आतंकियों का पसंदीदा हथियार बना 'अमोनियम नाइट्रेट', कई हमलों में हुआ है इस्तेमाल, भारत में प्रतिबंधित रसायन कितना खतरनाक? जानिए
बता दें कि सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट के कुछ ही घंटे बाद जांच एजेंसी के अधिकारियों ने 3 डॉक्टरों समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया. इस मामले में कई आतंकवादी संगठनों के शामिल होने का खुलासा हुआ है.
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दिल्ली कार ब्लास्ट ने पूरे देश को चल झकझोर कर रख दिया है. लाल किला के पास हुए बम धमाके में 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य अस्पताल में भर्ती हैं. इस हमले की जांच गृह मंत्रालय ने NIA को सौंपी है. 40 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. देश के अलग-अलग कोने में लगातार आतंकियों और संदिग्धों को लेकर छापेमारी चल रही है. इस बम विस्फोट ने कई चीजों को उजागर किया है. जांच एजेंसियों ने बताया है कि यह धमाका अमोनियम नाइट्रेट जैसे प्रतिबंधित रसायन का इस्तेमाल कर किया गया है. इस खतरनाक रसायन से ही आतंकियों ने हथियार बनाया था, जो हमले में इस्तेमाल हुआ. बता दें कि देश में यह रसायन प्रतिबंधित है, लेकिन उसके बावजूद यह कैसे आतंकवादियों तक पहुंचा, इसको लेकर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं अधिकारी हाल ही में पकड़े गए अंतर-राज्यीय आतंकी सेल के रसद और खरीद नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया
बता दें कि सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट के कुछ ही घंटे बाद जांच एजेंसी के अधिकारियों ने 3 डॉक्टरों समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया. इस मामले में कई आतंकवादी संगठनों के शामिल होने का खुलासा हुआ है. इनमें जैश-ए - मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक सफेदपोश आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ, जो जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था. ऐसे में इन संगठनों से जुड़े सभी आतंकवादियों और संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा रहा है.
क्या है अमोनियम नाइट्रेट?
अमोनियम नाइट्रेट दोहरे इस्तेमाल वाला रसायन है. इस रसायन को नाइट्रोजन उर्वरक के रूप में और पत्थर की खदानों में नियंत्रित विस्फोट के लिए निर्माण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. हालांकि, पोटैशियम क्लोरेट और सल्फर जैसे अन्य रसायनों के साथ मिश्रित होने पर, वहीं अस्थिर प्रकृति के कारण यह आतंकवादी समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले खतरनाक विस्फोटक सामग्री (IID) का एक पसंदीदा हथियार बन गया है, जिसको ईंधन तेल में भी मिलाया जाता है, इससे अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल एक्सप्लोसिव (एएनएफओ) बनता है, जो तुरंत आग का कारण बनता है.
2019 पुलवामा अटैक में भी हुआ था इस्तेमाल
देश में साल 2019 के लेथपुरा (पुलवामा) हमले में भी आरडीएक्स के साथ इसी रसायन का इस्तेमाल किया गया था, इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे. यह कार बम हमला देश में प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद आतंकी द्वारा किया गया था, 2019 से पहले आतंकियों ने इस खतरनाक विस्फोटक का इस्तेमाल प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने 2000-2011 के दौरान मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी में हुए कई बड़े हमलों में किया था.
इस रसायन पर सरकार ने क्या कदम उठाए?
बता दें कि लगातार आतंकवादी समूहों द्वारा बम बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले अमोनियम नाइट्रेट वाले उर्वरकों को भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था. खबरों के मुताबिक, देश में अभी भी 45 प्रतिशत से अधिक अमोनियम नाइट्रेट वाले उर्वरकों पर प्रतिबंध है.
2015 में सरकार ने कड़ा मानदंड अपनाया
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2015 में भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए दुरुपयोग किए जाने वाले अमोनियम नाइट्रेट के आयात और परिवहन के मानदंडों को और कड़ा कर दिया. सरकार ने अपने आदेश में कहा कि इसकी ढुलाई को केवल बैग में बंद रूप में अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा देश के भीतर इसकी आवाजाही के लिए जीपीएस वाहनों के साथ सशस्त्र गार्डों की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी चाहिए.
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