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Maha Kumbh: जितेंद्र नारायण उर्फ वसीम रिजवी का ऐलान- हिंदू बनेगा जो भी मुसलमान, मिलेंगे 3000 रुपये ईनाम !

Prayagraj: Maha Kumbh के खास मौके पर संगम में डुबकी लगाने आए वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पूर्व वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने किया ऐलान- जो भी मुसलमान घरवापसी करके बनेगा हिंदू उसे हर महीने तीन हजार रुपये दिये जाएंगे !

12 Feb, 2025
( Updated: 12 Feb, 2025
10:40 AM )
Maha Kumbh: जितेंद्र नारायण उर्फ वसीम रिजवी का ऐलान- हिंदू बनेगा जो भी मुसलमान, मिलेंगे 3000 रुपये ईनाम !
जी हां आपने बिल्कुल सही सुना। तीर्थ राज प्रयागराज की जिस धरती पर 144 साल बाद आए दुर्लभ संयोग में भव्य महाकुंभ का आयोजन हो रहा है।लाखों करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। उसी संगम नगरी से एक मुस्लिम ने ये ऐलान किया है कि जो भी मुसलमान हिंदू धर्म में घर वापसी करेंगे उन्हें हर महीने तीन हजार रुपये दिये जाएंगे।

तन पर भगवा। माथे पर चंदन और उस पर ओम का निशान।जिसे देख कर आप भी सोच रहे होंगे कि ये कोई जन्म से कट्टर सनातनी होगा।लेकिन जब हकीकत सुनेंगे तो आप भी दंग रह जाएंगे। क्योंकि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के नाम से मशहूर इस शख्स का नाम कभी वसीम रिजवी हुआ करता था।और शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी हुआ करते थे। लेकिन कुछ ही साल पहले घर वापसी करके वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बन गये हैं।और अब चाहते हैं कि देश के तमाम मुसलमान भी घरवापसी करके हिंदू बन जाएं। इसीलिये 11 फरवरी को महाकुंभ के खास मौके पर सबसे पहले तो संगम में डुबकी लगाई। और फिर उसी महाकुंभ की धरती से जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने मुसलमानों से घर वापसी करने की अपील भी की।


मुस्लिम से हिंदू बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी मुसलमानों की घर वापसी के लिए एक संगठन भी बना रहे हैं। जिसके जरिये घर वापसी करने वाले लोगों को पूरी तरह से सनातन धर्म अपनाने तक हर महीने तीन हजार रुपये दिये जाएंगे।और कारोबार में भी पूरी मदद की जाएगी।

कौन हैं जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ?


UP शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं वसीम रिजवी। 3 साल पहले इस्लाम छोड़ कर हिंदू बन गये वसीम रिजवी। वसीम रिजवी से सीधे जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बन गये। नरसिंहानंद गिरि महाराज ने करवाई सनातन धर्म में वापसी। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं नरसिंहानंद गिरी महाराज।

गाजियाबाद के डासना मंदिर पहुंचकर वसीम रिजवी ने कहा था कि जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है, तो ये मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं, मैंने सनातन धर्म चुना, क्योंकि ये दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। इस्लाम छोड़ कर हिंदू बने वसीम रिजवी का सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद हवन पूजन के साथ शुद्धिकरण किया गया था। ये सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए गए थे। और अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बने वसीम रिजवी दूसरे मुसलमानों को भी घरवापसी करने पर तीन हजार रुपये महीना देने का वादा कर रहे हैं। 

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