें