महाकुंभ में क्यों आएं मुसलमान जब हिंदू नहीं जाते मक्का मदीना, कन्हैया मित्तल के बयान से बढ़ा सियासी पारा
Mahakumbh से पहले CM Yogi कह चुके हैं कि भारतीय पंरपरा को मानने वाले मुस्लिम महाकुंभ में आएं. लेकिन BJP नेता कन्हैया मित्तल ने मुस्लिमों की एंट्री को गलत करार दिया और मक्का मदीना का जिक्र छेड़ दिया.
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कन्हैया मित्तल ने महाकुंभ में मुस्लिमों को बैन करने के पीछे मक्का मदीना को आधार बना दिया. हालांकि जहां तक महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री की बात है खुद CM योगी कह चुके हैं कि महाकुंभ में आकर जाति पंथ की दीवारें टूट जाती हैं ये आस्था का उत्सव है यहां हर वो इंसान आ सकता है जो भारतीय है लेकिन इसके उलट कन्हैया मित्तल का कहना है कि सनातनी जाग चुका है और कुंभ में मुस्लिमों की कोई जगह नहीं.
महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर जहां योगी सरकार ने दरवाजे खोल दिए हैं वहीं मौलवियों के सुर भी बदल गए हैं बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने महाकुंभ से पहले गंगा जमुनी तहजीब का पैगाम दिया. उन्होंने मुस्लिमों से कहा कि, प्रयागराज आने वाला महाकुंभ का जो भी श्रद्धालु मुस्लिम मोहल्लों से गुजरे तो उन पर फूलों की बारिश की जाए.
इस बार महाकुंभ का अद्भुत संयोग पूरे 144 साल बाद बना है ऐसे में कोई भी इस पवित्र अवसर को नहीं छोड़ना चाहेगा. दरअसल, हर 3 साल में कुंभ का संयोंग बनता है वहीं, 6 साल में अर्धकुंभ जबकि हर 12 साल में होता है पूर्ण कुंभ और 144 वर्षों में होता है महाकुंभ. ऐसे में योगी सरकार के लिए भी ये बड़ा अवसर है खुद CM योगी ने इसकी कमान अपने हाथ में ली है. अद्भुत और भव्यता में ये आयोजन नए रिकॉर्ड कायम करेगा. योगी कैबिनेट में मंत्री संजय निषाद ने महाकुंभ की तैयारियों को लेकर कहा, इस बार इतिहास का सबसे अद्भुत महाकुंभ होगा. साथ ही उन्होंने CM योगी की तारीफ भी की।
बहरहाल गंगा यमुना और सरस्वती का यह अनोखा संगम धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है जिसका जिक्र सदियों पुराने धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में भी है ऐसे में हर हिंदू के लिए यह आस्था और पवित्रता का अहसास है. जो सभी सियासी दांव पेंचों औऱ राजनीतियों से ऊपर है।
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