Advertisement

किडनी-लीवर, दिल-दिमाग...स्वाद ही नहीं सेहत का भी खजाना है ‘काली उड़द’ की दाल

काली उड़द की दाल स्वास्थ्य, बेहतर पाचन और दैनिक ऊर्जा के लिए एक शक्तिशाली आहार है. काली उड़द को अपने खाने की थाली में शामिल करने से कई फायदे मिलते हैं.

25 Jul, 2025
( Updated: 25 Jul, 2025
11:55 AM )
किडनी-लीवर, दिल-दिमाग...स्वाद ही नहीं सेहत का भी खजाना है ‘काली उड़द’ की दाल

रसोईघर में दालों का विशेष स्थान है, ऐसे में चने, मूंग, अरहर के साथ ही काली उड़द दाल का भी खासा स्थान है.  काली उड़द की दाल न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि पौष्टिक गुणों के लिए भी लोकप्रिय है.  काले छिलके वाली यह दाल प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी-6, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का खजाना है. 

 ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रित
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, काली उड़द की दाल स्वास्थ्य, बेहतर पाचन और दैनिक ऊर्जा के लिए एक शक्तिशाली आहार है. काली उड़द को अपने खाने की थाली में शामिल करने से कई फायदे मिलते हैं.  काली उड़द में मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम हृदय स्वास्थ्य को सही तो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं. यह नर्वस सिस्टम को मजबूत कर तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करती है. 

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है काली उड़द 
फाइबर से भरपूर यह दाल पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाती है. यह चयापचय को बढ़ाकर ऊर्जा स्तर को बनाए रखती है.

बेहद गुणकारी है काली उड़द
आयुर्वेद में काली उड़द की दाल को कई फायदों को देने वाली दाल के रूप में जाना जाता है. इसकी ठंडी तासीर के कारण यह सिरदर्द, नकसीर, जोड़ों के दर्द, लिवर की सूजन, अल्सर, बुखार जैसी समस्याओं में लाभकारी है. यह सूजन को कम करती है और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है. यही नहीं, यह शरीर से अतिरिक्त पानी और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है, जिससे किडनी बेहतर तरीके से काम करती है.

हड्डियों और मांसपेशियों को भी रखे मजबूत 
कैल्शियम और प्रोटीन से युक्त काली उड़द की दाल हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूत करती है. काली उड़द दाल अत्यंत लाभकारी है; यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत का खजाना भी है. यह हृदय, पाचन, हड्डियों और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करती है और कई बीमारियों में औषधि की तरह काम करती है. 

इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए
हालांकि, इसका सेवन संयमित और अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार करना चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं.  इसके अधिक सेवन से वात और अपच, पेट फूलने की समस्या हो सकती है. इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए.

इस तरह से करें काली उड़द का सेवन
काली उड़द दाल को दाल, खिचड़ी, वड़ा, डोसा या पापड़ के रूप में खाया जा सकता है. इसे हल्के मसालों और घी के साथ पकाने से स्वाद और पोषण दोनों बढ़ते हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें