Advertisement

आँसू क्यों आते हैं? जानें आँखों और दिमाग पर पड़ता है इनका क्या असर

आंखों को नम और हाइड्रेटेड रखने में आंसू मदद करते हैं. ये बैक्टीरिया या एलर्जी से रक्षा करने के साथ ही आंखों में गए महीन धूल को धोकर आंखों की रक्षा भी करते हैं, जिससे जलन और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा, आंसू आंखों को पोषक तत्वों, इलेक्ट्रोलाइट्स और एंजाइम से पोषण देते हैं, जिससे आंखें हेल्दी बनी रहती हैं.

आँसू क्यों आते हैं? जानें आँखों और दिमाग पर पड़ता है  इनका क्या असर
कई बार ऐसा होता है कि हम छोटी-छोटी बातों पर भावुक हो जाते हैं और हमारी आँखें नम हो जाती हैं या आँसू बहने लगते हैं. चाहे वह खुशी का पल हो, दुख का या कोई इमोशनल फिल्म, बात-बात पर आँसू आना कुछ लोगों के लिए सामान्य बात है. अक्सर लोग इसे कमज़ोरी का संकेत मानते हैं, लेकिन क्या सच में ऐसा है? क्या यह नेत्रों के लिए अच्छा है या बुरा? आइए समझते हैं आँसुओं के पीछे के विज्ञान और भावनाओं का हमारी आँखों पर पड़ने वाले प्रभाव को.

आपको दुनिया दिखाने वाली आंखों की सेहत के लिए ‘आंसू’ बहुमूल्य चीज है. विशेषज्ञ बताते हैं कि जिन लोगों को अधिक रोने की आदत होती है, उनकी आंखों में संक्रमण बहुत कम होता है.  

ज़्यादा रोने वालों की आंखों में संक्रमण होता है बहुत कम


वैज्ञानिक, मेडिकल किताबें और लेख पर अध्ययन करने वाली वेबसाइट साइंस 'डायरेक्ट' के मुताबिक, लाइसोजाइम एक बैक्टीरियोलाइटिक एंजाइम है, जो हमारे शरीर में लार, आंसू और बलगम में पाया जाता है. यह बैक्टीरिया की दीवार को तोड़कर उन्हें नष्ट करता है, जिससे हमारा शरीर संक्रमण से बचता है.  इसकी संरचना और काम करने का तरीका इतना स्पष्ट और उपयोगी है कि वैज्ञानिक इसे प्रोटीन के अध्ययन के लिए एक 'मॉडल' की तरह इस्तेमाल करते हैं. 

जो लोग अधिक रोते हैं, उनकी आंखों में संक्रमण बहुत कम होता है. रोने से आंखों से लाइसोजाइम नाम का तत्व निकलता है, जो आंखों को स्वस्थ बनाता है. 

आँखों की रक्षा करते हैं आंसू 


आंखों को नम और हाइड्रेटेड रखने में आंसू मदद करते हैं. ये बैक्टीरिया या एलर्जी से रक्षा करने के साथ ही आंखों में गए महीन धूल को धोकर आंखों की रक्षा भी करते हैं, जिससे जलन और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा, आंसू आंखों को पोषक तत्वों, इलेक्ट्रोलाइट्स और एंजाइम से पोषण देते हैं, जिससे आंखें हेल्दी बनी रहती हैं. 

ज़्यादा रोना भी बुरा 


हालांकि, डॉक्टर्स का मानना है कि ज्यादा रोने से आंखों में सूजन आ सकती है, जो आंख के नेचुरल टियर बैलेंस के लिए भी खतरनाक होता है, जिससे आंखों में सूखापन महसूस होता है. 

मुख्य रूप से आँसू तीन प्रकार के होते हैं


1. बेसल आँसू (Basal Tears) 
ये वो आँसू होते हैं जो हमारी आँखों को लगातार नम और स्वस्थ रखते हैं. ये आँखों को सूखने से बचाते हैं, धूल-मिट्टी और छोटे कणों को बाहर निकालते हैं, और आँखों को चिकनाई प्रदान करते हैं. ये आँसू आँखों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं.

2. रिफ्लेक्स आँसू (Reflex Tears)
ये आँसू तब आते हैं जब हमारी आँखें किसी बाहरी उत्तेजना के संपर्क में आती हैं, जैसे धुआँ, धूल, तेज़ हवा, या प्याज काटना. ये आँसू आँखों से इन उत्तेजक पदार्थों को धोने का काम करते हैं, जिससे आँखों को नुकसान से बचाया जा सके.

3. भावनात्मक आँसू (Emotional Tears)
ये आँसू तब आते हैं जब हम किसी मजबूत भावना, जैसे खुशी, दुख, क्रोध, तनाव, या सहानुभूति का अनुभव करते हैं. भावनात्मक आँसू शारीरिक और रासायनिक रूप से अन्य आँसुओं से भिन्न होते हैं. इनमें स्ट्रेस हार्मोन (जैसे कोर्टिसोल) और अन्य प्रोटीन अधिक मात्रा में होते हैं.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें