World Lung Day 2025 : सांस फूलना से लेकर लगातार खांसी तक – ये 5 Symptoms हैं फेफड़ों की खराब सेहत की पहचान
World Lung Day 2025 पर जानें फेफड़ों की खराब सेहत के 5 बड़े संकेत – सांस फूलना, लगातार खांसी, सीने में दर्द, थकान और घरघराहट. इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज और समय रहते डॉक्टर से जांच कराएं.
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- प्रदूषण: लगातार धूल, धुआं और स्मॉग फेफड़ों की कार्यक्षमता को कमजोर कर देता है.
- धूम्रपान और तंबाकू: लंग कैंसर और COPD के सबसे बड़े कारण यही हैं.
- इनडोर पॉल्यूशन: घर के अंदर धुआं, धूपबत्ती, अगरबत्ती, लकड़ी का चूल्हा भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है.
- कमजोर इम्युनिटी: संक्रमण जल्दी पकड़ लेता है और बार-बार खांसी-जुकाम होने लगता है.
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल: शारीरिक गतिविधियों की कमी और असंतुलित खानपान भी लंग्स की हेल्थ बिगाड़ते हैं.
बार-बार सांस फूलना (Shortness of Breath) : अगर थोड़ी सी मेहनत करने पर भी सांस फूल जाए या सीढ़ियां चढ़ते समय बार-बार सांस रुकने लगे, तो यह फेफड़ों की कमजोरी या डैमेज का संकेत हो सकता है.
- यह अस्थमा, COPD और लंग्स इंफेक्शन का शुरुआती लक्षण है.
- इसे इग्नोर करने से धीरे-धीरे सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है.
लगातार खांसी (Persistent Cough) : लगातार दो से तीन हफ्ते तक खांसी रहना, खासकर अगर खांसी के साथ बलगम या खून भी आए, तो यह ब्रोंकाइटिस, टीबी, या फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है.
- धूम्रपान करने वालों को अक्सर यह समस्या होती है.
- लंबे समय तक रहने वाली खांसी को हल्के में लेना बहुत खतरनाक हो सकता है.
- यह लक्षण अस्थमा, फेफड़ों के इंफेक्शन और पल्मोनरी एम्बोलिज़्म (lungs में blood clot) का संकेत हो सकता है.
- यदि दर्द लगातार बढ़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से जांच जरूरी है.
- इसकी वजह से व्यक्ति जल्दी थक जाता है, कमजोरी महसूस करता है और एनर्जी लेवल बहुत कम हो जाता है.
- कई बार लोग इसे केवल कमजोरी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह लंग डैमेज का शुरुआती संकेत हो सकता है.
- अस्थमा और एलर्जी वाले मरीजों में यह आम है.
- समय पर इलाज न करने पर सांस लेने में गंभीर दिक्कत हो सकती है.
- डॉ. राजीव शर्मा, पल्मोनोलॉजिस्ट कहते हैं – “लोग अक्सर खांसी और सांस फूलने को छोटी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन अगर ये लक्षण लगातार बने रहें तो यह COPD या लंग कैंसर का संकेत हो सकता है. ”
- डॉ. अनिता मेहरा, लंग स्पेशलिस्ट का कहना है – “फेफड़ों की बीमारियां जल्दी पकड़ी जाएं तो इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन देरी से इलाज गंभीर रूप ले सकता है. ”
- धूम्रपान और तंबाकू से पूरी तरह दूरी बनाएं.
- प्रदूषण में बाहर निकलते समय मास्क पहनें.
- घर को वेंटिलेशन दें और इनडोर पॉल्यूशन से बचें.
- Breathing Exercises, योग और प्राणायाम रोज करें.
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लें – हरी सब्जियां, फल और हल्दी फेफड़ों की सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं.
- समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहें.
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