डायबिटीज़ से लेकर त्वचा तक के लिए वरदान है त्रिफला! जानिए कब और कैसे करें सेवन?
आज कल की भगदौड़ भरी जिंदगी में अपनी सेहत का खयाल रख पाना लोगों के लिए मुश्किल बनता जा रहा है. ऐसे में बीमारी, कमजोरी, बाल झड़ना, त्वचा का रूखापन आम समस्या बनती जा रही है. इन समस्याओं से निजात पाने के लिए लोग डॉक्टरों के पास पहुंचते हैं लेकिन ये नहीं जानते कि इसका उपाय आयुर्वेद में ही छिपा है.
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आज की तेज रफ्तार भरी जिंदगी में जब ज्यादातर लोग एलोपैथी दवाओं और इंस्टेंट उपायों पर निर्भर हो गए हैं, वहीं आयुर्वेद का एक प्राचीन और भरोसेमंद नुस्खा त्रिफला आज भी उतना ही प्रभावी और लोकप्रिय है. त्रिफला तीन फलों जैसे आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण है. ये तीनों फल मिलकर ऐसा संतुलन बनाते हैं जो शरीर को अंदर से साफ, मजबूत और स्वस्थ रखते हैं.
शरीर के लिए कितना जरुरी है आंवले का सेवन?
आंवला विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है और यह शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत देता है. हरड़ पाचन शक्ति को दुरुस्त रखती है और शरीर की सफाई करती है, जबकि बहेड़ा कफ को नियंत्रित कर सांस से जुड़ी परेशानियों में राहत देता है. जब ये तीनों को एक साथ मिलाया जाता है, तो शरीर के तीनों दोष (वात, पित्त और कफ) संतुलित हो जाते हैं. इसी वजह से आयुर्वेद में इसे त्रिदोष संतुलक औषधि कहा गया है.
त्रिफला के फायदें जान हैरान रह जायेंगे आप!
त्रिफला सिर्फ एक दवा नहीं, बल्कि जीवनशैली का एक हिस्सा है. अगर इसे नियमित रूप से लिया जाए तो यह शरीर को भीतर से डिटॉक्स करता है, कोशिकाओं को पोषण देता है और मन को शांत रखता है. इसके फायदे अनगिनत हैं. अगर आपको कब्ज या गैस की समस्या रहती है तो रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें, सुबह पेट हल्का और साफ महसूस होगा. यह पाचन शक्ति बढ़ाने, वजन घटाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है. जो लोग डिटॉक्स की तलाश में हैं. उनके लिए यह बेहद असरदार है, क्योंकि यह शरीर से विषैले तत्व निकाल देता है.
त्वचा और बालों के लिए कितना फायदेमंद है त्रिफला?
त्रिफला त्वचा और बालों के लिए भी वरदान है. इसका पेस्ट चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे और मुंहासे कम होते हैं. बालों को इससे धोने पर रूसी दूर होकर बाल मजबूत होते हैं. इसके अलावा त्रिफला जल से आंखें धोना भी फायदेमंद होता है.
डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान है त्रिफला!
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डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह मददगार माना गया है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है. साथ ही मुंह की दुर्गंध या छालों जैसी समस्याओं में त्रिफला से कुल्ला करना लाभकारी है.
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