Advertisement

नहीं माना बांग्लादेश... भारत के अनुरोध के बावजूद ढाका में गिरा दिया सत्यजीत रे का पैतृक घर

बांग्लादेश के मैमनसिंह शहर में स्थित महान भारतीय फिल्म निर्माता सत्यजीत रे का पैतृक घर आखिरकार गिरा दिया गया है. भारत सरकार ने इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करने की अपील की थी.

nmf-author
16 Jul 2025
( Updated: 02 Dec 2025
05:38 AM )
नहीं माना बांग्लादेश... भारत के अनुरोध के बावजूद ढाका में गिरा दिया सत्यजीत रे का पैतृक घर

बांग्लादेश के मैमनसिंह शहर में स्थित महान भारतीय फिल्म निर्माता सत्यजीत रे का पैतृक घर आखिरकार गिरा दिया गया है. यह इमारत, जिसे पहले मैमनसिंह शिशु अकादमी के रूप में जाना जाता था, बंगाल की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत से गहराई से जुड़ी हुई थी. प्रख्यात साहित्यकार उपेंद्र किशोर रे चौधरी, प्रसिद्ध कवि सुकुमार रे के पिता और फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के दादा थे, जो इसी घर में रहते थे. 100 साल पुरानी इस इमारत पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया गया है, इसी के चलते इसकी हालत खराब हो गई है. 

भारत सरकार ने इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करने की अपील की थी और यहां तक कि इसके जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण में सहायता देने की पेशकश भी की थी. भारत का मानना था कि यह भवन भारत-बांग्लादेश की साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और इसे एक साहित्यिक संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया जा सकता है.

हालांकि, तमाम प्रयासों और अपीलों के बावजूद बांग्लादेश सरकार ने इमारत को ढहा दिया, जिससे दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों के एक अहम अध्याय का अंत हो गया. इस फैसले को लेकर भारतीय सांस्कृतिक हलकों में निराशा जताई जा रही है. इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह अफसोसनाक है कि मैमनसिंह में वो संपत्ति, जो कभी फिल्ममेकर रे के दादा की थी उसको ध्वस्त किया जा रहा है.

क्यों तोड़ी गई इमारत?
बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि मैमनसिंह में स्थित एक सदी पुरानी संरचना को नई इमारत बनाने के लिए ध्वस्त किया जा रहा है. इस जगह पर बाल अकादमी चलाई जाती है, लेकिन पिछले 10 सालों से इमारत की हालत खराब होने के चलते अकादमी यहां से नहीं चलाई जा रही है. इसी के चलते ढाका के बाल मामलों के अधिकारी, मोहम्मद मेहेदी जमान ने कहा कि अकादमी की गतिविधियां शुरू करने के लिए इसको ध्वस्त करके कई कमरों वाली एक अर्ध-कंक्रीट इमारत बनाई जाएगी.

TMC नेता ने जताया दुख
इस इमारत को बचाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी पोस्ट सामने आया था. इसी के बाद अब जब घर गिरा जा चुका है तो इसी को लेकर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी का बयान सामने आया है. अभिषेक बनर्जी ने कहा, मुझे यह जानकर बेहद दुख हुआ है कि ऑस्कर विजेता फिल्ममेकर सत्यजीत रे का ढाका में मौजूद पैतृक घर को कथित तौर पर बांग्लादेशी अधिकारी ध्वस्त कर रहे हैं. यह 100 साल पुरानी संपत्ति रे के दादा, उपेंद्रकिशोर रे चौधरी की थी, जो बंगाली साहित्य और संस्कृति के एक दिग्गज थे.
उन्होंने आगे कहा, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नजर से यह बेहद जरूरी स्थल था जिसको खंडहर में तब्दील करना हमारी विरासत पर एक आघात से कम नहीं है. यह वैश्विक कला में रे परिवार के योगदान को मिटाने जैसा है.
टीएमसी नेता ने बांग्लादेशी सरकार से सवाल पूछा और कहा, मैं बांग्लादेश सरकार से आग्रह करता हूं कि वो इस कठोर निर्णय पर पुनर्विचार करें. इस सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा एवं संरक्षण के लिए तत्काल कदम उठाए. मैं भारत सरकार से भी आग्रह करता हूं कि वह उचित द्विपक्षीय सहयोग शुरू करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बंगाल के सांस्कृतिक इतिहास की यह धरोहर विध्वंस के कारण नष्ट न हो. 

“बंगाली विरासत को एक और झटका”
सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसको लेकर पोस्ट किया. उन्होंने कहा, बंगाली विरासत को एक और झटका – सत्यजीत रे का पैतृक घर बांग्लादेश में ध्वस्त कर दिया गया. यह सिर्फ एक पुरानी संरचना का विनाश नहीं है – यह इतिहास को मिटाना है.
जिस मिट्टी ने दुनिया के महानतम सिनेमाई फिल्ममेकर में से एक को बढ़ा किया, वह अब मलबे में बदल गई है. क्या बांग्लादेश सरकार को ऐसे विशाल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य वाले स्थल को संरक्षित करने की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए थी?

यह भी पढ़ें

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें