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Varanasi के मुस्लिम बहुल इलाके में तोड़ी जाएंगी 10 हजार दुकानें, क्या बोले मुसलमान ?

Varanasi में पूर्वांचल की सबसे बड़ी मार्केट दालमंडी में तोड़ी जाएंगी मुसलमानों की दस हजार दुकानें, सड़क चौड़ी करने के लिए योगी सरकार ने बनाया प्लान तो क्या बोले मुसलमान ?

Varanasi के मुस्लिम बहुल इलाके में तोड़ी जाएंगी 10 हजार दुकानें, क्या बोले मुसलमान ?
महादेव की काशी किसी परिचय का मोहताज नही है। धर्म, संस्कृति और राजनीति के क्षेत्र में काशी की एक अलग ही पहचान है। इसी काशी में जहां बाबा काशी विश्वनाथ का भव्य दरबार है। तो वहीं इसी काशी से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद भी हैं। और इसी काशी में पूर्वांचल की सबसे बड़ी बाजार दाल मंडी भी है।जिसका नाम भले ही दाल मंडी है। लेकिन इस बाजार में फैशनेबल कपड़े से लेकर जूलरी। जूते। इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम। सब मिलते हैं। यहां तक कि ईद हो या बकरीद हो। होली हो या दिवाली हो।दालमंडी में शॉपिंग किये बिना हर त्योहार अधूरा माना जाता है। लेकिन लगता है अब ये सब बंद होने वाला है। क्योंकि मुस्लिमों की भारी आबादी वाले इस दालमंडी बाजार में जल्द ही बाबा का बुल्डोजर दहाड़ने वाला है। और अगर ऐसा हुआ तो एक दो नहीं करीब दस हजार दुकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा।


दरअसल पूर्वांचल की सबसे बड़ी बाजार के नाम से मशहूर वाराणसी की दालमंडी बाजार पतली पतली गलियों में लगती है। जहां एक साथ दो बाइकों के गुजरने के लिए रास्ता भले ही कम पड़ जाए। लेकिन बाजार लगाने के लिए जगह कम नहीं पड़ती। जहां तक दुकान की सीमा है। उससे दो कदम आगे तक दुकान लगा दी जाती है। और दुकानों के ऊपर तिरपाल तो ऐसे लगाई जाती है जैसे मानो ये सड़क नहीं। किसी घर का गलियारा हो। दुकान के नाम पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण का ऐसा हाल है कि इस सड़क पर चलना भी मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं इसी दालमंडी बाजार से महज डेढ़ सौ मीटर दूर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का मुख्य द्वार भी है। ऐसे में श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो इसीलिये आठ फीट की सड़क को करीब 23 फीट तक चौड़ी करने की तैयारी हो रही है। जिसके लिए 900 मीटर की सड़क पर अब तक करीब दस हजार दुकानों का सर्वे किया जा चुका है। और इस काम में नगर निगम, राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन और वाराणसी विकास प्राधिकरण की एक बड़ी टीम लगी हुई है।

कहते हैं जिस गली में दालमंडी बाजार लगती है। उस गली से कभी ट्रक आर पार गुजर जाते थे। इतना चौड़ा था रास्ता। लेकिन समय के साथ साथ सड़क के दोनों तरफ से दुकानें बढ़ती गईं। और सड़क छोटी होती गई। जिससे दालमंडी पूर्वांचल के सबसे बड़ा बाजार तो बन गया। लेकिन अवैध कब्जे की भरमार भी इस कदर हो गई दो बाइकों का आना जाना भी मुश्किल हो गया। ऐसे में 1883 के बंदोबस्ती नक्शे के आधार पर जिला प्रशासन अब सड़क के चौड़ीकरण की तैयारी में जुट गया है। जिसके लिए पिछले कई दिनों से नापी चल रही है। सरकार के इस कदम से आम लोगों के साथ ही काशी विश्वनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को भी राहत तो मिलेगी। लेकिन दुकान वालों में सरकार के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।

वाराणसी में जाम कोई नई बात नहीं है।  पर्यटन के लिहाज से धर्म नगरी वाराणसी एक बड़ा केंद्र है। जहां काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बन जाने के बाद पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसकी वजह से जाम की समस्या भी लगातार कम होने की बजाए बढ़ रही है। इसीलिये प्रशासन वाराणसी के कई हिस्सों में सड़क चौड़ी करण के लिए लगातार काम कर रहा है। इसी कड़ी में अब अगला नंबर दालमंडी बाजार का है। जिसकी पहचान पूर्वांचल के सबसे बड़े बाजार के साथ ही पूर्वांचल के सिंगापुर के रूप में भी है। लेकिन लगता है अब ये पहचान खत्म होने वाली है। क्योंकि खबर ये आ रही है कि योगी सरकार सड़क चौड़ी करने के लिए करीब दस हजार दुकानों पर बुल्डोजर चलाने वाली है। और इनमें ज्यादातर दुकानें मुसलमानों की है। 

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